शोभना शर्मा, अजमेर। राजस्थान के जयपुर, अजमेर और टोंक जिलों की जीवनरेखा कहे जाने वाला बीसलपुर बांध इस शुक्रवार को छलकने के कगार पर है। बांध में लगातार बढ़ रही पानी की आवक के चलते बांध प्रशासन ने गेट खोलने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। बुधवार को बीसलपुर बांध में 27 सेंटीमीटर पानी की आवक हुई, और फिलहाल हर घंटे एक सेंटीमीटर पानी का स्तर बढ़ रहा है। इससे बांध का जलस्तर 314.96 आरएलमीटर पर पहुंच गया है, जबकि त्रिवेणी का बहाव 3.40 मीटर है। बीसलपुर बांध का कुल गेज 315.50 आरएलमीटर है, और इस स्तर पर पहुंचने के बाद गेट खोलने की आवश्यकता होती है।
बीसलपुर बांध के निर्माण के बाद से अब तक केवल छह बार गेट खोले गए हैं। पहली बार 18 अगस्त 2004 को बांध का जलस्तर पूरा भरने के बाद गेट खोले गए थे। पिछले साल 2022 में भी गेट खोले गए थे। बांध से जयपुर, अजमेर और टोंक जिलों को पानी की आपूर्ति होती है, इसलिए इसकी महत्ता और भी बढ़ जाती है।
बीसलपुर बांध परियोजना के अधिशाषी अभियंता मनीष बंसल के अनुसार, बांध पर सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मानसून की मौजूदा स्थिति और आने वाले दिनों में संभावित बारिश को देखते हुए यह संभावना है कि इस बार सितंबर महीने में गेट खोले जाएंगे। यह पहली बार होगा जब सितंबर में बांध के गेट खोले जाएंगे, क्योंकि अब तक अगस्त में ही बांध छलकने की घटनाएं हुई हैं।
बीसलपुर बांध का कैचमेंट एरिया राजस्थान के छह जिलों में फैला हुआ है, जिसमें भीलवाड़ा का 51 प्रतिशत, चित्तौड़गढ़ का 17 प्रतिशत, उदयपुर का 6 प्रतिशत, अजमेर का 15 प्रतिशत, टोंक का 2 प्रतिशत और प्रतापगढ़ का 1 प्रतिशत क्षेत्र शामिल है। चित्तौड़गढ़ के गंभीरी डेम से पानी की निकासी के बाद उसका पानी भी बीसलपुर बांध में आता है, जिससे जलस्तर में वृद्धि होती है।
बीसलपुर बांध का इस तरह से भरना जयपुर, अजमेर और टोंक जिलों के लिए राहत की खबर है, लेकिन इसके साथ ही बांध प्रशासन को गेट खोलने के समय सावधानी बरतने की भी आवश्यकता है।