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सरिस्का टाइगर रिजर्व में इलेक्ट्रिक बस सेवा की तैयारी

सरिस्का टाइगर रिजर्व में इलेक्ट्रिक बस सेवा की तैयारी

मनीषा शर्मा। सरिस्का टाइगर रिजर्व और पांडुपोल हनुमान मंदिर के क्षेत्र में पर्यावरणीय सुधार और संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से इलेक्ट्रिक बस सेवा शुरू करने की तैयारी चल रही है। यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट की सेंट्रल एम्पावर्ड कमेटी (CEC) की सिफारिशों के बाद लिया गया है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होगी, जिसमें इलेक्ट्रिक बस संचालन से संबंधित सभी पहलुओं पर चर्चा की जाएगी।

इलेक्ट्रिक बस का ट्रायल और संचालन की योजना

सरिस्का टाइगर रिजर्व में इलेक्ट्रिक बस सेवा शुरू करने के लिए एक मिनी ई-बस का ट्रायल किया गया। यह 14 सीटर मिनी बस सरिस्का मुख्यालय से पांडुपोल तक चलाई गई। सरिस्का बाघ परियोजना के उप वन संरक्षक अभिमन्यु सहारण ने स्टाफ के साथ इस बस में यात्रा की। यह बस एक बार चार्ज होने पर 60-70 किलोमीटर तक चलने में सक्षम है।

ट्रायल के दौरान सरिस्का सदर गेट से पांडुपोल पहुंचने में करीब 3 घंटे लगे। ट्रायल के बाद बस संचालन की लागत और किराए की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार निर्णय लिया जाएगा।

निजी वाहनों पर प्रतिबंध और सिफारिशें

CEC की सिफारिशों के अनुसार, 31 मार्च 2025 के बाद सरिस्का में निजी वाहनों के प्रवेश पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा। इसके विकल्प के रूप में केवल इलेक्ट्रिक बसों का संचालन होगा।
सरकार ने इस योजना को लागू करने के लिए 6 महीने का अतिरिक्त समय मांगा है। इसके अलावा, सरिस्का-टहला स्टेट हाइवे 29 ए को डिनोटिफाइड कर दिया गया है, और स्टेट हाइवे नंबर 13 के कुछ हिस्सों में कॉमर्शियल वाहनों के प्रवेश पर रोक लगाई गई है।

सरिस्का में बाघ संरक्षण की पहल

सरिस्का टाइगर रिजर्व में फिलहाल 43 बाघ मौजूद हैं। हाल ही में टाइग्रेस ST-17 ने तीन शावकों को जन्म दिया, जिससे यह संख्या बढ़ी।
सरिस्का में 2004 में बाघों का पूरी तरह से सफाया हो गया था। लेकिन 2008 से रणथंभौर से बाघों को यहां लाकर पुनर्स्थापित किया गया। आज सरिस्का का जंगल 882 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है और यह बाघों के संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण स्थल बन चुका है।

सरिस्का में बाघों का इतिहास

1978-79 में सरिस्का को टाइगर रिजर्व घोषित किया गया था। उस समय यहां 40-44 बाघ थे। लेकिन शिकार और तस्करी के कारण 2004 तक यह संख्या शून्य हो गई। जांच में पाया गया कि बाघों के अंगों की तस्करी चीन और ताइवान तक की गई थी। इस मामले में मुख्य आरोपी संसारचंद्र को गिरफ्तार किया गया।

सरिस्का का महत्व और भविष्य

सरिस्का टाइगर रिजर्व न केवल पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक है, बल्कि यह राज्य में जैव विविधता और पारिस्थितिकी को भी सुदृढ़ करता है। इलेक्ट्रिक बस सेवा की शुरुआत इस क्षेत्र के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, जो पर्यावरण पर वाहनों के दुष्प्रभाव को कम करेगी और पर्यटन को भी बढ़ावा देगी।

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