शोभना शर्मा, अजमेर। भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के माहौल में आज अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में विशेष दुआओं का आयोजन किया गया। दरगाह के खादिमों और देशभर से आए जायरीनों ने जुम्मे की नमाज के बाद भारत की सुरक्षा, सेना की हिफाजत और देश में अमन-चैन के लिए दुआएं मांगीं। यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक समर्थन का प्रतीक बना, बल्कि एकजुटता और शांति के संदेश का भी वाहक बना।
दरगाह के वरिष्ठ खादिम सैयद मोहम्मद यामीन हाशमी, सैयद शाहिद और जाहिद अली हसद ने विशेष प्रार्थना में भाग लिया। उन्होंने कहा कि भारत उनका वतन है और ख्वाजा गरीब नवाज की धरती से यह संदेश जाता है कि हिंदुस्तान सलामत रहे, भाईचारा कायम रहे और आतंकवादी ताकतों का नाश हो।
खादिमों ने इस अवसर पर हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में मारे गए निर्दोष नागरिकों को श्रद्धांजलि दी और उनकी आत्मा की शांति के लिए भी दुआ की। उन्होंने कहा कि सिर्फ कूटनीतिक प्रयास नहीं, बल्कि देश को आध्यात्मिक शक्ति और लोगों की प्रार्थना की भी जरूरत है।
दरगाह परिसर में मौजूद सैकड़ों जायरीनों ने दोनों हाथ उठाकर देश की हिफाजत और सैनिकों की सफलता के लिए दुआएं मांगीं। इस दौरान माहौल बेहद भावुक था और सभी ने एक स्वर में आतंकवाद के खात्मे और अमन-चैन की बहाली की प्रार्थना की।
एक खादिम ने कहा, “हम ख्वाजा गरीब नवाज से दुआ करते हैं कि हमारे सैनिकों को शक्ति और सफलता मिले। वे आतंकवादियों के खिलाफ हर मोर्चे पर कामयाब हों और देश के दुश्मनों का खात्मा हो।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि “हम हर नमाज में यह दुआ करते हैं कि भारत में शांति बनी रहे, और इंसानियत को कोई खतरा न हो।”
इस आयोजन में राजस्थान ही नहीं, पंजाब, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और दिल्ली जैसे राज्यों से भी जायरीन शामिल हुए। दरगाह प्रशासन ने भी श्रद्धालुओं की भावनाओं का आदर करते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए थे। जुम्मे की नमाज के दौरान की गई यह दुआ भारत में चल रही वर्तमान परिस्थितियों के मद्देनज़र बहुत खास मानी जा रही है। यह साबित करता है कि धार्मिक स्थल भी देश की एकता और सुरक्षा के लिए न केवल आध्यात्मिक बल देते हैं, बल्कि लोगों के मनोबल को भी सशक्त करते हैं।