मनीषा शर्मा। बारां जिले की अंता विधानसभा सीट से उपचुनाव में शानदार जीत दर्ज करने वाले कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद जैन भाया ने आज विधायक पद की शपथ ली। राजस्थान विधानसभा में स्पीकर वासुदेव देवनानी ने अपने चैंबर में उन्हें शपथ दिलाई। इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, कांग्रेस सचेतक रफीक खान सहित कई विधायक मौजूद रहे। उपचुनाव के परिणाम के बाद विधानसभा में कांग्रेस की संख्या अब 65 हो गई है, जिससे पार्टी के मनोबल में एक बार फिर बढ़ोतरी देखने को मिली है।
उपचुनाव में कांग्रेस को मिली महत्वपूर्ण जीत
अंता उपचुनाव में कांग्रेस ने सत्ता पक्ष को कड़ी टक्कर देते हुए जीत हासिल की। प्रमोद जैन भाया ने बीजेपी उम्मीदवार मोरपाल सुमन को हराया, जबकि निर्दलीय नरेश मीणा मामूली अंतर से तीसरे नंबर पर रहे। यह परिणाम राज्य की राजनीति में कांग्रेस को मजबूती देने वाला माना जा रहा है।
सीट क्यों हुई खाली?
अंता सीट 2023 के विधानसभा चुनावों में कंवरलाल मीणा ने जीती थी, जो पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समर्थक माने जाते हैं। लेकिन 20 साल पुराने एसडीएम पर पिस्टल तानने के मामले में उन्हें सजा बरकरार रहने के बाद 1 मई को हाईकोर्ट के आदेश अनुसार उनकी विधायकी समाप्त मानी गई। इसी कारण 11 नवंबर को उपचुनाव कराए गए।
सदन में अब सक्रिय भूमिका निभाने को तैयार भाया
विधायक की शपथ लेने के बाद ही उन्हें सदन में सवाल लगाने, मुद्दे उठाने और सभी विशेषाधिकार मिलने शुरू हो जाते हैं। शपथ ग्रहण के साथ ही भाया अब विधानसभा में जनता से जुड़े मुद्दों को सीधे उठाने के हकदार हो गए हैं। भाया ने कहा कि वे सदन में भी और सड़क पर भी जनता की आवाज मजबूत करेंगे।
किसानों के मुद्दों पर भाया का कड़ा रुख
शपथ समारोह के बाद प्रमोद जैन भाया ने विधानसभा के बाहर मीडिया से बातचीत की और बारां जिले के किसानों की बदहाली का मुद्दा प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि— “बारां जिले में तीन बार अतिवृष्टि के कारण फसलें खराब हो चुकी हैं, लेकिन सरकार की ओर से किसानों को अब तक उचित मुआवजा नहीं मिला।” भाया ने बताया कि ज़िले में इस बार गेहूं की बुवाई अधिक हुई है, लेकिन यूरिया की सप्लाई बेहद कम है, जिससे किसान लाइनें लगाकर परेशान हो रहे हैं। उन्होंने यूरिया संकट पर 7 दिन की चेतावनी देते हुए कहा कि— “अगर समय पर यूरिया उपलब्ध नहीं कराया गया तो 2 दिसंबर को गढ़ेपान यूरिया संयंत्र के सामने धरना दिया जाएगा।” भाया ने संयंत्र से होने वाले प्रदूषण का मुद्दा भी उठाया और कहा कि हवा और पानी दोनों प्रदूषित हो रहे हैं, लेकिन किसानों को इसका कोई लाभ नहीं मिल रहा।
विपक्ष के आरोपों पर जवाब
चुनावों के दौरान लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए भाया ने कहा कि राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप आम बात है, लेकिन उनका काम हमेशा जनता के बीच रहा है और आगे भी रहेगा। उन्होंने कहा कि— “मेरे विरोधियों ने तरह-तरह का प्रोपेगेंडा फैलाने की कोशिश की, लेकिन जनता ने उनका जवाब दे दिया। मैं पहले भी जनता के बीच था, आज भी हूं और मरते दम तक जनता के बीच ही रहूंगा।”
भविष्य की राजनीतिक सक्रियता के संकेत
भाया की जीत से न सिर्फ कांग्रेस उत्साहित है बल्कि विपक्ष के तौर पर पार्टी अब राज्य की राजनीति में और ज्यादा सक्रिय होती दिख रही है। कांग्रेस के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने भी भाया की जीत को जनता की नाराजगी और किसानों की समस्याओं से जोड़ा है।


