शोभना शर्मा। राजस्थान के जैसलमेर में फर्जी आरएएस अधिकारी बनकर घूम रहे हरजीत सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। अजमेर निवासी हरजीत सिंह VIP ट्रीटमेंट लेने के लिए अपनी गाड़ी पर लाल बत्ती लगाकर और फर्जी आईडी कार्ड के साथ घूम रहा था। पुलिस ने उसे पकड़कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया।
फर्जी पहचान के साथ पुलिस पर रौब:
हरजीत सिंह (32) अजमेर के फायसागर रोड, बोराज का निवासी है। वह गाड़ियों को किराए पर देने और स्थानीय पत्रकारिता करने की बात कह रहा है। जैसलमेर में सोमवार रात करीब 9 बजे वह अपनी इनोवा गाड़ी के साथ सोनार किले में दाखिल हुआ। गाड़ी पर लाल बत्ती लगी थी और गाड़ी के आगे-पीछे “स्टेट मोटर विभाग, राजस्थान सरकार” लिखा हुआ था।
पुलिस ने जब उसकी गाड़ी और पहचान पत्र की जांच की तो उसने खुद को राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) का अधिकारी बताया। हालांकि, उसकी गाड़ी का नंबर अजमेर का था, जबकि ज्यादातर सरकारी गाड़ियां जयपुर नंबर की होती हैं। इसी संदेह के आधार पर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
VIP ट्रीटमेंट के लिए बना फर्जी अधिकारी:
पुलिस की जांच में यह बात सामने आई कि हरजीत सिंह VIP ट्रीटमेंट लेने और लोगों पर रौब जमाने के लिए फर्जी RAS अधिकारी बनकर घूम रहा था। उसने गाड़ी पर लाल-नीली प्रतिबंधित एलईडी लाइट और फर्जी पहचान पत्र का इस्तेमाल किया। पुलिस कर्मियों पर धौंस जमाने और टोल टैक्स से बचने के लिए वह इस फर्जी पहचान का लाभ उठाता था।
पुलिस की पूछताछ में खुलासे:
हरजीत सिंह से पूछताछ के दौरान कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं:
फर्जी आईडी कार्ड: उसने फर्जी आरएएस अधिकारी का आईडी कार्ड बनवाया था।
लाल बत्ती का दुरुपयोग: अपनी गाड़ी को सरकारी गाड़ी जैसा दिखाने के लिए उसने प्रतिबंधित लाल-नीली लाइट और स्टेट मोटर विभाग का लोगो लगाया।
ठगी के मामले: पुलिस यह भी जांच कर रही है कि हरजीत ने अब तक कितने लोगों को ठगा है।
पुलिस की सतर्कता से हुआ पर्दाफाश:
सोमवार रात, जैसलमेर के सोनार किले पर हरजीत सिंह ने अपनी गाड़ी अंदर ले जाने की कोशिश की। इसी दौरान एसपी सुधीर चौधरी ने उसे रोका और गाड़ी की जांच की। गाड़ी पर लिखे स्टेट मोटर विभाग के नाम और उसके फर्जी पहचान पत्र ने उसे फंसा दिया।
परिजनों से हो रही पूछताछ:
पुलिस अब अजमेर में हरजीत सिंह के परिजनों और जानकारों से भी पूछताछ कर रही है। इसके साथ ही, यह जांच की जा रही है कि उसने अपनी फर्जी पहचान का उपयोग करके और कितने लोगों को धोखा दिया है।
वीआईपी ट्रीटमेंट के लिए अपराध:
हरजीत सिंह ने फर्जी आरएएस अधिकारी बनकर:
टोल टैक्स बचाया।
पुलिस कर्मियों पर रौब जमाया।
सार्वजनिक स्थानों पर VIP सुविधाएं लीं।
लाल बत्ती का गैरकानूनी उपयोग:
हरजीत सिंह ने अपनी इनोवा गाड़ी पर लाल बत्ती और “स्टेट मोटर विभाग” का नाम लिखा। यह पूरी तरह से अवैध है। पुलिस ने गाड़ी को जब्त कर लिया है और जांच जारी है।
ठगी के अन्य मामलों की जांच:
हरजीत सिंह ने खुद को RAS अधिकारी बताकर और लोगों से लाभ उठाया। पुलिस अब तक उसके खिलाफ दर्ज शिकायतों और अन्य ठगी के मामलों की जांच कर रही है।
पुलिस रिमांड पर पूछताछ:
कोर्ट ने हरजीत सिंह को तीन दिन की पुलिस रिमांड पर भेजा है। इस दौरान, पुलिस उससे:
फर्जी पहचान पत्र बनाने के स्रोत के बारे में।
लाल बत्ती और अन्य उपकरणों की खरीद की जानकारी।
ठगी के अन्य मामलों की जानकारी।