शोभना शर्मा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट ने एक बार फिर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर तीखा हमला बोला है और केंद्र सरकार से सीजफायर को लेकर स्पष्टता की मांग की है। उन्होंने कहा कि अब देश आतंकवाद से पूरी तरह तंग आ चुका है और इसकी जड़ को खत्म करना अनिवार्य हो गया है। पायलट ने कहा कि जो ताकतें पाकिस्तान की सरजमीं पर आतंकवाद को पाल रही हैं, उनका सफाया बेहद जरूरी है।
राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में राजीव गांधी पर आधारित प्रदर्शनी के उद्घाटन अवसर पर मीडिया से बातचीत करते हुए पायलट ने कहा कि चाहे कश्मीर हो या पंजाब, पिछले कई दशकों से पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद ने भारत को नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि इस विषय पर सभी राजनीतिक दलों को एकजुट रहना चाहिए और इसमें कोई मतभेद नहीं होना चाहिए।
पायलट ने भारतीय सेना के “ऑपरेशन सिंदूर” की सराहना करते हुए कहा कि हमारी सेना ने न केवल भारत की रक्षा की है, बल्कि उन ठिकानों को भी ध्वस्त किया है जो आतंकवाद की नर्सरी बन चुके थे। उन्होंने कहा कि हमें हमारी सेना पर गर्व है और हम उनके परिवारजनों का भी अभिनंदन करते हैं, जिन्होंने अपने सपूतों को देश की सुरक्षा के लिए भेजा।
सीजफायर और विदेशी हस्तक्षेप पर सवाल
सचिन पायलट ने भारत-पाकिस्तान के बीच युद्धविराम की घोषणा पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि यह पहली बार है जब किसी तीसरे देश — अमेरिका — के राष्ट्रपति द्वारा सीजफायर की घोषणा की गई, जो बेहद असामान्य और अप्रत्याशित है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि पाकिस्तान पहले भी सीजफायर उल्लंघन करता रहा है, जिससे भारत के नागरिकों को जान-माल की क्षति होती रही है। ऐसे देश पर कैसे विश्वास किया जा सकता है?
उन्होंने चिंता जताई कि अमेरिका और IMF द्वारा पाकिस्तान को दिए गए आर्थिक सहायता का इस्तेमाल कहीं फिर से टेरर फंडिंग में न हो। उन्होंने कहा कि भारत सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि किस आधार पर और किन आश्वासनों के चलते युद्धविराम किया गया है।
पायलट ने कहा कि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता की बजाय देश के शीर्ष नेतृत्व को इस मुद्दे पर सीधा वक्तव्य देना चाहिए, ताकि लोगों का भरोसा बना रहे कि व्यापार या अंतरराष्ट्रीय दबाव में आकर समझौते नहीं किए गए हैं।
कश्मीर पर अमेरिका की टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण
अमेरिका द्वारा कश्मीर को लेकर हाल में दिए गए बयान पर भी पायलट ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कश्मीर भारत का द्विपक्षीय मुद्दा है, इसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाना गलत है। उन्होंने पाकिस्तान की राजनीतिक और प्रशासनिक स्थिति की आलोचना करते हुए कहा कि भारत और पाकिस्तान की तुलना करना अनुचित है क्योंकि भारत लोकतांत्रिक और मजबूत गणराज्य है जबकि पाकिस्तान एक अस्थिर और सैन्य प्रभाव वाला देश है।
कांग्रेस की भूमिका और राहुल गांधी की सदस्यता का मुद्दा
पायलट ने याद दिलाया कि 22 अप्रैल को जैसे ही घटना घटी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके सरकार को पूरा समर्थन दिया था। उन्होंने दोहराया कि कांग्रेस आतंकवाद के खिलाफ सरकार के साथ है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की सदस्यता बिना किसी ठोस कारण के रद्द की गई, जो अलोकतांत्रिक है।
उन्होंने बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा के खिलाफ कोर्ट का आदेश आने के बावजूद कोई कार्रवाई न होने पर भी विधानसभा अध्यक्ष को आड़े हाथों लिया। पायलट ने कहा कि कानून सबके लिए समान होना चाहिए और विधानसभा में निष्पक्षता दिखनी चाहिए। दोहरे मापदंड लोकतंत्र को कमजोर करते हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवाद को उजागर करेगा भारतीय प्रतिनिधिमंडल
सचिन पायलट ने जानकारी दी कि शशि थरूर के नेतृत्व में एक भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के सबूतों और तथ्यों के साथ अपनी बात रखेगा। मुंबई हमला, पुलवामा और पहलगाम जैसी घटनाओं के पीछे पाकिस्तान का हाथ होने के पुख्ता प्रमाण प्रस्तुत किए जाएंगे।