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राजस्थान के सांसदों का संसद रिपोर्ट कार्ड: मदन राठौड़ शीर्ष पर, सोनिया गांधी और गरासिया सबसे नीचे

राजस्थान के सांसदों का संसद रिपोर्ट कार्ड: मदन राठौड़ शीर्ष पर, सोनिया गांधी और गरासिया सबसे नीचे

शोभना शर्मा ।  संसद के शीतकालीन सत्र की तैयारियों के बीच मानसून सत्र में राजस्थान के सांसदों के प्रदर्शन का रिपोर्ट कार्ड सामने आया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, राज्यसभा सदस्य और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने सर्वाधिक 57 प्रश्न पूछे, जिससे वे प्रदेश के सबसे सक्रिय सांसद साबित हुए। वहीं राज्यसभा सदस्य सोनिया गांधी और उदयपुर के चुन्नीलाल गरासिया ने एक भी प्रश्न नहीं पूछा, जिसके चलते वे सूची में सबसे नीचे हैं। राजस्थान से संसद के दोनों सदनों—लोकसभा और राज्यसभा—को मिलाकर कुल 35 सांसद हैं। इन सभी के प्रदर्शन का मूल्यांकन मानसून सत्र में पूछे गए सवालों और उपस्थिति के आधार पर किया गया।

मदन राठौड़ शीर्ष पर, लुंबाराम चौधरी दूसरे स्थान पर

राज्यसभा से भाजपा नेता मदन राठौड़ ने सबसे अधिक 57 प्रश्न पूछकर सक्रियता का परिचय दिया। दूसरे स्थान पर जालौर के सांसद लुंबाराम चौधरी रहे, जिन्होंने 44 प्रश्न संसद में उठाए। तीसरे स्थान पर उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत और पीपी चौधरी संयुक्त रूप से रहे, दोनों ने 41-41 प्रश्न पूछे। इनके अलावा भीलवाड़ा के दामोदर अग्रवाल और राज्यसभा सदस्य नीरज डांगी ने 39-39 प्रश्न पूछे। इस रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के कुछ सांसदों ने सक्रिय भूमिका निभाई, जबकि कुछ पूरी तरह निष्क्रिय रहे।

उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत ने कायम रखी उपस्थिति

राजस्थान के उदयपुर से सांसद मन्नालाल रावत न केवल सवाल पूछने में सक्रिय रहे, बल्कि उनकी संसद में उपस्थिति 100 प्रतिशत रही। इसी तरह भीलवाड़ा सांसद दामोदर अग्रवाल की उपस्थिति भी पूर्ण रही, जिससे उन्हें प्रदेश के सबसे जागरूक सांसदों में गिना गया है।

राजकुमार रोत का फोकस राजस्थान से ज्यादा अन्य राज्यों पर

बांसवाड़ा-डूंगरपुर से सांसद राजकुमार रोत इस बार सवाल पूछने में काफी पीछे रहे। उन्होंने केवल 19 प्रश्न पूछे, जो उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत के प्रश्नों का आधा भी नहीं थे। संसद में उनके सवालों का फोकस राजस्थान की अपेक्षा छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार जैसे अन्य राज्यों से जुड़े मुद्दों पर अधिक रहा।

मंत्री और लोकसभा अध्यक्ष सवाल नहीं पूछ सकते

यह भी स्पष्ट किया गया कि केंद्र सरकार के केंद्रीय मंत्री और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला संसद में प्रश्न नहीं पूछ सकते। इस श्रेणी में अर्जुनराम मेघवाल, भागीरथ चौधरी, भूपेंद्र यादव, गजेंद्र सिंह शेखावत और रवनीत सिंह बिट्टू जैसे मंत्री आते हैं, जिनका नाम रिपोर्ट में शामिल नहीं किया गया।

राजस्थान के सांसदों का रैंक कार्ड (सवालों के आधार पर)

रैंकसांसद का नाम

सदन

पूछे गए सवालों की संख्या

1

मदन राठौड़

राज्यसभा

57

2

लुंबाराम चौधरी

लोकसभा

44

3

मन्नालाल रावत

लोकसभा

41

3

पीपी चौधरी

लोकसभा

41

5

दामोदर अग्रवाल

लोकसभा

39

5

नीरज डांगी

राज्यसभा

39

7

महिमा कुमारी

लोकसभा

35

8

प्रमोद तिवारी

राज्यसभा

32

9

मुकुल वासनिक

राज्यसभा

27

10

दुष्यंत सिंह

लोकसभा

25

11

राहुल कस्वां

लोकसभा

23

12

रणदीप सुरजेवाला

राज्यसभा

22

12

हनुमान बेनीवाल

लोकसभा

22

12

अमराराम

लोकसभा

22

15

मंजू शर्मा

लोकसभा

21

15

राव राजेंद्र सिंह

लोकसभा

21

17

उम्मेदाराम बेनीवाल

लोकसभा

20

18

मुरारीलाल मीणा

लोकसभा

19

18

राजकुमार रोत

लोकसभा

19

18

कुलदीप इंदौरा

लोकसभा

19

21

हरिशचंद्र मीणा

लोकसभा

17

22

घनश्याम तिवारी

राज्यसभा

15

23

ब्रिजेंद्र सिंह ओला

लोकसभा

14

24

राजेंद्र गहलोत

राज्यसभा

13

25

सीपी जोशी

लोकसभा

12

26

संजना जाटव

लोकसभा

10

27

भजनलाल जाटव

लोकसभा

4

28

चुन्नीलाल गरासिया

राज्यसभा

0

28

सोनिया गांधी

राज्यसभा

0


सोनिया गांधी और गरासिया के प्रदर्शन पर उठे सवाल

रिपोर्ट में सबसे अधिक चर्चा इस बात को लेकर है कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और चुन्नीलाल गरासिया ने मानसून सत्र के दौरान एक भी सवाल नहीं पूछा।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह रवैया राजस्थान के मतदाताओं के प्रति उत्तरदायित्व की कमी दर्शाता है। वहीं भाजपा नेताओं ने इसे कांग्रेस की “जनहित में निष्क्रियता” बताया है।

राजनीतिक विश्लेषण: सक्रियता का मतलब जनजागरूकता

राजनीतिक जानकारों का मानना है कि संसद में सवाल पूछना केवल एक औपचारिक कार्य नहीं, बल्कि जनता की आवाज उठाने का माध्यम है। मदन राठौड़, मन्नालाल रावत और दामोदर अग्रवाल जैसे सांसदों की सक्रियता यह दिखाती है कि वे अपने क्षेत्र के मुद्दों को लेकर सजग हैं। वहीं जिन सांसदों ने कोई प्रश्न नहीं पूछा, उनके प्रति जनता का भरोसा आगामी चुनावों में प्रभावित हो सकता है।

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