मनीषा शर्मा। बागेश्वर धाम के प्रमुख पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने गुरुवार को राजस्थान के नाथद्वारा स्थित श्रीनाथजी मंदिर में संध्या आरती के दर्शन किए। उनके साथ कथा वाचक इंद्रेश उपाध्याय और राधाकृष्ण महाराज भी मौजूद थे। पंडित शास्त्री ने श्रीजी के दर्शन कर भारत को जल्द से जल्द हिंदू राष्ट्र बनने की प्रार्थना की। उनके आगमन से मंदिर में भक्तों और श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर था।
श्रीनाथजी मंदिर में परंपरागत स्वागत
मंदिर पहुंचने के बाद पंडित धीरेंद्र शास्त्री और उनके साथियों का मंदिर की परंपरा के अनुसार स्वागत किया गया। महाप्रभुजी की बैठक में अधिकारी सुधाकर शास्त्री, सहायक अधिकारी अनिल सनाढ्य और सचिव लीलाधर पुरोहित ने उन्हें उपरना रजाई ओढ़ाकर और श्रीनाथजी का प्रसाद भेंट कर समाधान किया। इस दौरान धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि अल्प समय में दोबारा श्रीनाथजी के दर्शन पाकर वे अभिभूत हैं।
महाकुंभ में रियल आस्था के लिए जाने की अपील
धीरेंद्र शास्त्री ने अपने संबोधन में कहा कि 144 साल बाद महाकुंभ का आयोजन हो रहा है, और यह प्रत्येक सनातनी के लिए आस्था और परंपरा का विषय है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे कुंभ मेले में रील्स बनाने के बजाय रियल आस्था के लिए जाएं। उन्होंने कहा, “देश के युवाओं को इतना सक्षम बनना चाहिए कि लोग उनके साथ सेल्फी लेने की चाह रखें, न कि वे सेलिब्रिटी के पीछे भागें।”
श्रीनाथजी से हिंदू राष्ट्र की प्रार्थना
पंडित शास्त्री ने अपने संदेश में यह भी कहा कि उन्होंने श्रीनाथजी से भारत को जल्द हिंदू राष्ट्र बनाने की प्रार्थना की है। उन्होंने इसे केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी आवश्यक बताया। उनका मानना है कि यह परिवर्तन देश को एक नई दिशा देगा।
गुप्त दौरा और सुरक्षा के कड़े इंतजाम
पंडित धीरेंद्र शास्त्री के दौरे को पूरी तरह गुप्त रखा गया था। उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए चार थानों की पुलिस व्यवस्था लगाई गई थी। मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में विशेष प्रबंध किए गए, ताकि दौरा शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो सके।
आनंद उत्सव में शामिल हुए
श्रीनाथजी के दर्शन के बाद धीरेंद्र शास्त्री अपने साथियों के साथ 120 फीट रोड स्थित पार्किंग स्थल पर आयोजित श्रीगिरधरलालजी आनंद उत्सव में भाग लेने पहुंचे। यहां उन्होंने धार्मिक अनुष्ठान में हिस्सा लिया और भक्तों के साथ समय बिताया।