शोभना शर्मा। 8 और 9 मई 2025 की रात पाकिस्तान द्वारा किए गए दुस्साहसिक ड्रोन हमलों और वायुसीमा उल्लंघन की घटनाओं ने एक बार फिर उसके नापाक मंसूबों को उजागर कर दिया है। विदेश मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश सचिव विक्रम मिसरी, कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने इन हमलों की जानकारी साझा करते हुए बताया कि पाकिस्तान ने लेह से लेकर सर क्रीक तक 36 विभिन्न स्थानों पर 300 से 400 ड्रोनों के जरिए घुसपैठ की कोशिश की।
इन ड्रोनों का उद्देश्य भारत की वायु रक्षा प्रणाली का परीक्षण करना और खुफिया जानकारी एकत्र करना था। भारतीय सशस्त्र बलों ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए इन प्रयासों को विफल कर दिया। कई ड्रोन को काइनेटिक और नॉन-काइनेटिक तकनीकों से मार गिराया गया है। प्रारंभिक जांच में इन ड्रोनों के तुर्किये में निर्मित होने की पुष्टि हुई है, जिससे स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान ने विदेशी तकनीक का उपयोग कर भारत पर हमला करने की साजिश रची थी।
कर्नल कुरैशी ने बताया कि पाकिस्तानी सेना ने भारी कैलिबर वाले हथियारों से नियंत्रण रेखा पर गोलाबारी भी की और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने का प्रयास किया। पाकिस्तान की ओर से यह हमला भारतीय ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में किया गया माना जा रहा है, जिसमें भारत ने आतंकियों के ठिकानों पर सटीक हमला कर उन्हें नष्ट कर दिया था।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी बताया गया कि पाकिस्तान ने हमले के बावजूद नागरिक हवाई क्षेत्र को बंद नहीं किया और अपने नागरिक विमानों को ढाल के रूप में इस्तेमाल किया। भारत ने इसके विपरीत, नागरिक हवाई सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए वायुक्षेत्र खाली कर दिया था। भारतीय वायुसेना ने संयम बरतते हुए सुनिश्चित किया कि किसी भी अंतरराष्ट्रीय नागरिक विमान को कोई खतरा न हो।
जवाबी कार्रवाई में भारत ने पाकिस्तान के चार हवाई रक्षा स्थलों पर हमले किए, जिनमें से एक पर सशस्त्र ड्रोन ने वहां के एयर डिफेंस रडार को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया। इसके साथ ही, बठिंडा सैन्य स्टेशन को निशाना बनाने आए एक पाकिस्तानी UAV को भी समय रहते निष्क्रिय कर दिया गया।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने यह भी जानकारी दी कि पाकिस्तान की ओर से तंगधार, उड़ी, पुंछ, मेंढर, राजौरी, अखनूर और उधमपुर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में भारी गोलाबारी की गई। हालांकि, भारतीय सेना की तैयारियों के कारण पाकिस्तान को किसी भी उद्देश्य में सफलता नहीं मिली।
भारत के इस साहसी और संयमित रुख ने न केवल पाकिस्तान की रणनीति को नाकाम किया है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी भारत की सुरक्षा नीतियों और सैन्य क्षमताओं को मजबूती से प्रस्तुत किया है। आने वाले दिनों में इस घटना से जुड़े ड्रोन के मलबे की फॉरेंसिक जांच से और भी महत्वपूर्ण सुराग मिलने की उम्मीद है।