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पाकिस्तानी जायरीनों की अजमेर से खरीदारी: हेलमेट से लेकर आयोडेक्स तक

पाकिस्तानी जायरीनों की अजमेर से खरीदारी: हेलमेट से लेकर आयोडेक्स तक

शोभना शर्मा। अजमेर में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 813वें उर्स के अवसर पर आए पाकिस्तानी जायरीनों ने भारत से सस्ती कीमतों का फायदा उठाते हुए जमकर खरीदारी की। जायरीनों ने हेलमेट, आयोडेक्स, सोन पापड़ी, सोन हलवा, वैसलीन का मॉइस्चराइजर, बीकाजी नमकीन और प्रेशर कुकर जैसे सामान खरीदे।

पाकिस्तानी जायरीनों का कहना है कि भारत के मुकाबले पाकिस्तान में इन वस्तुओं की कीमतें 5 गुना तक अधिक हैं। इस बार 89 जायरीन और 2 पाकिस्तानी एंबेसी अधिकारी विशेष ट्रेन से पाकिस्तान लौटे, और जाते समय उन्होंने अपनी झोलियां भर लीं।

हेलमेट से आयोडेक्स तक: 4 घंटे में जमकर खरीदारी

पाकिस्तानी जायरीनों को खरीदारी के लिए गुरुवार दोपहर 3 बजे से शाम 7 बजे तक का समय दिया गया था। इस दौरान उन्होंने रोजमर्रा की जरूरतों और परिवार के लिए तोहफों की खरीदारी की।

  • खरीदे गए मुख्य सामान:
    हेलमेट, साड़ियां, ज्वेलरी, बिस्किट, सोन पापड़ी, सोन हलवा, बीकाजी नमकीन, प्रेशर कुकर, और वैसलीन मॉइस्चराइजर।
  • महंगाई का असर:
    जायरीनों ने बताया कि पाकिस्तान में भारत के मुकाबले इन वस्तुओं की कीमतें 5 गुना अधिक हैं। उदाहरण के तौर पर, भारत में 290 रुपए का वैसलीन मॉइस्चराइजर पाकिस्तान में 940 पाकिस्तानी रुपए में मिलता है।

महंगाई और क्वालिटी का अंतर

पाकिस्तानी जायरीनों ने न सिर्फ महंगाई का जिक्र किया, बल्कि भारत और पाकिस्तान में मिलने वाले सामान की गुणवत्ता का भी फर्क बताया।

  • महंगाई का असर:
    जायरीनों का कहना है कि पाकिस्तान में आम जीवन में उपयोग होने वाले सामान भी अत्यधिक महंगे हैं।
  • क्वालिटी का अंतर:
    भारतीय सामान की गुणवत्ता पाकिस्तान के मुकाबले बेहतर मानी जाती है।

खाली हाथ आए, भरी झोलियों के साथ लौटे

उर्स में शामिल होने के लिए आए जायरीनों ने कहा कि वे खाली झोली लेकर आए थे, लेकिन यहां से भरी हुई झोलियां लेकर जा रहे हैं।

  • खास खरीदारी:
    उन्होंने अजमेर का मशहूर सोन हलवा और अन्य मिठाइयां भी खरीदीं।
  • भाईचारे की दुआ:
    एक जायरीन ने कहा कि दोनों देशों के बीच भाईचारा बना रहे और धार्मिक यात्राएं इसी तरह चलती रहें।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम

पाकिस्तानी जायरीनों की रवानगी के समय सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर रहीं।

  • चेकिंग प्रक्रिया:
    जायरीनों को रेलवे स्टेशन पर प्रवेश से पहले सुरक्षा जांच से गुजरना पड़ा।
  • रवानगी:
    जायरीनों को पुरानी मंडी स्थित सेंट्रल गर्ल्स स्कूल से रेलवे स्टेशन तक बसों में लाया गया और विशेष ट्रेन से पाकिस्तान रवाना किया गया।

पिछले साल से कम जायरीन और खरीदारी

पिछले साल 812वें उर्स में 200 से अधिक पाकिस्तानी जायरीन आए थे, जिन्होंने लगभग 2 करोड़ रुपए की खरीदारी की थी।

  • इस साल की स्थिति:
    इस बार केवल 89 जायरीन को एंबेसी से परमिशन दी गई, और उन्होंने एक दिन में लगभग 40 लाख रुपए की खरीदारी की।
  • नियमों की सख्ती:
    इस साल एंबेसी और प्रशासन की सख्ती के कारण जायरीनों की संख्या में कमी देखी गई।

उर्स के दौरान दरगाह में चादर चढ़ाई

पाकिस्तानी जायरीनों ने ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के उर्स के दौरान पाकिस्तान सरकार की ओर से दरगाह में चादर चढ़ाई।

  • जुलूस के रूप में पहुंचे:
    जायरीन नया बाजार स्थित सेंट्रल गर्ल्स स्कूल से कड़ी सुरक्षा के बीच दरगाह पहुंचे।
  • धार्मिक यात्रा का महत्व:
    यह धार्मिक यात्रा दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और धार्मिक संबंधों को मजबूत करती है।

भारत-पाकिस्तान: महंगाई और संबंधों का सवाल

अजमेर उर्स के दौरान पाकिस्तानी जायरीनों की खरीदारी ने महंगाई, गुणवत्ता और भारत-पाकिस्तान के संबंधों को लेकर चर्चा छेड़ दी है।

  • धार्मिक और सांस्कृतिक पहलू:
    यह धार्मिक यात्रा दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक पुल का काम करती है।
  • महंगाई का मुद्दा:
    पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई का असर जायरीनों की खरीदारी में साफ झलकता है।

 

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