शोभना शर्मा। भारत सरकार ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए उन पाकिस्तानी नागरिकों के लिए नागरिकता आवेदन प्रक्रिया को पुनः प्रारंभ करने का आदेश दिया है, जो वर्तमान में भारत में लॉन्ग टर्म वीजा (LTV) पर रह रहे हैं लेकिन अब तक भारतीय नागरिकता प्राप्त नहीं कर पाए हैं। इस संबंध में गृह मंत्रालय द्वारा 28 अप्रैल 2025 को आदेश जारी किया गया है।
नागरिकता के लिए आवेदन की नई व्यवस्था
गृह मंत्रालय के आदेश के अनुसार, ऐसे सभी पाकिस्तानी नागरिकों को अब सत्यापित दस्तावेजों के साथ e-FRRO पोर्टल (https://indianfrro.gov.in) पर नए सिरे से आवेदन करना अनिवार्य होगा। यह निर्णय विदेशी अधिनियम, 1946 की धारा 3(1) के तहत लिया गया है, जिससे पहले जारी एलटीवी रद्द नहीं किए जाएंगे, लेकिन प्रक्रिया को फिर से निर्धारित करना होगा।
आवेदन की तिथि और पोर्टल की उपलब्धता
पुलिस महानिरीक्षक (सुरक्षा) राजस्थान डॉ. विष्णुकांत के अनुसार, नया आवेदन पोर्टल 10 मई 2025 से शुरू होगा और 10 जुलाई 2025 तक खुला रहेगा। इस अवधि के भीतर यदि कोई भी पात्र पाकिस्तानी नागरिक आवेदन नहीं करता, तो उसका दीर्घकालिक वीजा रद्द कर दिया जाएगा।
किन दस्तावेजों की होगी आवश्यकता
LTV धारकों को e-FRRO पोर्टल पर आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेज अपलोड करने होंगे:
वैध लॉन्ग टर्म वीजा प्रमाण पत्र की प्रति
सफेद पृष्ठभूमि में पासपोर्ट आकार की नवीनतम तस्वीर
नवीनतम पते का प्रमाण (जैसे बिजली बिल, राशन कार्ड, आदि)
पेशे/व्यवसाय और धर्म की जानकारी
यदि नागरिकता के लिए पहले आवेदन किया गया है तो उसकी प्रति
इन दस्तावेजों के बिना आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा और नागरिकता संबंधी प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न होगी।
प्रक्रिया का उद्देश्य
भारत सरकार का यह कदम प्रवासन और नागरिकता से संबंधित व्यवस्थाओं को डिजिटल और पारदर्शी बनाने की दिशा में एक अहम प्रयास है। इससे न केवल नागरिकता प्रक्रिया में गति आएगी, बल्कि झूठे या अपूर्ण दस्तावेजों के आधार पर मिलने वाले लाभों पर भी अंकुश लगेगा।
गृह मंत्रालय के निर्देशों की पालना जरूरी
गृह मंत्रालय की ओर से स्पष्ट किया गया है कि सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के एफआरआरओ कार्यालय इस प्रक्रिया की निगरानी करेंगे। यदि कोई व्यक्ति निर्धारित अवधि में आवेदन नहीं करता या दस्तावेज अधूरे पाये जाते हैं, तो संबंधित व्यक्ति का लॉन्ग टर्म वीजा स्वतः रद्द माना जाएगा।
राजस्थान में विशेष सतर्कता
राजस्थान जैसे सीमावर्ती राज्य में लंबे समय से बड़ी संख्या में पाकिस्तानी विस्थापित निवास कर रहे हैं, जिनमें से अधिकांश सिंधी और हिंदू समुदाय से आते हैं। ऐसे में राज्य में इस प्रक्रिया को सुचारु रूप से संचालित करना और पात्र आवेदकों को समय रहते मार्गदर्शन देना प्रशासन की प्राथमिकता होगी।


