मनीषा शर्मा, अजमेर। सितंबर का महीना ओवेरियन कैंसर अवेयरनेस मंथ के रूप में जाना जाता है। अमेरिकन कैंसर सोसाइटी ने इसे शुरू किया था ताकि महिलाएं इस खतरनाक बीमारी के प्रति जागरूक हो सकें। ओवेरियन कैंसर महिलाओं में होने वाला तीसरा सबसे बड़ा कैंसर है, और इसका पता लगाना बहुत कठिन होता है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) की 2019 की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में प्रति 1 लाख महिलाओं पर लगभग 6.8 ओवेरियन कैंसर के मामले सामने आते हैं। यह कैंसर तब अधिक खतरनाक हो जाता है जब इसका पता लगने में देर हो जाती है, जो कि 75% मामलों में चौथे स्टेज पर होता है।
ओवेरियन कैंसर के लक्षण
ओवेरियन कैंसर के लक्षण बहुत देर से सामने आते हैं, जिससे इसका पता लगाना कठिन हो जाता है। शुरुआती लक्षण हल्के होते हैं और आमतौर पर नजरअंदाज कर दिए जाते हैं। कुछ सामान्य लक्षण इस प्रकार हैं:
- पेट में सूजन
- लगातार पेट दर्द या पेल्विक दर्द
- भूख कम लगना या जल्दी पेट भरना
- वजन में अचानक बदलाव
- बार-बार पेशाब आना
- पीरियड्स में अनियमितता या हैवी ब्लीडिंग
इन लक्षणों की अनदेखी करने से कैंसर शरीर में बढ़ सकता है, इसलिए अगर ये लक्षण लगातार बने रहें तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
ओवेरियन कैंसर की स्टेज और प्रकार
ओवेरियन कैंसर की 4 मुख्य स्टेज होती हैं, जिनमें कैंसर का फैलाव और गंभीरता बढ़ती जाती है। स्टेज 1 में कैंसर अंडाशय तक सीमित होता है, जबकि स्टेज 4 में यह अन्य अंगों तक फैल सकता है। इसके अलावा, ओवेरियन कैंसर के कुछ मुख्य प्रकार इस प्रकार हैं:
एपिथेलियल ओवेरियन कैंसर (Epithelial Ovarian Cancer): यह सबसे सामान्य प्रकार का ओवेरियन कैंसर है, जो अंडाशय की बाहरी परत से उत्पन्न होता है।
प्राइमरी पेरिटोनियल कैंसर (Primary Peritoneal Cancer): यह पेरिटोनियम की दुर्लभ बीमारी है, और इसका सर्वाइवल रेट 11-17 महीने का होता है।
फैलोपियन ट्यूब कैंसर (Fallopian Tube Cancer): यह भी एक दुर्लभ प्रकार का कैंसर है।
बॉर्डरलाइन ओवेरियन ट्यूमर (Borderline Ovarian Tumours): इसमें अंडाशय को कवर करने वाले टिशू में असामान्य कोशिकाएं बन जाती हैं।
ओवेरियन कैंसर के कारण
ओवेरियन कैंसर के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें सबसे प्रमुख हैं:
उम्र: जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, ओवेरियन कैंसर का खतरा बढ़ता जाता है। यह ज्यादातर 55-64 वर्ष की उम्र के बीच होता है।
फैमिली हिस्ट्री: अगर परिवार में किसी को ओवेरियन, कोलोन या ब्रेस्ट कैंसर रहा हो, तो इस कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।
हार्मोनल कारण: एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन हॉर्मोन्स का असंतुलन ओवेरियन कैंसर का कारण बन सकता है।
लाइफस्टाइल: धूम्रपान, शराब का सेवन, और अस्वस्थ खानपान भी इस कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं।
ओवेरियन कैंसर का निदान
ओवेरियन कैंसर का पता लगाने के लिए निम्नलिखित परीक्षण किए जाते हैं:
- अल्ट्रासाउंड: अंडाशय की स्थिति जानने के लिए।
- सीटी स्कैन (CT Scan): कैंसर का फैलाव जानने के लिए।
- एमआरआई (MRI): आंतरिक अंगों की गहरी जांच के लिए।
इन परीक्षणों से कैंसर की स्थिति और स्टेज का पता चलता है, जिससे इलाज की सही योजना बनाई जा सकती है।
ओवेरियन कैंसर का उपचार
ओवेरियन कैंसर का उपचार इसकी स्टेज और प्रकार पर निर्भर करता है। इसके मुख्य उपचार निम्नलिखित हैं:
सर्जरी: इसमें अंडाशय और कैंसर वाले हिस्सों को निकाल दिया जाता है।
कीमोथेरेपी: कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने के लिए दवाइयों का इस्तेमाल होता है।
रेडियोथेरेपी: उच्च ऊर्जा किरणों से कैंसर कोशिकाओं को खत्म किया जाता है।
टार्गेटेड थेरेपी: इसमें विशेष दवाओं का प्रयोग किया जाता है जो सिर्फ कैंसर कोशिकाओं पर ही असर करती हैं।
ओवेरियन कैंसर से बचाव के 7 जरूरी टिप्स
ओवेरियन कैंसर से बचने के लिए महिलाएं इन सावधानियों को अपना सकती हैं:
- संतुलित आहार लें: अपने आहार में हरी सब्जियों, फलों और प्रोटीन युक्त भोजन को शामिल करें।
- नियमित व्यायाम करें: रोजाना 30 मिनट की एक्सरसाइज शरीर को स्वस्थ रखती है और कैंसर का खतरा कम करती है।
- धूम्रपान और शराब से बचें: धूम्रपान और अल्कोहल कैंसर के खतरे को बढ़ाते हैं, इसलिए इन्हें त्यागना चाहिए।
- नियमित जांच करवाएं: महिलाओं को नियमित रूप से बॉडी स्क्रीनिंग और पेल्विक परीक्षण कराना चाहिए।
- फैमिली हिस्ट्री पर ध्यान दें: अगर आपके परिवार में किसी को कैंसर रहा है, तो आपको खास ध्यान देने की जरूरत है।
- स्वस्थ वजन बनाए रखें: वजन नियंत्रित रखना ओवेरियन कैंसर के खतरे को कम करता है।
- हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी पर विचार करें: मेनोपॉज के बाद अगर आप हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी ले रही हैं, तो डॉक्टर से सलाह लें।
ओवेरियन कैंसर महिलाओं के लिए एक गंभीर और खतरनाक बीमारी है, जो समय रहते पता न चलने पर जानलेवा हो सकती है। इसकी जागरूकता बढ़ाने के लिए हर महिला को अपने शरीर के लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए और समय-समय पर मेडिकल जांच करानी चाहिए। जीवनशैली में सुधार और नियमित व्यायाम कैंसर के खतरे को कम करने में मदद कर सकते हैं। ओवेरियन कैंसर से लड़ने के लिए सबसे महत्वपूर्ण कदम है जल्दी से जल्दी निदान और सही इलाज, जिससे इस खतरनाक बीमारी से बचा जा सकता है।