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राजस्थान कांग्रेस में संगठन सृजन अभियान तेज, 48 जिलों में तैयार हुए जिलाध्यक्षों के पैनल

राजस्थान कांग्रेस में संगठन सृजन अभियान तेज, 48 जिलों में तैयार हुए जिलाध्यक्षों के पैनल

शोभना शर्मा। राजस्थान कांग्रेस में संगठन सृजन अभियान अब निर्णायक चरण में पहुंच चुका है। पार्टी ने प्रदेश के 50 में से 48 जिलों में जिलाध्यक्षों के पैनल तैयार कर लिए हैं। केवल बारां और झालावाड़ जिले के पैनल उपचुनाव की वजह से अभी तक तय नहीं किए गए हैं। इस बार कांग्रेस ने जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के लिए नई प्रक्रिया अपनाई है, जिसके तहत प्रत्येक जिले में पर्यवेक्षकों ने कार्यकर्ताओं और नेताओं से चर्चा कर नामों का चयन किया है।

पार्टी आलाकमान की बैठक में बनी रूपरेखा

जयपुर स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में शुक्रवार को महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने राजस्थान प्रभारी सुखजिंद्र सिंह रंधावा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के साथ बैठक की। इस बैठक में पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट पर चर्चा हुई और पैनलों को अंतिम रूप देने की दिशा में सहमति बनी। सूत्रों के मुताबिक, हर जिले में 6-6 नामों का पैनल तैयार किया गया है, लेकिन कुछ जिलों में यह संख्या 6 से कम भी रखी गई है। अब पार्टी उच्च नेतृत्व इन पैनलों में से तीन-तीन नामों का अंतिम पैनल तैयार करेगा, जिसमें से एक को जिलाध्यक्ष बनाया जाएगा।

बड़े नेताओं के समर्थक भी पैनलों में शामिल

बताया जा रहा है कि इन पैनलों में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी गुट के नेताओं के नाम शामिल हैं। इससे साफ है कि पार्टी नेतृत्व ने सभी गुटों के संतुलन को बनाए रखते हुए संगठनात्मक ढांचा तैयार करने की कोशिश की है।

जयपुर सहित प्रमुख जिलों के पैनल

राजधानी जयपुर शहर के पैनल में सुनील शर्मा, पुष्पेंद्र भारद्वाज, अमीन कागजी, अर्चना शर्मा, आरआर तिवाड़ी और रफीक खान जैसे नाम शामिल किए गए हैं। जयपुर ग्रामीण पूर्व से राजेंद्र यादव, गोपाल मीणा, मनीष यादव, मोहन डागर, वेदप्रकाश सोलंकी के नाम हैं। वहीं जयपुर ग्रामीण पश्चिम के पैनल में विद्याधर सिंह चौधरी, बाबूलाल नागर, हरीश यादव, हनुमान बराला जैसे प्रभावशाली नेता शामिल किए गए हैं।

अलवर, दौसा, कोटा, अजमेर और भरतपुर में भी नई ऊर्जा

दौसा जिले में कमल मीणा, छोटू मीणा, ममता भूपेश, डीसी बैरवा, संतोष गुप्ता, संदीप शर्मा, रामजीलाल ओड़ का नाम पैनल में शामिल है। अलवर में योगेश मिश्रा, दीनबंधु, श्वेता सैनी, अजीत यादव को मौका मिला है। कोटा शहर के पैनल में राखी गौतम, शिवकांत नंदवाना, नईमुद्दीन गुड्डू, रवींद्र त्यागी, क्रांति तिवाड़ी और अनूप ठाकुर का नाम शामिल है। अजमेर शहर से धर्मेंद्र राठौड़, महेंद्र सिंह रलावता, विजय जैन, शैलेंद्र अग्रवाल, राजकुमार जयपाल, द्रोपदी कौली का नाम शामिल है।  अजमेर देहात से  विकास चौधरी, महेंद्र गुर्जर, नसीम अख्तर इंसाफ, राकेश शर्मा, सुनील गुर्जर, शिवप्रकाश गुर्जरजैसे नाम शामिल किए गए हैं। भरतपुर और डीग जिलों के पैनलों में भी कई नए और पुराने नेताओं को जोड़ा गया है, जिनमें दिनेश सूपा, धर्मेंद्र शर्मा, राजीव चौधरी, अंकित खंडेलवाल, जाहिदा खान जैसे नाम प्रमुख हैं।

मेवाड़ और हाड़ौती क्षेत्रों में गहलोत समर्थकों का वर्चस्व

मेवाड़ क्षेत्र के जिलों — उदयपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, प्रतापगढ़, बांसवाड़ा और डूंगरपुर — के पैनलों में गहलोत समर्थक माने जाने वाले नेताओं का दबदबा दिखा है। उदयपुर शहर से फतेह सिंह राठौड़, दिनेश श्रीमाली, पंकज शर्मा, हितांशी शर्मा, अजय पोरवाल, अरमान जैन के नाम शामिल हैं। वहीं प्रतापगढ़ में दिग्विजय सिंह, इंद्रा मीणा, नितिन जैन, भानुप्रताप सिंह को जगह मिली है। हाड़ौती क्षेत्र के कोटा, बूंदी और भीलवाड़ा जिलों में भी पुराने कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी गई है।

उत्तर राजस्थान में युवा नेतृत्व को मौका

बीकानेर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर और चूरू जिलों के पैनलों में युवाओं और महिला नेताओं को भी शामिल किया गया है। बीकानेर शहर से अनिल कल्ला, मदन गोपाल मेघवाल, अनिल व्यास, जिया उर रहमान, यशपाल गहलोत जैसे नाम प्रमुख हैं। हनुमानगढ़ जिले में शबनम गोदारा, पवन गोदारा, श्रवण तंवर, भरत मेघवाल, कृष्ण नेहरा जैसे नाम शामिल किए गए हैं।

अंतिम सूची नवंबर में जारी होने की संभावना

पार्टी सूत्रों के अनुसार, अब पर्यवेक्षकों द्वारा तैयार की गई सूची को प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा समीक्षा के बाद आलाकमान को भेजा जाएगा। इसके बाद तीन नामों के छोटे पैनल तैयार होंगे, जिनमें से एक को प्रत्येक जिले का जिलाध्यक्ष बनाया जाएगा। यह प्रक्रिया नवंबर 2025 के पहले सप्ताह तक पूरी होने की उम्मीद है। राजस्थान कांग्रेस के इस संगठन सृजन अभियान को आगामी 2028 विधानसभा चुनाव की तैयारी का प्रारंभिक कदम माना जा रहा है। पार्टी ने इस प्रक्रिया के जरिए संगठन में संतुलन, प्रतिनिधित्व और युवा भागीदारी सुनिश्चित करने की रणनीति अपनाई है।

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