शोभना शर्मा। दिल्ली में गुरुवार को आयोजित सर्वदलीय बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर अभी भी जारी है। 7 मई को पाकिस्तान के खिलाफ की गई एयरस्ट्राइक के बाद भी इस अभियान को रोका नहीं गया है। राजनाथ सिंह ने कहा कि यह कार्रवाई पाकिस्तान द्वारा समर्थित आतंकवादी संगठनों के खिलाफ है और इसका उद्देश्य सीमापार आतंकी ठिकानों को पूरी तरह खत्म करना है।
यह बैठक दिल्ली के पार्लियामेंट एनेक्सी भवन में आयोजित की गई, जिसमें कई प्रमुख नेताओं ने हिस्सा लिया। इसमें गृहमंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी जैसे दिग्गज शामिल हुए।
बैठक के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने मीडिया को बताया कि रक्षा मंत्री का स्पष्ट कहना है कि ऑपरेशन अभी समाप्त नहीं हुआ है और जरूरत पड़ने पर फिर से कार्रवाई की जाएगी। सूत्रों के अनुसार, इस ऑपरेशन में अब तक 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए हैं, लेकिन चूंकि ऑपरेशन जारी है, इसलिए सटीक संख्या बताना फिलहाल संभव नहीं है।
बैठक में विपक्षी नेताओं ने सरकार की कार्रवाई का समर्थन किया। राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि संकट की घड़ी में वे पूरी तरह सरकार के साथ हैं। राहुल गांधी ने कहा, “हर एक्शन पर हमारा सरकार को पूरा समर्थन है।” खड़गे ने यह भी जोड़ा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इस तरह की मीटिंग में खुद उपस्थित रहना चाहिए क्योंकि अंतिम निर्णय वही लेते हैं।
AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी ऑपरेशन सिंदूर के लिए सरकार और भारतीय सशस्त्र बलों की सराहना की। उन्होंने यह मांग भी की कि आतंकवादी संगठन TRF (द रेजिस्टेंस फ्रंट) के खिलाफ एक वैश्विक अभियान चलाया जाना चाहिए।
यह दूसरी बार है जब 14 दिन के भीतर सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इससे पहले 24 अप्रैल को हुई बैठक में 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बायसरन घाटी में हुए आतंकी हमले की जानकारी दी गई थी। उस हमले में 25 टूरिस्ट और एक स्थानीय घोड़ेवाले की मौत हो गई थी। उस वक्त सरकार ने माना था कि सुरक्षा में चूक हुई है और आईबी व गृह मंत्रालय ने इसकी विस्तृत जानकारी विपक्ष को दी थी।
खड़गे ने उस बैठक के बाद भी सवाल उठाए थे कि तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद हमला कैसे हुआ? उन्होंने इसे सुरक्षा और खुफिया तंत्र की विफलता बताया था। इसके बावजूद विपक्ष ने यह स्पष्ट किया था कि आतंकवाद जैसे मुद्दे पर वे सरकार के साथ खड़े हैं।
सर्वदलीय बैठक के दौरान लगभग सभी दलों ने आतंक के खिलाफ एकजुट होकर कदम उठाने पर सहमति जताई। बैठक का मूल उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि पाकिस्तान और उसके सहयोगी आतंकी संगठनों के खिलाफ भारत की नीति को राजनीतिक रूप से एकजुट समर्थन मिले।


