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राजस्थान में मूंग खरीद के लिए ऑनलाइन पंजीकरण शुरू

राजस्थान में मूंग खरीद के लिए ऑनलाइन पंजीकरण शुरू

शोभना शर्मा।  राजस्थान में किसानों को दलहन और तिलहन फसलों की उचित कीमत दिलाने के लिए सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम कुमार दक ने घोषणा की है कि श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों में मूंग की खरीद के लिए ऑनलाइन पंजीकरण प्रक्रिया 27 सितम्बर (शनिवार) से शुरू की जा रही है। इसके तहत किसान अपने जनआधार कार्ड और ऑनलाइन गिरदावरी के आधार पर ई-मित्र केन्द्रों के माध्यम से पंजीकरण करवा सकेंगे।

किसानों को मिलेगा सीधा लाभ

राज्य सरकार की इस पहल का सीधा फायदा प्रदेश के हजारों किसानों को मिलेगा। अब किसान अपनी मूंग की उपज को समर्थन मूल्य पर सरकार को बेच सकेंगे। इस प्रक्रिया से किसानों को बाजार में दलालों और बिचौलियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा और उन्हें उचित दाम मिल पाएगा।

अन्य जिलों में भी जल्द शुरू होगी प्रक्रिया

मंत्री गौतम कुमार दक ने बताया कि श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ के बाद अन्य जिलों में भी मूंग, उड़द, मूंगफली और सोयाबीन की खरीद के लिए पंजीकरण जल्द ही प्रारंभ किया जाएगा। किसानों को अपनी उपज की बिक्री सुनिश्चित करने के लिए पहले से पंजीकरण कराना होगा।

खरीफ 2025 की फसलों का समर्थन मूल्य

भारत सरकार ने खरीफ 2025 की फसलों का समर्थन मूल्य (MSP) पहले ही घोषित कर दिया है। इसके अनुसार:

  • मूंग : ₹8,768 प्रति क्विंटल

  • उड़द : ₹7,800 प्रति क्विंटल

  • मूंगफली : ₹7,263 प्रति क्विंटल

  • सोयाबीन : ₹5,328 प्रति क्विंटल

यह दरें किसानों के लिए न्यूनतम गारंटी मूल्य होंगी, जिससे उन्हें बाजार में उतार-चढ़ाव का नुकसान नहीं उठाना पड़ेगा।

पीएसएस गाइडलाइन के अनुसार तैयारी

दक ने कहा कि समर्थन मूल्य पर खरीद की सभी तैयारियां पीएसएस (Price Support Scheme) गाइडलाइन के अनुसार की जा रही हैं। भारत सरकार को अंडरटेकिंग भेजने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। जैसे ही जिन्सवार लक्ष्य प्राप्त होंगे, खरीद का कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी राजफेड (RAJFED) कर रहा है और अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

पंजीकरण की प्रक्रिया

ऑनलाइन पंजीकरण करवाने के लिए किसानों को कुछ आवश्यक दस्तावेज तैयार रखने होंगे।

  1. जनआधार नंबर

  2. खसरा गिरदावरी की ऑनलाइन प्रति

बिना गिरदावरी के पंजीकरण मान्य नहीं होगा। इसके अलावा किसानों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके बैंक खाते का विवरण जनआधार में अपडेट हो। इसका उद्देश्य यह है कि समर्थन मूल्य पर फसल बेचने के बाद भुगतान सीधे किसान के बैंक खाते में भेजा जा सके और किसी भी तरह की समस्या उत्पन्न न हो।

ई-मित्र केन्द्रों को सख्त निर्देश

राज्य सरकार ने ई-मित्र केन्द्रों को सख्त निर्देश दिए हैं कि वे केवल सही और पात्र किसानों का पंजीकरण करें। यदि किसी तरह की गड़बड़ी सामने आती है, तो संबंधित ई-मित्र ऑपरेटर पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। किसान सुबह 9 बजे से शाम 7 बजे तक ई-मित्र केन्द्रों पर पंजीकरण करवा सकते हैं।

किसानों के लिए हेल्पलाइन

पंजीकरण या खरीद से संबंधित किसी भी समस्या के समाधान के लिए किसानों की सहायता हेतु राजफेड मुख्यालय में हेल्पलाइन नंबर 1800-180-6001 जारी किया गया है। इस नंबर पर किसान अपनी शंकाओं और समस्याओं का समाधान पा सकेंगे।

किसानों में उत्साह और उम्मीद

मूंग और अन्य दलहन-तिलहन फसलों की खरीद के लिए समर्थन मूल्य की घोषणा और पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू होने से किसानों में उत्साह है। लंबे समय से किसान यह मांग कर रहे थे कि उनकी मेहनत का सही दाम मिले और उन्हें निजी व्यापारियों के रहमोकरम पर न रहना पड़े। सरकार की इस पहल से उनकी उम्मीदों को नई दिशा मिली है।

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