शोभना शर्मा।
ओम बिरला, कोटा लोकसभा सीट से लगातार तीन बार सांसद बने, दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष बने हैं। आज आपको बताते हैं ओम बिरला के बारे में वो सब कुछ जो आप जानना चाहते हैं। उनकी राजनीतिक यात्रा और उपलब्धियों पर एक नजर:
राजनीतिक सफर
ओम बिरला ने 2003 में कोटा विधानसभा सीट से अपना पहला चुनाव लड़ा और कद्दावर कांग्रेसी मंत्री शांति धारीवाल को 10101 वोटों से हराया। फिर 2008 में कोटा दक्षिण विधानसभा सीट से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मंत्री राम किशन वर्मा को 24252 वोटों से हराया। 2013 में भी कोटा दक्षिण से चुनाव जीते। 2014 में बीजेपी ने उन्हें कोटा-बूंदी लोकसभा सीट से सांसद का टिकट दिया और उन्होंने कांग्रेस के सांसद इज्यराज सिंह को 2 लाख 782 वोटों से हराया। 2019 और 2024 में भी वे इसी सीट से सांसद बने।
लोकसभा अध्यक्ष के रूप में उपलब्धियाँ
- 2019 में सर्वसम्मति से 17वीं लोकसभा के अध्यक्ष निर्वाचित हुए।
- संसद के नए भवन का निर्माण कराया।
- 17वीं लोकसभा की उत्पादकता 97% रही, जो पिछले 25 वर्षों में सर्वाधिक है।
- कोरोना महामारी के बीच आयोजित 17वीं लोकसभा के चौथे सत्र की उत्पादकता 167% रही।
- संसद के संचालन में वित्तीय अनुशासन को प्रोत्साहित कर 801 करोड़ की बचत की गई।
- 17वीं लोकसभा के दौरान 222 विधेयक कानून बने।
- 17वीं लोकसभा के दौरान विधेयकों पर कुल 440.54 घंटे चर्चा हुई।
- संसद की लाइब्रेरी को आमजन के लिए खोल दिया गया।
अन्य उपलब्धियाँ
- पहले सत्र में 46 महिला सांसदों सहित सभी प्रथम निर्वाचित सदस्यों को अभिव्यक्ति का अवसर दिया।
- शून्यकाल के दौरान सदस्यों को 1066 विषय उठाने का अवसर दिया गया।
- शून्यकाल में उठाए गए विषयों पर सांसदों को उत्तर दिलवाने की व्यवस्था प्रारंभ की गई।
- सांसदों को सदन में की गई अभिव्यक्ति का वीडियो क्लिप तत्काल उपलब्ध करवाने की व्यवस्था प्रारंभ की गई।
- जनरल परपज कमेटी की बैठक 19 वर्ष बाद आयोजित की गई।
- देर रात तक सदन का संचालन किया गया, जिसमें सभी सदस्यों ने सहयोग किया।
ओम बिरला के नेतृत्व में लोकसभा ने कई ऐतिहासिक उपलब्धियाँ हासिल की हैं, जिससे वे भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण व्यक्तित्व बन गए हैं।