मनीषा शर्मा। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा प्रस्तुत बजट 2025 ने आईआईटी और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर रहे लाखों विद्यार्थियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी दी है। इस बजट में आईआईटी संस्थानों में 6500 नई सीटें बढ़ाने की घोषणा की गई है, जिससे देश में तकनीकी शिक्षा को और बढ़ावा मिलेगा।
सरकार के इस फैसले को शिक्षा जगत के विशेषज्ञों ने तकनीकी क्षेत्र में भारत की क्षमता को मजबूत करने वाला कदम बताया है। करियर काउंसलिंग एक्सपर्ट अमित आहूजा के अनुसार, इस फैसले से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के इच्छुक विद्यार्थियों को अधिक अवसर मिलेंगे और देश में अधिक संख्या में योग्य आईआईटीयन तैयार होंगे।
2014 के बाद स्थापित आईआईटी में होगा विस्तार
बजट 2025 के अनुसार, यह सीटें उन आईआईटी में बढ़ाई जाएंगी, जो 2014 के बाद स्थापित हुई थीं। इनमें प्रमुख रूप से आईआईटी हैदराबाद, इंदौर, गांधीनगर, जोधपुर, मंडी, भुवनेश्वर और पटना शामिल हैं।
इन संस्थानों में छात्रों की संख्या बढ़ने के साथ ही, रहने, लैब सुविधाओं, पुस्तकालयों और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर का भी विस्तार किया जाएगा। सरकार का यह कदम तकनीकी शिक्षा को और मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
देश को मिलेगा अधिक स्किल्ड यूथ
अमित आहूजा के अनुसार, वर्तमान में देश की 23 आईआईटी में कुल 17,385 सीटें उपलब्ध हैं। 6500 नई सीटें जोड़ने से यह संख्या और बढ़ेगी, जिससे छात्रों को अधिक अवसर मिलेंगे।
- आईआईटी में सीटें बढ़ने से अधिक छात्रों को एडमिशन का मौका मिलेगा।
- जेईई-मेन और जेईई-एडवांस्ड परीक्षाओं में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी, जिससे छात्रों की तैयारी का स्तर भी ऊंचा होगा।
- देश को अधिक संख्या में आईआईटीयन मिलेंगे, जो तकनीकी क्षेत्र में भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगे।
बजट 2025 में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग (ML) और अन्य नवीन तकनीकों को बढ़ावा देने की भी बात कही गई है। इन क्षेत्रों में अनुसंधान और नवाचार को प्रोत्साहित किया जाएगा, जिससे भारत को वैश्विक तकनीकी हब बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा सकेगा।
पिछले 10 वर्षों में 1.35 लाख आईआईटीयन हुए तैयार
बजट भाषण के अनुसार, पिछले 10 वर्षों में देश में 1.35 लाख से अधिक आईआईटीयन तैयार किए गए हैं। इसके विपरीत, 2014 से पहले यह संख्या केवल 65,000 थी।
- इससे यह साफ होता है कि सरकार ने पिछले 10 वर्षों में इंजीनियरिंग शिक्षा के विस्तार पर विशेष ध्यान दिया है।
- नई आईआईटी की स्थापना और सीटों की संख्या बढ़ाने से छात्रों को उच्च स्तरीय तकनीकी शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिला है।
इस फैसले के माध्यम से सरकार का उद्देश्य देश के युवा वर्ग को उच्च गुणवत्ता वाली तकनीकी शिक्षा प्रदान कर उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाना है।
जेईई-मेन में रिकॉर्ड संख्या में आवेदन
भारत में इंजीनियरिंग के प्रति बढ़ती रुचि को जेईई-मेन परीक्षा के लिए हुए ऐतिहासिक आवेदन से समझा जा सकता है।
- इस साल 13.78 लाख विद्यार्थियों ने जेईई-मेन के लिए आवेदन किया है।
- अप्रैल 2025 में होने वाली परीक्षा के लिए 2 लाख से अधिक नए आवेदन आने की संभावना है।
- इसका मतलब है कि कुल मिलाकर 15 लाख से अधिक छात्र जेईई-मेन परीक्षा में शामिल होंगे।
यह आंकड़े दर्शाते हैं कि देश में इंजीनियरिंग शिक्षा के प्रति छात्रों का रुझान लगातार बढ़ रहा है। सरकार की 6500 नई सीटें बढ़ाने की घोषणा इस बढ़ती मांग को पूरा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
मेडिकल शिक्षा में भी होगा विस्तार
बजट 2025 में सिर्फ आईआईटी ही नहीं, बल्कि मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़ा विस्तार करने की योजना बनाई गई है।
- अगले 5 वर्षों में देश के मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में 75,000 नई सीटें जोड़ी जाएंगी।
- अगले साल 10,000 अतिरिक्त मेडिकल सीटें जोड़ी जाएंगी।
- वर्तमान में देश के मेडिकल कॉलेजों में 1.17 लाख से अधिक एमबीबीएस सीटें उपलब्ध हैं।
- हर साल करीब 25 लाख छात्र मेडिकल प्रवेश परीक्षा (NEET) में शामिल होते हैं।
इससे स्पष्ट है कि सरकार मेडिकल शिक्षा के विस्तार पर भी विशेष ध्यान दे रही है, जिससे अधिक संख्या में योग्य डॉक्टर तैयार किए जा सकें।
स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए 20 करोड़ तक का लोन
सरकार ने बजट 2025 में स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए 20 करोड़ तक का लोन देने की भी घोषणा की है।
- इस फैसले से युवा उद्यमियों को अपने स्टार्टअप शुरू करने और उन्हें बढ़ाने में सहायता मिलेगी।
- आईआईटी और अन्य तकनीकी संस्थानों से पास आउट होने वाले छात्र अपने नवाचारों को वास्तविकता में बदलने के लिए इस योजना का लाभ उठा सकेंगे।
इस कदम से देश में इनोवेशन और उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा, जिससे भारत स्टार्टअप इकोसिस्टम में एक ग्लोबल लीडर बनने की दिशा में अग्रसर होगा।