शोभना शर्मा। राजस्थान में लाखों पेंशनभोगियों के लिए राहत भरी खबर आई है। राज्य सरकार ने साफ किया है कि किसी भी पेंशनधारी की सामाजिक सुरक्षा पेंशन (Social Security Pension) फिलहाल बंद नहीं की जाएगी। पिछले कुछ दिनों से यह चर्चा थी कि जिन पेंशनर्स के बिजली बिल अधिक आ रहे हैं, उनकी पेंशन रोकी जा सकती है, लेकिन सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने इन अफवाहों को पूरी तरह खारिज कर दिया है।
मंत्री अविनाश गहलोत ने दी स्पष्टता
राज्य के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में सरकार का उद्देश्य किसी भी पात्र व्यक्ति को सामाजिक सुरक्षा से वंचित करना नहीं है। उन्होंने कहा कि,
“सरकार किसी की पेंशन बंद नहीं कर रही है, बल्कि हम ‘गिव अप अभियान (Give Up Campaign)’ के तहत आर्थिक रूप से सक्षम लोगों से अपील कर रहे हैं कि वे अपनी पेंशन स्वेच्छा से छोड़ें, ताकि वास्तविक रूप से जरूरतमंदों को इसका लाभ मिल सके।”
92 लाख लाभार्थी, 3 लाख को नोटिस जारी
वर्तमान में राजस्थान में करीब 92 लाख पेंशनर्स सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ ले रहे हैं। इनमें से 3 लाख लाभार्थियों को नोटिस भेजे गए हैं। ये वे लोग हैं जिनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है या जिन्होंने निर्धारित मापदंडों से अधिक आय दर्शाई है।
मंत्री गहलोत ने कहा कि जिनकी सालाना आय 48,000 रुपये से अधिक है, उन्हें अपनी पेंशन स्वेच्छा से छोड़ देनी चाहिए। इससे राज्य सरकार को उन लोगों तक यह सुविधा पहुंचाने में मदद मिलेगी जो वास्तव में पात्र हैं।
बिजली बिल से जुड़ी अफवाहों पर विराम
हाल के दिनों में यह खबरें तेजी से फैलीं कि जिन पेंशनर्स के बिजली बिल ₹24,000 सालाना या उससे ज्यादा हैं, उनकी पेंशन बंद की जाएगी। इस पर सरकार ने अब स्थिति स्पष्ट कर दी है।
सामाजिक न्याय और अधिकारिता विभाग के संयुक्त सचिव आशीष मोदी ने सभी जिला कलेक्टरों को पत्र भेजकर कहा है कि,
“विभाग किसी की पेंशन अपने स्तर पर बंद नहीं करेगा। केवल स्वैच्छिक आधार पर ही पेंशन छोड़ने को प्रोत्साहित किया जाएगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि बिजली बिल का अधिक होना सिर्फ एक संकेतक है, कोई निर्णायक आधार नहीं। पेंशन को बंद करने से पहले हर लाभार्थी को व्यक्तिगत सुनवाई और जांच का अवसर दिया जाएगा।
सत्यापन अभियान 15 नवंबर तक पूरा करने के निर्देश
राज्य सरकार ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वे पेंशन सत्यापन कार्य को 15 नवंबर 2025 तक हर हालत में पूरा करें। जिन लाभार्थियों का वार्षिक सत्यापन अभी तक नहीं हुआ है, उन्हें इस समय सीमा तक दस्तावेज़ प्रस्तुत करने होंगे।
संयुक्त सचिव आशीष मोदी ने चेतावनी दी है कि यदि किसी जिले में सत्यापन कार्य में लापरवाही पाई गई तो संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी। इसके अलावा, जिला कलेक्टर्स को निर्देश दिया गया है कि वे इस कार्य की साप्ताहिक समीक्षा रिपोर्ट स्वयं तैयार करें और विभाग को भेजें।
‘गिव अप अभियान’ का उद्देश्य: पात्रों तक पहुंचे लाभ
‘गिव अप अभियान’ का मूल उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सामाजिक सुरक्षा पेंशन वास्तव में जरूरतमंद लोगों तक पहुंचे। सरकार चाहती है कि जिनकी आर्थिक स्थिति स्थिर है, वे स्वेच्छा से इस योजना से बाहर निकलें, ताकि नए पात्र लाभार्थियों को जोड़ा जा सके।
मंत्री अविनाश गहलोत ने जनता से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि,
“राज्य सरकार हर पात्र व्यक्ति को आर्थिक सुरक्षा देना चाहती है। लेकिन यह तभी संभव होगा जब सक्षम लोग अपनी पेंशन छोड़कर दूसरों के लिए जगह बनाएंगे।”
जांच के बाद ही होगी कार्रवाई
राज्य सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी लाभार्थी की पेंशन को बिना जांच और सुनवाई के अचानक बंद नहीं किया जाएगा। पेंशन को लेकर किसी तरह की कार्रवाई तभी होगी जब संबंधित अधिकारी द्वारा सभी तथ्यों की जांच पूरी हो जाएगी।