शोभना शर्मा। भारतीय रेलवे ने यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाने की दिशा में एक और कदम बढ़ाया है। अब ट्रेन में सफर करने वाले एसी कोच यात्रियों को पारंपरिक सांगानेर-बगरू प्रिंटेड कंबल कवर प्रदान किए जाएंगे। यह पहल न केवल स्वच्छता और गुणवत्ता में सुधार की दिशा में है, बल्कि राजस्थान की पारंपरिक कला को राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने की कोशिश भी है।
इस परियोजना की शुरुआत गुरुवार को केंद्रीय रेल, सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जयपुर के जगतपुरा स्थित खातीपुरा रेलवे स्टेशन से की।
जयपुर-असरवा ट्रेन से शुरू हुआ पायलट प्रोजेक्ट
रेल मंत्री वैष्णव ने बताया कि यह प्रोजेक्ट फिलहाल पायलट रूप में शुरू किया गया है। सबसे पहले इसे जयपुर-असरवा (अहमदाबाद) ट्रेन के एसी कोच में लागू किया गया है।
यह प्रयोग सफल रहा तो जल्द ही इसे देशभर की अन्य ट्रेनों में भी लागू किया जाएगा।
मंत्री ने कहा कि “अब यात्रियों को मिलने वाले कंबलों पर जयपुर की सांगानेर और बगरू की पारंपरिक डिजाइनें होंगी। इससे यात्रियों को न केवल स्वच्छता की गारंटी मिलेगी बल्कि भारतीय हैंडलूम और डिजाइन परंपरा को भी बढ़ावा मिलेगा।”
कंबल कवर से यात्रियों को मिलेगा भरोसा और स्वच्छता
रेल मंत्री ने बताया कि पहले यात्रियों के मन में कंबलों की स्वच्छता को लेकर कई बार संशय रहता था। अब रेलवे ने निर्णय लिया है कि हर कंबल पर वॉशेबल प्रिंटेड कवर लगाया जाएगा, जिससे यात्रियों को आत्मविश्वास के साथ इस्तेमाल की सुविधा मिल सके।
उन्होंने कहा कि “यह पहल यात्रियों की आरामदायक यात्रा और भारतीय हस्तशिल्प दोनों को जोड़ने का प्रतीक है। सांगानेर और बगरू प्रिंट हमारी सांस्कृतिक पहचान हैं, और अब ये डिज़ाइन रेल सेवाओं के जरिए पूरे देश में पहचान बनाएंगी।”
रेल मंत्री बोले— भारत की संस्कृति का दुनिया पर असर
कार्यक्रम के दौरान अश्विनी वैष्णव ने कहा कि “जब दक्षिण कोरिया की एक कंपनी के सीईओ ने मुझे ‘राम राम सा’ कहा, तब महसूस हुआ कि भारतीय संस्कृति का प्रभाव अब पूरी दुनिया में है।”
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में रेलवे न केवल आधुनिक हो रहा है, बल्कि भारतीय परंपराओं को भी सम्मान दे रहा है।
65 स्टेशनों पर नई सुविधाओं का लोकार्पण
रेल मंत्री ने इस अवसर पर 65 रेलवे स्टेशनों पर यात्री सुविधाओं के विस्तार का भी लोकार्पण किया।
इन सुविधाओं में डिजिटल साइन बोर्ड, फुल लेंथ प्लेटफॉर्म, कोच पोजिशन डिस्प्ले सिस्टम, और एकीकृत यात्री सूचना प्रणाली शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि “अब छोटे और मध्यम श्रेणी के स्टेशनों पर भी यात्रियों को वही सुविधाएं मिलेंगी जो बड़े स्टेशनों पर उपलब्ध हैं। रेलवे यात्रियों के अनुभव को और अधिक सहज और आधुनिक बनाने के लिए लगातार निवेश कर रहा है।”
इस मौके पर जयपुर सांसद मंजू शर्मा, राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी, बगरू विधायक कैलाश वर्मा और उत्तर पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक अमिताभ सहित कई अधिकारी मौजूद रहे।
अमृत भारत स्टेशन योजना के तहत 77 स्टेशनों का पुनर्विकास
रेल मंत्री ने बताया कि उत्तर पश्चिम रेलवे के अंतर्गत 77 रेलवे स्टेशनों का पुनर्विकास कार्य “अमृत भारत स्टेशन योजना” के तहत किया जा रहा है।
लगभग चार हजार करोड़ रुपये की लागत से चल रही इस परियोजना में से पांच रेलवे स्टेशन पहले ही पुनर्विकसित कर आमजन के लिए उपलब्ध कराए जा चुके हैं।
शेष स्टेशनों पर भी कार्य तीव्र गति से जारी है।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में सभी स्टेशनों को “वर्ल्ड-क्लास यात्री सुविधाओं” से सुसज्जित किया जाएगा, जिससे यात्रियों को आरामदायक और सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिले।
संस्कृति और आधुनिकता का संगम
सांगानेर और बगरू प्रिंट राजस्थान की हस्तशिल्प परंपरा का जीवंत उदाहरण हैं। रेलवे की इस नई पहल से न केवल यात्रियों को स्वच्छ और आकर्षक कंबल मिलेंगे, बल्कि स्थानीय कलाकारों और वस्त्र उद्योग को भी नया बाजार मिलेगा।