मनीषा शर्मा। कहने वाले ने भी क्या खूब कहा है की “आवश्यकता आविष्कार की जननी” है। जरूरत ने इंसान को चंद तक पहुच दिया। हमारी जरूरतें ही हमारे विकास (development) की सीढ़ियाँ बनीं। अब जरूरतों को पूरा करने वाले आविष्कार किस स्तर तक पहुँच गए हैं इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता हैं की अब गाय की डकार (cow burp) से भी हीरे तैयार होंगे। iPod के आविष्कारक टोनी फैडेल (Tony Fadell) अब गाय की डकार से हीरे तैयार कर रहे हैं।
अंग्रेजी वेबसाइट मेट्रो के मुताबिक टोनी फैडेल गाय की डकार से निकले मीथेन को हीरे में बदल रहे हैं। जिसका इस्तेमाल आज इलेक्ट्रॉनिक्स में हो रहा है। ब्रातिस्लावा में स्टार्मस फेस्टिवल के दौरान जब अपने इस नए प्रयोग की जानकारी दुनिया के सामने रखी तो लोग काफी ज्यादा हैरान रह गए। अपने बयान में उन्होंने कहा कि उन्होंने इतने सालों में अरबों-खरबों प्रोडक्ट बनाए जिन्हें आज दुनिया इस्तेमाल कर रही है, लेकिन अब उनका ये प्रोडक्ट धरती को बचाने के लिए है।
टोनी फैडेल ने अपने बयान मे कहा की वे अपना ज्यादातर वक्त ऐसी चीजों को तैयार करने में लगा रहे हैं जिन से पृथ्वी को सुरक्षित रखने मे सहायता मिले। वर्तमान मे मीथेन का रिसाव पता लगाने के लिए उनकी टीम ने इस साल की शुरुआत में मीथेनसैट नाम को जो उपग्रह लॉन्च किया है। ये उपग्रह मीथेन के स्त्रोतों का पता लगाएगा, क्योंकि हीरे बनाने के लिए भारी मात्र मे मीथेन की जरूरत पड़ेगी।
इस प्रोजेक्ट के लिए वे या तो जमीन से या फिर गाय जैसे जानवरों से बायोमीथेन लेगे और आर्टिफिशयल हीरे तैयार करेगे। इस प्रोजक्ट के लिए उन्होंने डायमंड फाउंड्री नाम की एक कंपनी शुरू की है ।
गौरतलब है की मीथेन गैस इंसानों के लिए काफी नुकसानदायक है। एक बार निकलने के बाद ये गैस इंसानों को 80-90% तक नुकसान पहुचती हैं। ये कम से कम 20 सालों तक वायुमंडल मे मौजूद रहती है।