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नोएल टाटा बने टाटा ट्रस्ट के नए प्रमुख: संभालेंगे टाटा ग्रुप की विरासत

नोएल टाटा बने टाटा ट्रस्ट के नए प्रमुख: संभालेंगे टाटा ग्रुप की विरासत

मनीषा शर्मा।  टाटा ग्रुप के संस्थापक और प्रमुख रतन टाटा के निधन के बाद उनके सौतेले भाई नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह महत्वपूर्ण निर्णय मुंबई में हुई एक बैठक में लिया गया, जिसमें टाटा ट्रस्ट और ग्रुप की विभिन्न कंपनियों में अपनी भागीदारी के कारण नोएल को इस भूमिका के लिए उपयुक्त माना गया। नोएल पहले से ही सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट और सर रतन टाटा ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं और उनके पास समूह की परोपकारी दृष्टिकोण और व्यवसायिक कुशलता का व्यापक अनुभव है।

टाटा ग्रुप में नोएल की भागीदारी:

नोएल टाटा, जो नवल और सिमोन टाटा के बेटे हैं, टाटा ग्रुप की कई प्रमुख कंपनियों से जुड़े हैं। वे ट्रेंट लिमिटेड, वोल्टास, टाटा इन्वेस्टमेंट और टाटा इंटरनेशनल के चेयरमैन के पद पर कार्यरत हैं। इसके अतिरिक्त, वे टाटा स्टील और टाइटन के वाइस चेयरमैन भी हैं। उनके नेतृत्व में, टाटा ग्रुप के ये व्यवसाय लगातार बढ़ते रहे हैं और प्रतिस्पर्धा में अग्रसर रहे हैं।

नोएल टाटा का ट्रेंट में योगदान:

नोएल टाटा 2014 से ट्रेंट लिमिटेड के चेयरमैन हैं, जो जुडियो और वेस्टसाइड जैसे ब्रांड्स की ओनर है। उनकी उत्कृष्ट नेतृत्व क्षमता के कारण पिछले 10 वर्षों में ट्रेंट के शेयरों में 6,000% से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। नोएल की लीडरशिप में, जब प्रतिस्पर्धी कंपनियां स्टोर्स और कर्मचारियों की संख्या घटा रही थीं, तब ट्रेंट ने न केवल अपनी उपस्थिति बढ़ाई बल्कि नए कर्मचारियों को भी नियुक्त किया। उनकी नेतृत्व शैली और भविष्यदृष्टि ने उन्हें टाटा ग्रुप का एक प्रमुख चेहरा बना दिया है।

₹13.8 लाख करोड़ के रेवेन्यू वाला टाटा ग्रुप:

टाटा ग्रुप की कुल संपत्ति और उसका योगदान भारतीय उद्योग में बेहद अहम है। टाटा ट्रस्ट, जो इस ग्रुप का सबसे बड़ा शेयरधारक है, टाटा ग्रुप के 66% शेयरों का मालिक है। 13.8 लाख करोड़ रुपये के रेवेन्यू के साथ, टाटा ट्रस्ट देश के सबसे बड़े परोपकारी संस्थाओं में से एक है। इसका मुख्य ध्यान स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, और गरीबी उन्मूलन पर केंद्रित है।

पारिवारिक संबंधों से और मजबूत होते नॉएल टाटा के दावे:

नोएल टाटा की पारिवारिक पृष्ठभूमि और टाटा ग्रुप में उनका अनुभव उन्हें इस पद के लिए एक आदर्श उम्मीदवार बनाता है। वे नवल टाटा के दूसरी पत्नी के बेटे हैं और रतन टाटा के सौतेले भाई हैं। उनकी पत्नी आलू मिस्त्री टाटा संस के सबसे बड़े शेयरधारक पालोनजी मिस्त्री की बेटी हैं। इस प्रकार उनके पारिवारिक संबंध भी उन्हें टाटा ग्रुप की भावी योजनाओं और पारिवारिक विरासत के प्रति गहरी समझ और दृढ़ता प्रदान करते हैं।

नोएल टाटा की व्यक्तिगत और पारिवारिक जीवन शैली:

67 वर्ष के नोएल टाटा आयरिश नागरिक हैं और अपने तीन बच्चों – लिआ, माया, और नेविल के साथ एक सादगीपूर्ण जीवन जीते हैं। नोएल टाटा अपनी लो-प्रोफाइल और लो-प्रॉफिट लीडरशिप स्टाइल के लिए जाने जाते हैं। वे हमेशा मीडिया से दूर रहते हैं और अपने काम में ध्यान केंद्रित रखते हैं। उनके बच्चे भी कुछ दान संस्थाओं में ट्रस्टी के रूप में कार्य कर रहे हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि टाटा की परोपकारी विरासत उनके परिवार में आगे भी जारी रहेगी।

नोएल टाटा का भविष्य का दृष्टिकोण:

नोएल टाटा का टाटा ट्रस्ट के साथ जुड़ाव न केवल ग्रुप की कारोबारी नीतियों को एक नई दिशा देगा, बल्कि यह टाटा ट्रस्ट के सामाजिक और परोपकारी कार्यों को भी आगे बढ़ाएगा। नोएल की लीडरशिप से टाटा ग्रुप के व्यवसायिक और सामाजिक दोनों ही पहलुओं को नई दिशा मिलने की उम्मीद है। उनके कार्यों से टाटा ग्रुप की कंपनियों की मार्केटिंग रणनीतियों में भी बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

रतन टाटा की विरासत को बनाए रखने की चुनौती:

रतन टाटा ने टाटा ग्रुप को ऊंचाइयों तक पहुँचाने के साथ-साथ उसकी साख और जिम्मेदारी को भी बनाए रखा। अब नोएल टाटा के नेतृत्व में टाटा ट्रस्ट को न केवल आर्थिक स्तर पर बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी के मामले में भी अपनी विरासत को सहेजना होगा। नोएल के सामने यह एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है कि वे टाटा की मूलभूत परंपराओं को कायम रखें और उनकी विरासत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएं।

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