शोभना शर्मा। भारत की शीर्ष आतंकवाद-निरोधक एजेंसी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पाकिस्तान के लिए कथित जासूसी करने वालों के खिलाफ एक गोपनीय और सघन अभियान के तहत बड़ा कदम उठाया है। इस ऑपरेशन में राजस्थान सहित 8 राज्यों में एक साथ छापेमारी की गई है। राजस्थान से दो संदिग्धों को गिरफ्तार भी किया गया है, जिन पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के लिए काम करने का आरोप है।
ऑपरेशन की शुरुआत सुबह-सुबह
एनआईए का यह ऑपरेशन शनिवार की सुबह शुरू हुआ और पूरे दिन भर गुप्त तरीके से चलाया गया। 15 ठिकानों पर एक साथ छापे मारे गए, जिसमें राजस्थान, दिल्ली, महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, असम और पश्चिम बंगाल जैसे राज्य शामिल हैं।
यह अभियान गुप्त खुफिया इनपुट के आधार पर चलाया गया जिसमें कई संदिग्धों की गतिविधियों को ट्रैक करने के बाद कार्रवाई की गई। एनआईए ने इस ऑपरेशन को गोपनीय रखते हुए स्थानीय पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों की सहायता से जांच को अंजाम दिया।
राजस्थान में तीन ठिकानों पर छापेमारी
सूत्रों के अनुसार राजस्थान में तीन अलग-अलग स्थानों पर एनआईए की टीम ने छापेमारी की है। हालांकि अभी इन स्थानों के नाम सार्वजनिक नहीं किए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि कुछ संवेदनशील जानकारी अभी साझा नहीं की जा सकती ताकि जांच में बाधा न आए।
गैजेट्स, कॉल रिकॉर्ड्स, फोटो और पैसों की लेन-देन की जांच
एनआईए की टीमें जिन स्थानों पर पहुंची, वहां संदिग्धों के घर और कार्यालयों की गहन तलाशी ली गई। इस दौरान मोबाइल फोन, लैपटॉप, पेन ड्राइव, सीडी, बैंक ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड, कॉल डिटेल और डिजिटल मैसेज को जब्त किया गया।
इनमें से कई सबूतों से यह स्पष्ट हुआ कि संबंधित लोग विदेशी खुफिया एजेंसी के संपर्क में थे। एनआईए इन सामग्रियों की फॉरेंसिक जांच कर रही है, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि कितनी संवेदनशील जानकारी लीक की गई है।
राजस्थान से पकड़े गए दो भाई, डीग के निवासी
एनआईए की इस कार्रवाई से पहले दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने राजस्थान के भरतपुर जिले के डीग कस्बे से दो भाइयों को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया था। जांच में सामने आया कि ये दोनों पाकिस्तान की ISI के संपर्क में थे और जासूसी की ट्रेनिंग भी प्राप्त कर चुके थे।
सूत्रों की मानें तो दोनों आरोपी पाकिस्तान यात्रा कर चुके हैं और अपने मोबाइल डिवाइस के माध्यम से सैन्य जानकारी, सरकारी दस्तावेज और संवेदनशील चित्र साझा कर रहे थे।
क्या है जासूसी का नेटवर्क?
एनआईए को शक है कि यह नेटवर्क सिर्फ सीमावर्ती क्षेत्रों तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका विस्तार देश के अंदरूनी हिस्सों तक भी हो चुका है। विशेषकर सेना और सुरक्षा प्रतिष्ठानों के आसपास रहने वाले नागरिकों को पैसे और लालच के दम पर इस्तेमाल किया जा रहा है।
इस नेटवर्क का उद्देश्य भारतीय सेना की तैनाती, ट्रेनिंग, साजो-सामान और सैन्य उपकरणों की जानकारी पाकिस्तान तक पहुंचाना है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए अत्यंत गंभीर खतरा बन सकता है।
एनआईए और खुफिया एजेंसियों की सतर्कता
पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान द्वारा साइबर जासूसी और मानव नेटवर्क के माध्यम से भारत में जानकारी एकत्र करने की गतिविधियां बढ़ी हैं। इसको लेकर एनआईए, रॉ, आईबी और मिलिट्री इंटेलिजेंस जैसे एजेंसियों ने अपने सतर्कता अभियान को तेज किया है।
इन छापों से यह भी संकेत मिलता है कि अब केवल सीमावर्ती नहीं, बल्कि शहरी और ग्रामीण इलाकों से भी डेटा लीक किया जा रहा है, जिससे देश की साइबर और फिजिकल सिक्योरिटी को चुनौती मिल रही है।
पूछताछ जारी, और गिरफ्तारियां संभव
एनआईए द्वारा जिन लोगों को डिटेन किया गया है उनसे पूछताछ की जा रही है। कई लोगों के मोबाइल फोन और सोशल मीडिया अकाउंट्स की जांच चल रही है। अधिकारियों ने संकेत दिया है कि पूछताछ के आधार पर और गिरफ्तारियां भी जल्द हो सकती हैं।