शोभना शर्मा। 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था। इस भयावह हमले में 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई थी और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हुए थे। हमले के तुरंत बाद भारत सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए जवाबी कार्रवाई की तैयारी की और इसी के तहत भारतीय सेना ने 6-7 मई की रात को “ऑपरेशन सिंदूर” चलाकर पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) के नौ आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक की।
इस हमले में लगभग 60 से 70 आतंकियों के मारे जाने की खबर है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि वह पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर किसी तरह की कोताही नहीं बरतेगी। इसी क्रम में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने जांच तेज कर दी है और आम नागरिकों से भी सहयोग की अपील की है।
NIA की अपील: सामने आएं, मदद करें
NIA ने आम लोगों, पर्यटकों और स्थानीय निवासियों से अपील की है कि अगर उनके पास पहलगाम हमले से जुड़ी कोई भी जानकारी है — जैसे कि घटनास्थल की तस्वीरें, वीडियो या किसी संदिग्ध गतिविधि का कोई सुराग — तो वे उसे एजेंसी के साथ साझा करें। NIA का मानना है कि कई बार आम लोग अनजाने में ही किसी अहम सुराग को देख या रिकॉर्ड कर लेते हैं, जो बाद में जांच के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं।
कहां और कैसे करें संपर्क?
जो भी व्यक्ति इस हमले से जुड़ी जानकारी साझा करना चाहता है, उसे अपनी व्यक्तिगत जानकारी के साथ विवरण NIA को भेजना होगा। इसके बाद एजेंसी का कोई वरिष्ठ अधिकारी आपसे संपर्क करेगा और जरूरी तथ्य एकत्र करेगा। सभी सूचनाएं गोपनीय रखी जाएंगी और उपयोग सिर्फ जांच के उद्देश्य से किया जाएगा।
क्या खोज रही है NIA?
NIA इस आतंकी हमले से जुड़ी हर कड़ी को जोड़ने की कोशिश कर रही है। एजेंसी हमलावरों की पहचान, उनकी तैयारी, इस्तेमाल किए गए हथियार और उनके Modus Operandi की बारीकी से जांच कर रही है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों और वीडियो की भी गहराई से समीक्षा की जा रही है ताकि किसी भी फर्जी या गुमराह करने वाली जानकारी से बचा जा सके और वास्तविक सबूतों को पहचान कर कार्रवाई की जा सके।
स्थानीय जांच अभियान और चश्मदीदों से पूछताछ
NIA की कई टीमें इस समय पहलगाम में तैनात हैं। वे घटनास्थल की बार-बार जांच कर रही हैं, स्थानीय लोगों से पूछताछ कर रही हैं और चश्मदीदों के बयानों को रिकॉर्ड कर रही हैं। सुरक्षा एजेंसियां यह सुनिश्चित कर रही हैं कि इस हमले से जुड़े किसी भी अपराधी को बख्शा न जाए।