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एनएचएम की कॉन्ट्रैक्ट भर्ती रद्द, 2855 पदों पर होनी थी नियुक्ति

एनएचएम की कॉन्ट्रैक्ट भर्ती रद्द, 2855 पदों पर होनी थी नियुक्ति

शोभना शर्मा।  राजस्थान में नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) द्वारा अप्रैल 2025 में निकाली गई 2855 पदों की कॉन्ट्रैक्ट भर्ती को रद्द कर दिया गया है। इस भर्ती के तहत राज्य के विभिन्न जिलों में मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ की अस्थायी नियुक्ति की जानी थी। इसमें डॉक्टर, नर्स, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन सहित कुल छह प्रकार के पद शामिल थे।

सरकार द्वारा यह भर्ती 31 मार्च 2026 तक ठेके के आधार पर की जानी थी। प्रत्येक जिले के सीएमएचओ को जिला स्वास्थ्य समितियों के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया संचालित करने के निर्देश दिए गए थे। कई जिलों में भर्ती प्रक्रिया आरंभ भी हो चुकी थी और कुछ स्थानों पर टेंडर जारी हो गए थे।

भर्ती में जिन प्रमुख पदों को शामिल किया गया था उनमें शामिल हैं:

  • महिला हेल्थकेयर वर्कर – 159 पद

  • मेडिकल ऑफिसर – 162 पद

  • नर्सिंग स्टाफ – 1941 पद

  • लैब टेक्नीशियन – 414 पद

  • ऑप्टोमेट्रिस्ट असिस्टेंट – 28 पद

  • फार्मा असिस्टेंट – 151 पद

इन पदों के लिए फिक्स वेतनमान 10,400 रुपए से 28,050 रुपए तक प्रस्तावित था।

अचानक आदेश जारी कर भर्ती रोकी गई

27 मई 2025 को एनएचएम निदेशक की ओर से एक पत्र जारी कर इस भर्ती प्रक्रिया को रोकने के आदेश दे दिए गए। पत्र में भर्ती को रद्द करने के कोई स्पष्ट कारण नहीं बताए गए हैं। आदेश जारी होने के बाद राज्य के कई जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों (CMHO) ने भी स्थानीय स्तर पर भर्ती प्रक्रिया को स्थगित कर दिया।

मेडिकल ऑफिसर और फार्मासिस्ट की अन्य भर्ती प्रक्रिया जारी

हालांकि, राज्य में चिकित्सा क्षेत्र में अन्य भर्तियां अभी भी जारी हैं। राजस्थान यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेज (RUHS) के माध्यम से 1700 मेडिकल ऑफिसर के पदों पर नियमित भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। साथ ही, मेडिकल डिपार्टमेंट द्वारा फार्मासिस्ट पदों पर भी चयन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। कई अभ्यर्थियों को डॉक्यूमेंटेशन के बाद नियुक्ति पत्र भी जारी किए जा चुके हैं।

चिकित्सा सेवाओं पर प्रभाव और भविष्य की चिंता

एनएचएम की इस भर्ती के रद्द होने से राज्य के ग्रामीण और दूरस्थ इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है, जहां पहले से ही मेडिकल स्टाफ की भारी कमी है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर जल्द ही वैकल्पिक या नियमित भर्ती नहीं की गई, तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर सेवाएं बाधित हो सकती हैं। राज्य सरकार की ओर से अब तक इस निर्णय पर कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण नहीं आया है, जिससे चयन की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों में असमंजस और असंतोष की स्थिति बनी हुई है।

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