शोभना शर्मा। हाल ही में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने अवैध माइनिंग की शिकायतों के निस्तारण के लिए एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। इसके तहत, अब हर जिले में एक अलग कॉल सेंटर स्थापित किया जाएगा जो अवैध खनन की शिकायतें दर्ज करेगा और उनका त्वरित निस्तारण सुनिश्चित करेगा। यह कदम अवैध माइनिंग की समस्या को रोकने और पर्यावरण संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
इस आदेश के अनुसार, कॉल सेंटर पर प्राप्त शिकायतों का निस्तारण जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में बनी कमेटी करेगी। यह कमेटी जिला प्रशासन, पुलिस, आरटीओ, माइनिंग विभाग और रेवेन्यू विभाग के अधिकारियों से मिलकर गठित की जाएगी। कमेटी को शिकायतों पर त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करने की जिम्मेदारी दी गई है, ताकि अवैध माइनिंग की गतिविधियों को रोका जा सके।
एनजीटी ने मई में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए कहा कि अवैध माइनिंग को रोकना जिला कलेक्टर की जिम्मेदारी है। इसके तहत, प्रत्येक जिले में एक टोल-फ्री नंबर जारी किया जाएगा, जिस पर लोग अवैध माइनिंग की शिकायतें दर्ज कर सकेंगे। इन शिकायतों को तुरंत संबंधित कमेटी को भेजा जाएगा, जो बिना किसी विलंब के आवश्यक कार्रवाई करेगी।
इसके अतिरिक्त, एनजीटी ने कमेटी को यह निर्देश भी दिया है कि वे नियमित रूप से उन स्थानों का निरीक्षण करें जहां से अवैध माइनिंग की शिकायतें आई हैं। इस तरह की नियमित मॉनिटरिंग से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि अवैध माइनिंग की गतिविधियां पुनः शुरू न हों।
एनजीटी के इस आदेश से यह उम्मीद है कि अवैध माइनिंग की समस्या में सुधार होगा और पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को बल मिलेगा।