शोभना शर्मा। राजस्थान के जोधपुर शहरवासियों को लंबे समय से जिस समस्या का सामना करना पड़ रहा था, उसका समाधान आखिरकार शुरू हो गया है। एम्स रोड, जो शहर की सबसे व्यस्त सड़कों में से एक है और जहां से रोजाना 50 हजार से अधिक वाहन गुजरते हैं, अब नई थ्री लेन सड़क में बदलने जा रही है। पीडब्ल्यूडी (लोक निर्माण विभाग) ने इस सड़क का पक्का निर्माण शुरू करवा दिया है। लगभग 1.20 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली यह सड़क आने वाले समय में शहरवासियों के साथ-साथ एम्स में इलाज कराने आने वाले मरीजों और उनके परिजनों को बड़ी राहत देगी।
क्यों जरूरी था सड़क निर्माण
एम्स रोड का महत्व केवल इसलिए नहीं है कि यह शहर के यातायात का प्रमुख मार्ग है, बल्कि यह अस्पताल आने-जाने वाले लोगों के लिए भी जीवनरेखा है। हाल ही में हुई भारी बारिश के चलते दाऊजी की होटल से गुजरने वाला यह मार्ग पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था। गड्ढ़ों और टूटे हिस्सों के कारण यहां से निकलना बेहद मुश्किल हो गया था।
स्थिति इतनी खराब हो गई कि कई वाहन चालक दुर्घटनाओं का शिकार भी हुए। सड़क को मोटरेबल बनाने के लिए अस्थायी रूप से गिट्टी डालकर सुधार किया गया था, लेकिन बारिश दोबारा होने से वह प्रयास भी नाकाम हो गया। अब आखिरकार इस मार्ग का स्थायी समाधान ढूंढ लिया गया है और पक्की सीसी सड़क का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया है।
एक माह में पूरा होगा काम
जोधपुर जिला कलक्टर गौरव अग्रवाल के आदेश के बाद इस सड़क का कार्य शुरू किया गया। पीडब्ल्यूडी के शहर वृत के अधीक्षण अभियंता संजय माथुर ने जानकारी दी कि यह काम एक माह में पूरा कर लिया जाएगा। निर्माण कार्य के पूरा होने के बाद वाहनों की आवाजाही सुचारू हो सकेगी और लंबे समय से जाम और धूल-मिट्टी की समस्या से जूझ रहे लोगों को राहत मिलेगी।
डेढ़ किमी लंबी थ्री लेन सड़क
बासनी तिराहे के दोनों ओर करीब डेढ़ किलोमीटर लंबी इस सड़क को सीसी (कंक्रीट) से बनाया जा रहा है। यह सड़क बासनी पुलिया के नीचे पेट्रोल पंप से शुरू होकर सालावास तिराहा के आगे तक जाएगी। वहीं वापसी का रास्ता एम्स के गेट नंबर 2 के आगे से शुरू होकर बासनी ब्रिज तक बनेगा। यह पूरी योजना सड़क की मजबूती और टिकाऊपन को ध्यान में रखकर बनाई गई है।
पीडब्ल्यूडी अधिकारियों का दावा है कि यह सड़क आधुनिक मानकों के अनुसार बनाई जा रही है और भविष्य में लंबे समय तक टिकाऊ साबित होगी।
रोजाना गुजरते हैं 50 हजार से अधिक वाहन
एम्स रोड की स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि यहां से रोजाना 50 हजार से अधिक वाहन गुजरते हैं। इस कारण यह सड़क हर समय दबाव में रहती है। सड़क के खराब होने से पिछले दिनों यहां दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया था। कई लोग चोटिल भी हुए और लगातार ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रही।
अब नई सड़क बनने के बाद न केवल वाहनों को सुगमता मिलेगी बल्कि मरीजों और उनके परिजनों को भी अस्पताल पहुंचने में राहत होगी।
निर्माण कार्य से बिगड़ा ट्रैफिक
बुधवार को जब सड़क निर्माण कार्य शुरू किया गया तो एम्स के बाहर ट्रैफिक व्यवस्था अस्त-व्यस्त हो गई। दाऊजी की होटल तिराहे पर जैसे ही जेसीबी से सड़क की खुदाई शुरू हुई, एकतरफा यातायात बंद हो गया। इसके चलते दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतारें लग गईं और गाड़ियां रेंग-रेंगकर निकलने लगीं।
स्थिति को संभालने के लिए यातायात पुलिस ने कुछ वाहनों को दूसरे मार्गों पर डायवर्ट किया, लेकिन ट्रैफिक जाम की समस्या बनी रही। बाद में यातायात पुलिस अधिकारियों के मौके पर पहुंचने और दोनों तरफ से वाहनों की आवाजाही शुरू करवाने के बाद कुछ राहत मिली।
मरीजों और परिजनों को मिलेगी सुविधा
एम्स रोड का महत्व इसलिए भी ज्यादा है क्योंकि यह सड़क प्रतिदिन हजारों मरीजों और उनके परिजनों की आवाजाही का मुख्य मार्ग है। क्षतिग्रस्त सड़क पर एंबुलेंस और मरीजों को ले जाने वाले वाहन भी जाम में फंस जाते थे। नई थ्री लेन सड़क के बनने से यह समस्या काफी हद तक कम हो जाएगी। अस्पताल पहुंचने का समय घटेगा और मरीजों को समय पर इलाज मिल सकेगा।