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राजस्थान में भर्ती परीक्षा के नए नियम: शर्ट की आस्तीन नहीं काटी जाएगी

राजस्थान में भर्ती परीक्षा के नए नियम: शर्ट की आस्तीन नहीं काटी जाएगी

शोभना शर्मा। राजस्थान में सरकारी भर्ती परीक्षाओं के दौरान उम्मीदवारों के लिए बड़ी राहत की खबर है। अब उम्मीदवारों को शर्ट की पूरी आस्तीन कटवाने जैसी समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ेगा। राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड (RSMSSB) के अध्यक्ष आलोक राज ने सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी देते हुए कहा कि जल्द ही ऐसा आदेश जारी किया जाएगा, जिससे परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों की पूरी आस्तीन की शर्ट काटने की प्रक्रिया बंद हो जाएगी। हालांकि, यह शर्ट सादा बटन वाली होनी चाहिए।

नए आदेश का मकसद उम्मीदवारों की परेशानी कम करना

पिछले कई वर्षों से सरकारी भर्ती परीक्षाओं में शामिल होने वाले उम्मीदवारों को कई प्रकार की असुविधाओं का सामना करना पड़ता रहा है। इनमें से एक आम समस्या थी, पूरी आस्तीन की शर्ट पहनकर आने वाले उम्मीदवारों की शर्ट की आस्तीन काटी जाना। सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए, परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा कर्मी या स्टाफ उम्मीदवारों की शर्ट की आस्तीन कैंची से काटकर आधी कर देते थे। इससे न केवल उम्मीदवारों को शर्मिंदगी उठानी पड़ती थी, बल्कि आर्थिक नुकसान भी होता था।

आलोक राज ने इस मुद्दे को गंभीरता से लेते हुए कहा, “अब आपके शर्ट की बाजू नहीं काटी जाए, इसके लिए आदेश जारी कर रहे हैं।” उन्होंने बताया कि जल्द ही इसके लिए अधिसूचना जारी की जाएगी, और उम्मीदवारों को सादा बटन वाली पूरी आस्तीन की शर्ट पहनने की अनुमति दी जाएगी। यह निर्णय उम्मीदवारों की गरिमा और उनकी आर्थिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

परीक्षार्थियों की आर्थिक और मानसिक असुविधा

परीक्षार्थियों का कहना है कि शर्ट की आस्तीन काटने से उन्हें न केवल मानसिक रूप से शर्मिंदगी महसूस होती थी, बल्कि शर्ट खराब होने के कारण उन्हें आर्थिक नुकसान भी होता था। कई बार अभ्यर्थी परीक्षा के बाद घर जाने के लिए एक खराब शर्ट पहनने को मजबूर हो जाते थे, जो उनके लिए असहज स्थिति पैदा करता था। पुरुष और महिला दोनों उम्मीदवार इस समस्या से प्रभावित होते थे।

महिला अभ्यर्थियों के लिए भी अक्सर यह समस्या अधिक गंभीर हो जाती थी, क्योंकि उनके कपड़े अधिक संवेदनशील होते हैं और इस प्रकार की प्रक्रियाओं के कारण उनके कपड़े पूरी तरह से खराब हो सकते हैं। इससे न केवल उनका आत्मविश्वास कमजोर होता था, बल्कि समाज में भी उन्हें असहज महसूस करना पड़ता था।

जनेऊ उतारने के विवाद पर सफाई

हाल ही में राजस्थान में आयोजित हुई समान पात्रता परीक्षा (CET) के दौरान जयपुर में एक अभ्यर्थी से जनेऊ उतरवाने का मामला भी सुर्खियों में रहा। 27 सितंबर को हुई CET परीक्षा के दौरान सुरक्षा जांच के नाम पर एक अभ्यर्थी की जनेऊ उतरवाई गई थी, जिससे विवाद उत्पन्न हुआ। अगले दिन, अभ्यर्थी ने कलेक्टर के नाम पर एक पत्र लिखकर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।

इस घटना के बाद विप्र फाउंडेशन ने सरकार के खिलाफ विरोध जताया और मांग की कि दोषी पुलिसकर्मी और स्कूल स्टाफ पर सख्त कार्रवाई की जाए। विप्र फाउंडेशन के राजस्थान अध्यक्ष प्यारेलाल शर्मा ने कहा कि ब्राह्मण समाज के साथ हुए इस प्रकार के व्यवहार को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं की तो ब्राह्मण समाज सड़कों पर उतरकर आंदोलन करेगा।

इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के अध्यक्ष आलोक राज ने सफाई दी। उन्होंने कहा कि यदि जनेऊ में किसी प्रकार का धातु या लॉकेट होता है तो उसे उतारना सुरक्षा जांच के लिहाज से आवश्यक होता है। हालांकि, इस घटना की जांच की जा रही है और भविष्य में इस प्रकार की समस्याओं से बचने के लिए ठोस नीतियां बनाई जाएंगी।

महिला अभ्यर्थियों के साथ मंगलसूत्र और चुनरी विवाद

यह पहला मामला नहीं है जब प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यर्थियों के साथ इस प्रकार की घटनाएं हुई हैं। इसके पहले भी महिला अभ्यर्थियों के गले से मंगलसूत्र उतरवाने और चुनरी को परीक्षा केंद्र के बाहर रखने के मामले में विवाद हो चुका है। ऐसे मामलों में कई बार अभ्यर्थियों ने आपत्ति जताई, क्योंकि यह उनकी व्यक्तिगत आस्थाओं और धार्मिक भावनाओं का उल्लंघन माना गया था।

आदेश के पीछे की सोच

कर्मचारी चयन बोर्ड का यह नया आदेश उम्मीदवारों की गरिमा और आत्मसम्मान की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। परीक्षा में शामिल होने वाले उम्मीदवारों को अब इस प्रकार की असुविधाओं से बचाने के लिए सुरक्षा मानकों का पुनर्मूल्यांकन किया जा रहा है।

नए आदेश के अनुसार, यदि उम्मीदवार पूरी आस्तीन की शर्ट पहनकर आता है तो उसकी शर्ट काटी नहीं जाएगी, बशर्ते कि उसमें सादा बटन लगा हो। इस नए नियम के बाद, उम्मीदवारों को शारीरिक और मानसिक रूप से अधिक सहज महसूस होगा, और उन्हें परीक्षा के बाद खराब शर्ट पहनकर जाने की शर्मिंदगी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

 

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