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अजमेर में मकर संक्रांति पर पतंगबाजी के नए नियम: चाइनीज मांझे पर रोक

अजमेर में मकर संक्रांति पर पतंगबाजी के नए नियम: चाइनीज मांझे पर रोक

शोभना शर्मा। मकर संक्रांति के अवसर पर अजमेर में पतंगबाजी को लेकर जिला प्रशासन ने नए नियम लागू किए हैं। व्यापक जनहित और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जिला कलेक्टर लोक बन्धु ने चाइनीज मांझे के उपयोग, निर्माण और विपणन पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा, सुबह और शाम के कुछ घंटों के दौरान पतंग उड़ाने पर भी रोक लगाई गई है।

चाइनीज मांझे पर क्यों लगा प्रतिबंध?

धातु निर्मित चाइनीज मांझा, जो प्लास्टिक, सिंथेटिक पदार्थ, या धातु के मिश्रण से बनाया जाता है, पक्षियों और इंसानों दोनों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। यह मांझा धारदार होने के साथ-साथ विद्युत का सुचालक होता है, जिससे कई गंभीर दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है।
जिला कलेक्टर ने बताया कि चाइनीज मांझा के उपयोग से:

  1. पक्षियों को गंभीर चोटें लग सकती हैं, जिससे उनकी मृत्यु तक हो सकती है।
  2. दोपहिया वाहन चालकों के लिए यह मांझा दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है।
  3. विद्युत तारों के संपर्क में आने से यह पतंग उड़ाने वाले को भी नुकसान पहुंचा सकता है और बिजली आपूर्ति में बाधा उत्पन्न कर सकता है।

इन खतरों को ध्यान में रखते हुए, प्रशासन ने चाइनीज मांझे के उपयोग, निर्माण, भंडारण, और बिक्री को पूरी तरह से निषेध किया है।

पतंगबाजी के समय पर प्रतिबंध

पक्षियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पतंगबाजी के समय पर भी नियंत्रण लगाया गया है। जिला प्रशासन ने सुबह 6 से 8 बजे और शाम 5 से 7 बजे के दौरान पतंग उड़ाने पर रोक लगाई है। ये समय पक्षियों के उड़ान और भोजन की तलाश का होता है। इस दौरान पतंगबाजी के कारण पक्षियों को चोट लगने और उनके प्राकृतिक जीवन में बाधा उत्पन्न होने की संभावना अधिक रहती है।

आदेश का उल्लंघन करने पर होगी कार्रवाई

जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि चाइनीज मांझा के निर्माण, उपयोग, बिक्री, भंडारण, और परिवहन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जो भी व्यक्ति इन आदेशों का उल्लंघन करता पाया जाएगा, उसके खिलाफ समुचित कानून के तहत कार्यवाही होगी। यह सुनिश्चित करने के लिए कि इन नियमों का पालन हो, प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है।

पक्षियों और जनहित के लिए उठाया गया कदम

यह कदम मुख्य रूप से पक्षियों और इंसानों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। मकर संक्रांति के दौरान पतंगबाजी की परंपरा को बनाए रखते हुए, प्रशासन ने इस पर कड़ा नियंत्रण लगाया है ताकि यह उत्सव किसी की जान को खतरे में न डाले।
जिला कलेक्टर ने कहा कि इन नियमों का उद्देश्य पक्षियों के जीवन को सुरक्षित बनाना, विद्युत आपूर्ति को बाधित होने से रोकना और नागरिकों को किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना से बचाना है।

स्थानीय जनता से अपील

प्रशासन ने स्थानीय जनता से अपील की है कि वे इन आदेशों का पालन करें और मकर संक्रांति को सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल तरीके से मनाएं। नागरिकों से चाइनीज मांझा न खरीदने और इसके उपयोग से बचने का अनुरोध किया गया है। साथ ही, पक्षियों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए जागरूकता फैलाने की भी अपील की गई है।

पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों को बढ़ावा

प्रशासन ने पतंग उड़ाने के लिए पारंपरिक मांझे और पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों को अपनाने की सलाह दी है। इससे न केवल पक्षियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

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