शोभना शर्मा। राजस्थान के कोटा शहर का नन्हा योग गुरु प्रत्यक्ष विजय एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर चर्चा में है। महज 7 साल की उम्र में प्रत्यक्ष देशभर के बच्चों के साथ मिलकर योग कर नया रिकॉर्ड बनाने की तैयारी में है। इससे पहले भी उसके नाम कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड दर्ज हैं, जिनमें सबसे कम उम्र में गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होना शामिल है।
तीन साल की उम्र से कर रहा है योग
प्रत्यक्ष विजय ने केवल तीन साल की उम्र में योग की दुनिया में कदम रखा। मां दीक्षा विजय को योग करते हुए देखकर वह खुद भी योग करने लगा। शुरुआत में यह एक खेल जैसा था, लेकिन जल्द ही यह उसकी दिनचर्या बन गया। मां ने प्रत्यक्ष की रुचि को गंभीरता से लिया और उसे सही तरीके से योग करना सिखाया। आज प्रत्यक्ष योग के लगभग सभी प्रमुख आसनों को आसानी से करता है और साथ ही उन्हें सिखाता भी है। प्रत्यक्ष का उद्देश्य न सिर्फ स्वयं अभ्यास करना है, बल्कि ज्यादा से ज्यादा बच्चों को योग से जोड़ना है।
गिनीज बुक में सबसे कम उम्र के योग गुरु का रिकॉर्ड
प्रत्यक्ष के पिता गौरव विजय बताते हैं कि जब उन्होंने बेटे की योग प्रतिभा देखी, तो उसका वीडियो और अन्य प्रमाण गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड टीम को भेजा। जांच-पड़ताल के बाद वर्ष 2024 में प्रत्यक्ष के नाम “सबसे कम उम्र के योग गुरु” का रिकॉर्ड दर्ज किया गया। यह रिकॉर्ड न केवल कोटा के लिए गर्व की बात है, बल्कि यह पूरी योग परंपरा के लिए भी एक प्रेरणा है कि कैसे छोटी उम्र में भी बच्चों को योग से जोड़ा जा सकता है।
योग दिवस 2025 पर नया रिकॉर्ड बनाने की तैयारी
प्रत्यक्ष विजय इस वर्ष योग दिवस के दिन देशभर के बच्चों के साथ सामूहिक योग कर एक नया रिकॉर्ड बनाने की तैयारी कर रहा है। यह आयोजन ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों प्लेटफॉर्म पर होगा। प्रत्यक्ष का अपना एक यूट्यूब चैनल है, जिस पर वह योग सिखाता है और 21 जून को विशेष सत्र का प्रसारण करेगा। इस रिकॉर्ड का उद्देश्य सबसे अधिक बच्चों के साथ एक समय पर योग कराना और उन्हें नियमित योग अभ्यास के लिए प्रेरित करना है।
पहले भी रच चुका है कई रिकॉर्ड
प्रत्यक्ष के नाम पहले से ही कई उल्लेखनीय रिकॉर्ड दर्ज हैं:
2023 में 2 मिनट में 27 योगासन कर नेशनल अवॉर्ड प्राप्त किया।
नवराष्ट्र योग प्रतियोगिता में चैंपियन बन चुके हैं।
इंटरनेशनल योग बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में प्लांक योगा के लिए नाम दर्ज हुआ है।
सबसे छोटी उम्र में एक योगासन को सबसे लंबी अवधि तक करने का रिकॉर्ड भी उनके नाम है।
इन उपलब्धियों के चलते प्रत्यक्ष कोटा ही नहीं, पूरे भारत में नन्हे योग प्रेरक के रूप में पहचाना जाने लगा है।
विद्यालय और योग दोनों में अग्रणी
प्रत्यक्ष फिलहाल दूसरी कक्षा का छात्र है और पढ़ाई के साथ-साथ नियमित योग अभ्यास करता है। स्कूल में भी वह बच्चों को योग सिखाने का बीड़ा उठाता है। पिता गौरव विजय और माता दीक्षा विजय उसे हर स्तर पर प्रोत्साहित कर रहे हैं। माता-पिता का कहना है कि प्रत्यक्ष न केवल खुद योग में प्रवीण बनना चाहता है, बल्कि पूरे देश के बच्चों को भी योग से जोड़ना चाहता है।