मनीषा शर्मा। राजस्थान में पेंशन रोकने की प्रक्रिया को लेकर बड़ी खबर आई है। भजनलाल सरकार ने अब सामाजिक पेंशन मामलों में अधिकारियों की मनमानी को रोकने के लिए एक नई व्यवस्था लागू की है। पहले जहां समाज कल्याण विभाग के अधिकारी बिना किसी ग्राम सभा अनुमोदन के पेंशन रोक देते थे, अब इस नई नीति के तहत ग्राम सभा की मंजूरी के बाद ही पेंशन रोकने का निर्णय लिया जाएगा।
अधिकारियों की मनमानी पर रोक
इससे पहले, कई पेंशनधारकों की पेंशन बिना उचित कारणों के रोक दी जाती थी। अधिकारियों द्वारा पेंशनधारियों की मृत्यु या राज्य के बाहर पलायन जैसे कारणों का हवाला देकर पेंशन बंद कर दी जाती थी। इसके चलते पेंशनधारकों को अपनी पेंशन फिर से शुरू करवाने के लिए सरकारी दफ्तरों के कई चक्कर लगाने पड़ते थे, लेकिन अक्सर उनकी पेंशन फिर से शुरू नहीं हो पाती थी।
अब सरकार की नई नीति से यह सुनिश्चित होगा कि पेंशनधारकों को इस प्रकार की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। नई व्यवस्था के तहत, अधिकारियों को अब बिना ग्राम सभा अनुमोदन के पेंशन रोकने की अनुमति नहीं होगी।
ग्राम सभा से अनुमोदन अनिवार्य
नई व्यवस्था के तहत, अब सामाजिक न्याय विभाग को पेंशन रोकने से पहले पंचायत समिति के विकास अधिकारी को संबंधित पेंशनधारियों की सूची भेजनी होगी। इस सूची को ग्राम विकास अधिकारी द्वारा ग्राम सभा में प्रस्तुत किया जाएगा, जहां इसे अनुमोदित किया जाएगा। अनुमोदन के बाद, यह जानकारी वापस समाज कल्याण विभाग को भेजी जाएगी, जिसके बाद पेंशन रोकने पर निर्णय लिया जाएगा।
इससे न केवल पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि योग्य पेंशनधारकों को अनावश्यक रूप से पेंशन बंद होने की समस्या से भी छुटकारा मिलेगा।
गलत तरीके से पेंशन उठाने वालों पर होगी कार्रवाई
इस नई नीति का एक और महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इससे गलत तरीके से पेंशन लेने वाले लोगों पर भी नकेल कसी जाएगी। पंचायत स्तर पर पेंशनधारियों का सत्यापन करवाया जाएगा, और अगर किसी व्यक्ति के द्वारा गलत तरीके से पेंशन ली जा रही है, तो उस पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
ग्राम सभा में अनुमोदन के बाद जो सूची पेंशन विभाग में भेजी जाएगी, उसी के आधार पर पेंशन रोकने या जारी रखने का निर्णय लिया जाएगा। इस व्यवस्था से न केवल सरकारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता आएगी, बल्कि पेंशनधारकों को अपने अधिकारों का संरक्षण भी मिलेगा।
9 लाख से अधिक पेंशनधारकों को होगा फायदा
भजनलाल सरकार की इस नई नीति से राज्य के लगभग साढ़े 9 लाख से अधिक पेंशनधारक लाभान्वित होंगे। पहले जहां अधिकारियों की मनमानी के चलते पेंशनधारकों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता था, अब ग्राम सभा के अनुमोदन के बाद ही पेंशन रोकने का निर्णय होगा। इससे पेंशनधारकों को बेवजह परेशान नहीं किया जा सकेगा और वे अपने हक की पेंशन समय पर पा सकेंगे।
सरकार के पास आ रही थीं शिकायतें
सरकार के पास लंबे समय से शिकायतें आ रही थीं कि कई योग्य पेंशनधारकों की पेंशन बिना किसी उचित कारण के रोक दी जाती है। इसके बाद ही भजनलाल सरकार ने इस नई व्यवस्था को लागू किया है। इससे पेंशन की प्रक्रिया में न केवल पारदर्शिता आएगी, बल्कि अधिकारी अब मनमानी भी नहीं कर पाएंगे।