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राजस्थान और मध्यप्रदेश को जोड़ेगा नया कोटा-श्योपुर रेलमार्ग

राजस्थान और मध्यप्रदेश को जोड़ेगा नया कोटा-श्योपुर रेलमार्ग

मनीषा शर्मा। राजस्थान और मध्यप्रदेश के बीच रेल कनेक्टिविटी को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। कोटा रेल मंडल ने कोटा-श्योपुर-ग्वालियर रेलमार्ग परियोजना के लिए सर्वे और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) का काम पूरा कर लिया है। अब इस डीपीआर को रेल मंत्रालय को भेज दिया गया है। जैसे ही स्वीकृति मिलेगी, भूमि अवाप्ति कर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

इससे पहले राजस्थान और मध्यप्रदेश को जोड़ने के लिए कोटा-रामगंजमंडी-भोपाल रेलमार्ग और कोटा-उज्जैन रेलमार्ग बनाए गए थे। अब यह तीसरा रेलमार्ग दोनों राज्यों को और बेहतर तरीके से जोड़ेगा।

284 किमी लंबा रेलमार्ग

यह नया रेलमार्ग कुल 284 किलोमीटर लंबा होगा। इसमें कोटा से श्योपुर तक करीब 103 किलोमीटर लंबी नई रेल लाइन बिछाई जाएगी। वहीं, मध्यप्रदेश के हिस्से में श्योपुर से ग्वालियर तक लगभग 180 किलोमीटर नैरोगेज लाइन को ब्रॉडगेज में बदला जाएगा।

इस पूरी परियोजना पर 375 करोड़ रुपए की लागत अनुमानित है और इसके लिए रेल मंत्रालय को विस्तृत रिपोर्ट भेज दी गई है। मंजूरी मिलते ही 584 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा।

कोटा जिले में बनेंगे 8 नए स्टेशन

इस रेलमार्ग का सबसे अहम हिस्सा कोटा जिला है, जहां इस नई लाइन पर 8 नए स्टेशन बनाए जाएंगे। इनमें पीपल्दा, गणेशगंज, दोस्तपुरा, बड़ौद, उम्मेदपुरा और सुल्तानपुर शामिल हैं।

इसके अलावा, दीगोद और मोतीपुरा चौकी पर पहले से स्टेशन मौजूद हैं। साथ ही कोटा से श्रीमाधोपुर तक पहले से रेल स्टेशन है। ऐसे में पूरी लाइन कोटा से श्रीमाधोपुर होते हुए श्योपुर तक जुड़ जाएगी।

यात्रियों को बड़ा लाभ

इस रेलमार्ग के शुरू होने के बाद राजस्थान और मध्यप्रदेश के लाखों लोगों को लाभ मिलेगा। तीनों जिलों के ऐसे गांव जो अब तक रेल सेवा से वंचित थे, अब रेलवे नेटवर्क से जुड़ जाएंगे। यह परियोजना न केवल स्थानीय लोगों की सुविधा बढ़ाएगी बल्कि पर्यटन और व्यापार को भी नया आयाम देगी।

रेलमार्ग के इलेक्ट्रिफाइड होने से इस पर तेज गति से ट्रेनों का संचालन संभव होगा। इससे यात्रा समय घटेगा और माल परिवहन भी सस्ता होगा।

श्योपुर-ग्वालियर मार्ग पर तेजी से काम

उधर, श्योपुर से ग्वालियर तक नैरोगेज लाइन को ब्रॉडगेज में बदलने का काम तेजी से चल रहा है। इस हिस्से के पूरा होने के बाद कोटा से श्योपुर होते हुए ग्वालियर तक सीधी रेल सेवा संभव होगी।

आर्थिक और सामाजिक असर

नया रेलमार्ग स्थानीय अर्थव्यवस्था को गति देगा। कृषि उत्पादों, व्यापारिक सामान और औद्योगिक वस्तुओं के परिवहन में आसानी होगी। ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी अब बड़े शहरों से आसानी से जुड़ सकेंगे।

परियोजना का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। निर्माण कार्य के दौरान बड़ी संख्या में श्रमिकों को रोजगार मिलेगा और लंबे समय में स्टेशन और रेल संचालन से जुड़े लोगों के लिए स्थायी नौकरी के अवसर पैदा होंगे।

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

कोटा, श्योपुर और ग्वालियर क्षेत्र ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध हैं। इस नए रेलमार्ग से पर्यटकों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे पर्यटन उद्योग को भी बढ़ावा मिलेगा।

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