शोभना शर्मा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की दुनिया में अग्रणी कंपनी OpenAI ने अपने लोकप्रिय AI चैटबॉट ChatGPT में मेंटल हेल्थ को ध्यान में रखते हुए कुछ खास और नए फीचर्स शामिल किए हैं। यह फीचर्स यूजर्स को मानसिक थकान से बचाने और अधिक समझदारी से सवालों के जवाब देने के मकसद से लॉन्च किए गए हैं। OpenAI का कहना है कि उनका अगला बड़ा अपडेट GPT-5 आने से पहले वे यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि मौजूदा GPT मॉडल्स का उपयोग करते समय यूजर्स की मानसिक स्थिति को प्राथमिकता दी जाए। यह कदम खासतौर पर उन यूजर्स के लिए महत्वपूर्ण है जो ChatGPT का लगातार और लंबे समय तक इस्तेमाल करते हैं।
लंबे सेशन के दौरान ब्रेक लेने का रिमाइंडर
ChatGPT में एक नया “ब्रेक रिमाइंडर” फीचर जोड़ा गया है, जो तब एक्टिव होता है जब कोई यूजर लगातार 30 मिनट से ज्यादा चैट करता है। ऐसे में बॉट खुद एक सजेशन देगा – “क्या यह ब्रेक लेने का सही समय है?” इस फीचर का उद्देश्य यूजर्स को थकावट और ओवर वर्किंग से बचाना है, ताकि वे मानसिक रूप से स्वस्थ रहें और लगातार स्क्रीन देखने से होने वाले तनाव से भी बच सकें। यह खासतौर पर स्टूडेंट्स, कोडर्स, राइटर्स और कॉर्पोरेट यूजर्स के लिए उपयोगी है, जो घंटों तक GPT के साथ काम करते हैं।
भावनात्मक और जटिल सवालों के जवाब अब और समझदारी से
ChatGPT में अब ऐसे सवालों का जवाब पहले की तरह सीधे हां या ना में नहीं मिलेगा, जो रिश्तों, करियर, या जिंदगी से जुड़े जटिल और भावनात्मक पहलुओं से संबंधित हों। अब यह बॉट यूजर को शांत और संतुलित लहजे में विभिन्न विकल्पों के फायदे और नुकसान बताएगा। इसका मकसद है कि यूजर किसी भी भावनात्मक निर्णय को जल्दबाजी में न लें, बल्कि सभी पहलुओं को समझ कर फैसला करें। यह बदलाव खास तौर पर यूजर्स की मानसिक स्थिति का सम्मान करते हुए किया गया है, जिससे उन्हें सही दिशा में सोचने और निर्णय लेने में मदद मिल सके।
हर दिन ChatGPT पर आ रहे 250 करोड़ से अधिक प्रॉम्प्ट्स
Axios की एक रिपोर्ट के अनुसार, ChatGPT प्रतिदिन लगभग 250 करोड़ से अधिक प्रॉम्प्ट्स (यूजर सवाल या काम) के जवाब दे रहा है। अकेले अमेरिका से 33 करोड़ प्रॉम्प्ट्स आते हैं। सिर्फ छह महीने पहले दिसंबर 2024 में यह संख्या करीब 100 करोड़ प्रतिदिन थी। यानी इस अवधि में उपयोग दो गुना से अधिक हो गया है। रिपोर्ट यह भी बताती है कि ChatGPT अब सालाना 912.5 अरब सवालों के जवाब दे रहा है। तुलना करें तो Google पर प्रतिवर्ष करीब 5 ट्रिलियन सर्च होते हैं।
भारत बना सबसे बड़ा उपयोगकर्ता देश
भारत और अमेरिका दोनों ही 16% ट्रैफिक के साथ ChatGPT के सबसे बड़े यूजर देश हैं। इसके बाद ब्राजील, कनाडा और फ्रांस जैसे देश आते हैं। भारत में खासतौर पर 25-34 वर्ष की आयु वर्ग के युवा और स्टूडेंट्स ChatGPT का उपयोग तेजी से बढ़ा रहे हैं। ये यूजर ChatGPT को पढ़ाई, जटिल कॉन्सेप्ट्स को समझने, होमवर्क, और निबंध जैसे शैक्षणिक कार्यों के लिए उपयोग कर रहे हैं। दिसंबर 2024 में जहां साप्ताहिक यूजर्स की संख्या 30 करोड़ थी, वहीं अब यह बढ़कर 50 करोड़ वीकली एक्टिव यूजर्स तक पहुंच गई है।
GPT-5 की लॉन्चिंग के पहले मानसिक सेहत पर फोकस
OpenAI फिलहाल GPT-5 नामक अपने अगली पीढ़ी के मॉडल पर काम कर रहा है। लेकिन कंपनी ने स्पष्ट किया है कि तकनीकी अपग्रेड्स के साथ-साथ अब वह यूजर की वेल-बीइंग यानी मानसिक सेहत को भी उतनी ही अहमियत दे रही है। इसमें शामिल हैं – भावनात्मक बुद्धिमत्ता के साथ जवाब देना, मानसिक थकावट को पहचानना और ब्रेक का सजेशन देना।
OpenAI और ChatGPT का इतिहास
OpenAI की स्थापना 2015 में इलॉन मस्क, सैम ऑल्टमैन और कुछ अन्य तकनीकी दिग्गजों ने मिलकर की थी। कंपनी सैन फ्रांसिस्को, कैलिफोर्निया में स्थित है और इसका मुख्य उद्देश्य सुरक्षित और ह्यूमन-सेंट्रिक AI का विकास करना है। ChatGPT (Chat Generative Pre-Trained Transformer) एक जेनेरेटिव AI चैटबॉट है, जो इंटरनेट पर मौजूद जानकारी के आधार पर यूजर के सवालों के जवाब देता है। इसका उपयोग शिक्षा, लेखन, कोडिंग, हेल्थ, मार्केटिंग और तमाम प्रोफेशनल कार्यों में किया जा रहा है।