मनीषा शर्मा। 1 जुलाई 2024 से भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 लागू होंगे। इन नए आपराधिक कानूनों का मुख्य उद्देश्य महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देना और कानूनी प्रक्रियाओं में तेजी लाना है। सूचना दर्ज होने के दो महीने के भीतर जांच पूरी करने की व्यवस्था की गई है, और इलेक्ट्रॉनिक रूप से समन की तामील की जा सकेगी।
केंद्र सरकार ने तीनों कानूनों के बारे में जागरूकता फैलाने और उनके प्रभावी क्रियान्वयन के लिए व्यापक पहल की है। एनसीआरबी ने क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क्स एंड सिस्टम्स एप्लिकेशन में 23 सुधार किए हैं। पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो ने प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किए और 40,317 अधिकारियों को प्रशिक्षित किया है।
नए कानूनों में महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराधों की जांच, फॉरेंसिक साक्ष्य संग्रह, वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी की व्यवस्था, और जीरो एफआईआर जैसे प्रावधान शामिल हैं। साथ ही, पीड़ितों को निःशुल्क चिकित्सा उपचार और मामलों की प्रगति के बारे में नियमित अपडेट प्राप्त करने का अधिकार होगा। इन सुधारों का उद्देश्य न्याय प्रणाली को अधिक पारदर्शी और विश्वसनीय बनाना है।
प्रमुख बिंदु:
- ऑनलाइन घटनाओं की रिपोर्टिंग।
- किसी भी पुलिस स्टेशन पर एफआईआर दर्ज करना।
- महिलाओं और बच्चों के प्रति अपराधों की त्वरित जांच।
- इलेक्ट्रॉनिक समन और फॉरेंसिक साक्ष्य संग्रह।
- पीड़ितों को निःशुल्क चिकित्सा उपचार और मामलों की प्रगति का अपडेट।