शोभना शर्मा, अजमेर। जेएलएन अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। अस्पताल प्रशासन ने ओपीडी में रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को सरल बनाने का फैसला किया है। अब मरीजों को रजिस्ट्रेशन के लिए अलग से कतार में नहीं लगना पड़ेगा। केवल पर्ची पर लिखे 12 अंकों के नंबर के आधार पर ही रजिस्ट्रेशन हो जाएगा। यह व्यवस्था दीपावली के बाद लागू की जाएगी, जिससे मरीजों का काफी समय बचेगा और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को और अधिक सहज बनाया जाएगा।
नई व्यवस्था के लाभ
इस नवाचार के तहत ओपीडी रजिस्ट्रेशन के लिए मरीजों को अलग से पर्ची कटवाने की जरूरत नहीं होगी। पर्ची पर लिखे 12 अंकों के यूनिक नंबर के आधार पर ही मरीजों का रजिस्ट्रेशन हो जाएगा। इस व्यवस्था से मरीजों को पर्ची लेने और रजिस्ट्रेशन कराने में जो समय लगता था, वह बच जाएगा। अनुमान है कि इससे प्रत्येक मरीज को करीब आधे घंटे का समय बचेगा, जो वर्तमान प्रक्रिया में रजिस्ट्रेशन कराने में लगता है।
इस नई व्यवस्था के दो प्रमुख लाभ होंगे:
- समय की बचत: अब मरीजों को रजिस्ट्रेशन के लिए कतार में खड़े होकर इंतजार नहीं करना पड़ेगा, जिससे उनका समय बचेगा।
- मानव संसाधन का बेहतर उपयोग: वर्तमान में रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में 50 नर्सिंग ऑफिसर लगे हुए हैं। इस नई व्यवस्था के लागू होने से वे नर्सिंग ऑफिसर अन्य जरूरी सेवाओं में लगाए जा सकेंगे, जैसे वार्डों में या अन्य चिकित्सा कार्यों में।
अस्पताल प्रशासन का कदम
अस्पताल प्रशासन की एक टीम इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। बताया जा रहा है कि इस व्यवस्था को दीपावली के बाद लागू किया जाएगा। प्रशासन ने फैसला किया है कि अब चार के बजाय केवल तीन काउंटरों की व्यवस्था की जाएगी। फिलहाल मरीजों को ओपीडी में आते ही पर्ची कटवाने से लेकर दवा लेने तक लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ता है, जिससे उन्हें काफी असुविधा होती है। इस नई प्रणाली के लागू होने से मरीजों को इस प्रक्रिया से राहत मिलेगी और उनका समय बचेगा।
समय की बचत
ओपीडी में इलाज कराने आए मरीजों को फिलहाल रजिस्ट्रेशन से लेकर दवा लेने तक की प्रक्रिया में करीब 2 से 3 घंटे का समय लगता है। सोमवार से शनिवार के दिनों में यह समय और अधिक हो जाता है, खासकर मंगलवार, गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार को, जब अस्पताल में सबसे अधिक भीड़ होती है। मरीजों को पर्ची कटवाने, डॉक्टर से परामर्श लेने, रजिस्ट्रेशन कराने और फिर दवा लेने के लिए अलग-अलग कतारों में खड़ा होना पड़ता है, जिससे उन्हें काफी परेशानी होती है।
अगर डॉक्टर मरीज को किसी जांच के लिए भेजते हैं, तो यह प्रक्रिया और लंबी हो जाती है और कुल मिलाकर 4 घंटे तक का समय लग सकता है। इस समस्या को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को सरल बनाने का निर्णय लिया है, ताकि मरीजों को बेवजह इंतजार न करना पड़े।
पर्ची पर आधारित रजिस्ट्रेशन
वर्तमान व्यवस्था के अनुसार, मेडिसिन, नेत्र, ईएनटी, सर्जरी, ऑर्थोपेडिक, चर्म रोग और कार्डियोलॉजी जैसे विभिन्न विभागों में अलग-अलग रजिस्ट्रेशन काउंटर लगाए गए हैं। यहां प्रत्येक मरीज का रजिस्ट्रेशन किया जाता है। लेकिन नई व्यवस्था के तहत, अब रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को दवा काउंटर पर बैठे कम्प्यूटर ऑपरेटर ही पूरा करेंगे। यह ऑपरेटर पर्ची पर लिखे 12 अंकों के नंबर के आधार पर मरीजों का रजिस्ट्रेशन करेंगे और उनकी जानकारी को संबंधित विभाग से जोड़ देंगे।
जब मरीज की पर्ची कटेगी, तो उसे अलग-अलग ब्लॉक में विभाजित किया जाएगा और संबंधित यूनिट का नाम लिखा जाएगा। बाद में यह जानकारी सिस्टम से कनेक्ट कर दी जाएगी, ताकि यह पता चल सके कि किस यूनिट में कितने मरीजों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। इसी तरह दवा काउंटर पर जब मरीज दवा लेने आएंगे, तो ऑपरेटर यह जानकारी भी दर्ज करेंगे कि किस डॉक्टर ने दवा लिखी है। इस तरह, रोजाना अस्पताल में उपचार के लिए आने वाले मरीजों का सही-सटीक डेटा तैयार किया जा सकेगा।
प्रशासन की तैयारी
जेएलएन अस्पताल के प्रिंसिपल डॉ. अनिल सामरिया और अधीक्षक डॉ. अरविन्द खरे ने इस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी उप अधीक्षक डॉ. अमित यादव को सौंपी थी। पिछले दिनों हुई चर्चा में यह सामने आया कि ओपीडी में आने वाले मरीजों को पर्ची कटवाने से लेकर दवा लेने तक काफी समय लग जाता है। खासकर, ओपीडी के व्यस्त दिनों में मरीजों को यह प्रक्रिया बहुत थकाऊ लगती है। इसके समाधान के लिए अस्पताल प्रशासन ने यह नया रजिस्ट्रेशन सिस्टम लागू करने का फैसला किया है, जो मरीजों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा।