मनीषा शर्मा। राजस्थान विधानसभा में जारी गतिरोध के बीच गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने विपक्ष और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने विपक्ष के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि विपक्ष ने सदन की मर्यादा को तार-तार किया है और उन्हें इसके लिए खेद व्यक्त करना चाहिए। उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं, विशेष रूप से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी निशाना साधा और कहा कि वे तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं, लेकिन अब केवल ट्विटर गेम खेल रहे हैं।
“विपक्ष ने सदन की मर्यादा तोड़ी”
बेढम ने कहा कि विधानसभा में विपक्ष का व्यवहार अनुचित है। कांग्रेस पार्टी के नेता अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा रहे और सदन की गरिमा को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा, “विपक्ष ने सदन की वेल में आकर आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल किया, जो संसदीय मर्यादा के खिलाफ है। संसदीय कार्य मंत्री, मुख्य सचेतक और वरिष्ठ विधायक लगातार विपक्ष से बातचीत करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस अपनी जिद पर अड़ी हुई है।”
उन्होंने आगे कहा कि राजस्थान विधानसभा का इतिहास समृद्ध रहा है, जिसमें भैरों सिंह शेखावत, मोहनलाल सुखाड़िया, हरिदेव जोशी, वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत जैसे दिग्गज नेताओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। लेकिन वर्तमान में जिस तरह से सदन में गतिरोध बना हुआ है, ऐसा पहले कभी नहीं देखा गया।
इंदिरा गांधी को दादी कहने पर आपत्ति क्यों?
इंदिरा गांधी को ‘दादी’ कहने को लेकर चल रहे विवाद पर जवाहर बेढम ने कांग्रेस से सीधा सवाल पूछा। उन्होंने कहा, “क्या पूरा देश पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को ‘चाचा नेहरू’ नहीं कहता? तो फिर इंदिरा गांधी को ‘दादी’ कहने में कांग्रेस को आपत्ति क्यों है?”
उन्होंने कांग्रेस को चुनौती देते हुए कहा, “अगर ‘दादी’ शब्द असंसदीय है, तो कांग्रेस के नेता मीडिया के सामने आकर कहें कि इंदिरा गांधी दादी नहीं थीं। अगर वे ऐसा नहीं कहते, तो हमें भी सोचना पड़ेगा कि वे खुद अपने परिवार की विरासत को कैसे देखते हैं।”
“अशोक गहलोत अब सिर्फ ट्विटर गेम खेल रहे हैं”
मंत्री बेढम ने अशोक गहलोत पर भी निशाना साधा और कहा कि वे तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी रहे हैं, लेकिन अब ट्विटर पर खेल रहे हैं। उन्होंने कहा, “अगर आपको सच में जनता की चिंता है, तो सदन में आइए और अपनी बात रखिए। लेकिन कांग्रेस के लोग आपकी बात मानने को तैयार नहीं हैं। यही वजह है कि सदन की कार्यवाही बार-बार बाधित हो रही है।”
“हम गतिरोध खत्म करना चाहते हैं, लेकिन विपक्ष पीछे हट रहा”
इस बीच उप मुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने भी कांग्रेस और विपक्ष पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार गतिरोध खत्म करने की इच्छुक है, लेकिन विपक्ष को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि सदन सुचारू रूप से चले, लेकिन विपक्ष जनता के मुद्दों को उठाने के बजाय सदन से भाग रहा है। प्रदेश की 8 करोड़ जनता विधानसभा की ओर देख रही है, लेकिन विपक्ष अपनी जिम्मेदारी से पीछे हट रहा है।”
उन्होंने यह भी कहा कि संसदीय कार्य मंत्री और अन्य वरिष्ठ विधायक लगातार विपक्ष से संपर्क कर रहे हैं, लेकिन कांग्रेस किसी भी सुलह के मूड में नहीं दिख रही।
क्या है पूरा विवाद?
दरअसल, विधानसभा सत्र के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली। विपक्ष ने सरकार पर हमले बोले, वहीं सत्तापक्ष ने भी पलटवार किया। सबसे बड़ा विवाद तब हुआ जब इंदिरा गांधी को ‘दादी’ कहे जाने पर कांग्रेस ने आपत्ति जताई। इस पर भाजपा नेताओं ने पलटवार करते हुए पूछा कि यदि नेहरू को ‘चाचा’ कहा जा सकता है, तो इंदिरा गांधी को ‘दादी’ कहने में क्या गलत है?