शोभना शर्मा। अंता विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने वाले नरेश मीणा ने चुनाव परिणामों के बाद शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद से भेंट की। यह मुलाकात न केवल आध्यात्मिक महत्व की रही, बल्कि राजनीतिक संदेश भी समेटे हुए थी। शंकराचार्य ने नरेश मीणा का आशीर्वाद देते हुए उनके समर्थकों को धन्यवाद कहा और भविष्य में भी जनता की सेवा जारी रखने का संदेश दिया।
शंकराचार्य ने कहा—“कागजों में विजयी नहीं, पर जनता के हृदय के विधायक नरेश मीणा”
भेंट के बाद शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि नरेश मीणा उनके पास आए और उन्होंने चुनाव में मिले समर्थन के प्रति आभार व्यक्त किया। शंकराचार्य ने उनके समर्थकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि जनता ने दिल से नरेश मीणा का साथ दिया है। उन्होंने कहा कि भले ही कागजों पर नरेश मीणा विजयी नहीं हुए, लेकिन अंता की जनता ने यह बता दिया है कि उनके हृदय का विधायक कौन है।
उन्होंने आगे कहा कि चुनाव एक प्रक्रिया है, परिणाम आते-जाते रहते हैं, लेकिन जनता का स्नेह और आशीर्वाद सबसे बड़ा होता है। नरेश मीणा को मिले वोट यह साबित करते हैं कि क्षेत्र के लोग उन्हें अपनी आवाज़ और प्रतिनिधि के रूप में देखते हैं।
“विधायक बनें या न बनें, क्षेत्र की समस्याओं के समाधान में आगे आएं”
शंकराचार्य ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि विधायक पद मिले या न मिले, क्षेत्र की समस्याओं के समाधान के लिए कार्य करना किसी भी जन-प्रतिनिधि का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि जो भी विधायक बना है, वह अपना काम करेगा, लेकिन नरेश मीणा को भी जनता की सेवा के लिए सदैव उपलब्ध रहना चाहिए।
शंकराचार्य ने कहा कि चुनाव हारने का अर्थ यह नहीं है कि वादे समाप्त हो गए। जनता ने 50 हजार से अधिक वोट देकर नरेश मीणा पर भरोसा जताया है, इसलिए उन्हें अपने क्षेत्र में जाकर जनता का धन्यवाद करना चाहिए और उनसे मिलकर पूछना चाहिए कि वे उनके लिए क्या कर सकते हैं।
“गोमाता की सेवा का वचन निभाना भी आपका धर्म है”
मुलाकात के दौरान शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने विशेष रूप से गोसेवा के मुद्दे पर बात की। उन्होंने कहा कि नरेश मीणा ने चुनाव प्रचार के दौरान गोमाता की सेवा और गौ-विकास से संबंधित कुछ वादे किए थे। उन्होंने नरेश को मंत्र दिया कि उन्हें अपने इन वचनों को निभाना चाहिए और क्षेत्र के किसानों तथा गोपालकों से मिलकर गायों की पीड़ा को दूर करने के प्रयास करने चाहिए।
उन्होंने कहा कि अभी भी नरेश मीणा उतने ही सक्षम हैं जितने चुनाव से पहले थे। वे जनता की भावनाओं को समझकर क्षेत्र के हित के कार्य आगे बढ़ा सकते हैं। यही सच्चे प्रतिनिधित्व का धर्म है।
नरेश मीणा ने भी इस पर अपनी सहमति जताई और कहा कि गोसेवा से जुड़े वादों को वह हर हाल में पूरा करेंगे।
अंता उपचुनाव में मिली थी कड़ी टक्कर
अंता विधानसभा उपचुनाव में मुकाबला बेहद दिलचस्प रहा। कांग्रेस उम्मीदवार प्रमोद जैन भाया ने जीत दर्ज की। उन्हें कुल 69462 वोट मिले। भाजपा उम्मीदवार मोरपाल सुमन को 53868 वोट मिले, जबकि निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा को 53740 वोट प्राप्त हुए।
सिर्फ कुछ सौ वोटों के अंतर ने नरेश मीणा को तीसरे स्थान पर रखा, लेकिन वोटों की संख्या ने यह साफ कर दिया कि उन्होंने मैदान में मजबूती से उपस्थिति दर्ज कराई।
जनता के बीच ‘धन्यवाद यात्रा’ निकालने की सलाह
शंकराचार्य ने कहा कि नरेश मीणा जब धन्यवाद यात्रा निकालेंगे, तब उन्हें यह समझने का अवसर मिलेगा कि जनता उनसे क्या उम्मीद करती है। उन्होंने कहा कि यह यात्रा चुनाव परिणाम से कहीं अधिक महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि यह सीधे जनता के मन की बात जानने का अवसर देगी।


