मनीषा शर्मा। राजस्थान के ब्यावर खास स्थित सरकारी स्कूल में नमाज पढ़ने और विद्यार्थियों को इस धार्मिक गतिविधि में शामिल करने का मामला सामने आया है। इस घटना में शामिल दो शिक्षिकाओं के खिलाफ सख्त कदम उठाए गए हैं। इसमें एक शिक्षिका को निलंबित कर दिया गया है, जबकि दूसरी के खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित की गई है।
यह मामला ब्यावर खास सीनियर सेकेंडरी स्कूल से संबंधित है। यहां लेवल 2 की शिक्षिका असमा परवीन और सेकंड ग्रेड की शिक्षिका शगुफ्ता पर आरोप है कि उन्होंने स्कूल परिसर में नियमित रूप से नमाज अदा की और विद्यार्थियों को भी नमाज पढ़ने के लिए उकसाया। स्कूल समय के दौरान शैक्षिक गतिविधियों के बीच इस तरह की धार्मिक गतिविधियां करने की वजह से विवाद उत्पन्न हो गया।
ग्रामीणों की शिकायत
स्कूल में इस गतिविधि को लेकर कुछ लोगों ने आपत्ति जताई और कई बार दोनों शिक्षिकाओं को टोका भी गया। इसके बावजूद दोनों शिक्षिकाओं ने अपने व्यवहार में बदलाव नहीं किया। धीरे-धीरे यह मामला स्थानीय ग्रामीणों तक पहुंचा, जिन्होंने इस पर नाराजगी जाहिर की और शिकायत को जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) अजय कुमार गुप्ता के पास पहुंचाया।
डीईओ अजय कुमार गुप्ता ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच समिति गठित की। इस जांच समिति में अतीतमंड स्कूल की प्रधानाचार्य विमला चौहान और गणेशपुरा स्कूल के प्रधानाचार्य सुनील व्यास को शामिल किया गया। दोनों ने मिलकर मामले की विस्तृत जांच की और अपनी रिपोर्ट सौंपी।
जांच में नमाज अदा करने की पुष्टि
जांच रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ कि दोनों शिक्षिकाएं स्कूल के समय में ही नमाज अदा करती थीं और उन्होंने विद्यार्थियों को भी इस धार्मिक क्रिया में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद, जिला शिक्षा अधिकारी ने तुरंत प्रभाव से शिक्षिका असमा परवीन को निलंबित करने का आदेश जारी किया। निलंबन के बाद असमा परवीन का हेडक्वार्टर जवाजा सीबीईओ कार्यालय में कर दिया गया, जहां उन्हें नियमानुसार 50 प्रतिशत निर्वाह भत्ता मिलेगा।
वहीं, शगुफ्ता के सेकंड ग्रेड की शिक्षिका होने के कारण उनके खिलाफ निलंबन का निर्णय जिला स्तर पर नहीं लिया जा सकता। इसीलिए उनके मामले को आगे की कार्रवाई के लिए संयुक्त निदेशक अजमेर को भेजा गया है।
स्कूल प्रशासन की प्रतिक्रिया
सीनियर सेकेंडरी स्कूल ब्यावर खास के कार्यवाहक प्रधानाचार्य महेंद्र माली ने बताया कि जिला शिक्षा अधिकारी के निर्देशों के अनुसार शिक्षिका असमा परवीन को सीबीईओ कार्यालय जवाजा के लिए कार्यमुक्त कर दिया गया है। हालांकि, शिक्षिका शगुफ्ता अभी भी उसी स्कूल में कार्यरत हैं और उनके खिलाफ निर्देश मिलते ही कार्रवाई की जाएगी।
नमाज पढ़ने का मामला: गंभीरता से लिया गया
जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक ब्यावर के अजय कुमार गुप्ता ने बताया कि दोनों शिक्षिकाओं के खिलाफ प्राप्त शिकायत की गंभीरता से जांच की गई और जांच रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि यह मामला शिक्षकों द्वारा विद्यालय परिसर में धार्मिक गतिविधियों के आयोजन और विद्यार्थियों को भी इसमें शामिल करने से संबंधित है, जो शैक्षणिक अनुशासन के खिलाफ है।