मनीषा शर्मा, अजमेर। अजमेर में एक अनोखा और संवेदनशील मामला सामने आया है, जहां एक मुस्लिम पिता-पुत्र ने अपनी इच्छानुसार हिंदू धर्म अपनाया। धर्म परिवर्तन की यह घटना सोमवार को अजमेर के एक मंदिर में विधि-विधान के साथ संपन्न हुई। इस घटना ने धार्मिक और सामाजिक स्तर पर चर्चा का विषय बनते हुए कई सवाल खड़े किए हैं।
3 साल से चल रही पीड़ा ने किया मजबूर
45 वर्षीय राकेश (बदला हुआ नाम), जो पेशे से एक फोटोग्राफर हैं, ने अपने बेटे के साथ मिलकर हिंदू धर्म अपनाया। राकेश का दावा है कि उन्हें और उनके बेटे को पिछले तीन वर्षों से लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था। उनका आरोप है कि उनके पड़ोस में रहने वाले एक धर्मगुरु ने उनकी पत्नी और बेटी को अपने प्रभाव में लेकर उनके खिलाफ कर दिया।
राकेश के अनुसार, धर्मगुरु ने उनकी बेटी से छेड़छाड़ और पॉक्सो एक्ट के तहत 14 अगस्त 2024 को रामगंज थाने में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई। इस स्थिति ने राकेश को इतना मजबूर कर दिया कि उन्हें अपनी पत्नी से तलाक लेना पड़ा। उन्होंने बताया कि 27 अगस्त 2024 को उन्होंने 2 लाख रुपये देकर तलाक लिया, लेकिन इसके बावजूद उन्हें और उनके बेटे को मानसिक और सामाजिक रूप से प्रताड़ित किया जाता रहा।
हिंदू धर्म के लोगों ने की मदद
राकेश ने बताया कि जब समाज के अन्य लोगों से उन्होंने मदद मांगी, तो कोई भी उनकी सहायता के लिए आगे नहीं आया। इस कठिन समय में हिंदू समाज के कुछ लोगों ने उनका साथ दिया। उनकी मदद और समर्थन के बाद ही राकेश और उनके बेटे दिनेश ने हिंदू धर्म अपनाने का फैसला किया।
मंदिर में हुआ शुद्धिकरण और धर्म परिवर्तन
अजमेर के मंदिर के पुजारी ने बताया कि राकेश और उनके बेटे ने अपनी स्वेच्छा से हिंदू धर्म अपनाया। दोनों ने विधि-विधान से हवन और पूजन कर शुद्धिकरण प्रक्रिया पूरी की। पुजारी के अनुसार, राकेश और उनके बेटे को पहले से ही सनातन धर्म की जानकारी थी और वे लंबे समय से इससे जुड़े हुए थे।
धर्मगुरु पर गंभीर आरोप
राकेश ने धर्मगुरु पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि धर्मगुरु ने उनकी बेटी और पत्नी को बहका कर उनके खिलाफ कर दिया। इससे उनका पारिवारिक जीवन पूरी तरह बर्बाद हो गया। राकेश का दावा है कि धर्मगुरु ने उनकी बेटी का इस्तेमाल करके उनके खिलाफ कानून का सहारा लिया और पॉक्सो एक्ट के तहत शिकायत दर्ज करवाई।
हिंदू धर्म में स्वीकृति की अपील
धर्म परिवर्तन के बाद राकेश ने हिंदू समाज से अनुरोध किया कि उन्हें और उनके बेटे को स्वीकार किया जाए। उन्होंने कहा कि यदि उन्होंने कोई गलती की है, तो उन पर कार्रवाई की जा सकती है। उनका कहना है कि हिंदू धर्म में उनका पहले से ही जुड़ाव रहा है और अब वह इसे पूरी तरह से अपनाना चाहते हैं।
राकेश के बेटे दिनेश ने भी कहा कि उन्होंने अपनी मर्जी से हिंदू धर्म अपनाया है। दिनेश का कहना है कि उन्हें सनातन धर्म से बहुत पहले से लगाव है और अब वह अपने पिता के साथ इस धर्म का हिस्सा बनकर खुश हैं।