शोभना शर्मा, अजमेर। जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत ने शुक्रवार को विधानसभा में घोषणा की कि अजमेर जिले में पेयजल समस्या के समाधान के लिए मोहरसागर कृत्रिम बांध बनाया जाएगा। इस बांध की भराव क्षमता लगभग 200 एमसीएम घन मीटर होगी और इसके द्वारा अजमेर और इसके आसपास के क्षेत्रों को दो वर्षों तक पेयजल उपलब्ध कराया जा सकेगा, जिससे बीसलपुर बांध पर निर्भरता कम होगी।
प्रश्नकाल के दौरान मंत्री सुरेश रावत ने बताया कि संशोधित पीकेसी लिंक परियोजना (एकीकृत ईआरसीपी) में पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों (नव गठित 21 जिलों) को लाभान्वित क्षेत्र में शामिल किया गया है, जिनमें अजमेर और ब्यावर जिले भी शामिल हैं।
इससे पहले विधायक शंकर सिंह रावत के प्रश्न के लिखित जवाब में जल संसाधन मंत्री ने बताया कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के तहत राज्य सरकार ने नवनेरा बैराज और ईसरदा बांध के निर्माण के लिए क्रमशः 1054.45 करोड़ रुपये और 942.08 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है। इसके अलावा, वर्ष 2024-25 के अंतरिम बजट में योजना की क्रियान्विति के लिए 45 हजार करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं।
मंत्री रावत ने यह भी बताया कि राज्य में पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 9600 करोड़ रुपये के LOA जारी किए गए हैं। इसके साथ ही, परियोजना के अंतर्गत 5 महत्वपूर्ण लिंक और चंबल बेसिन के कार्यों को भी चरणबद्ध रूप से पूरा करने की योजना है।
मोहरसागर बांध के निर्माण से अजमेर और आसपास के क्षेत्रों की पेयजल समस्या का समाधान हो सकेगा और यह एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।