latest-newsचित्तौड़गढ़राजनीतिराजस्थान

विधायक धाकड़ ने शिक्षा मंत्री के बयान पर उठाई आपत्ति

विधायक धाकड़ ने शिक्षा मंत्री के बयान पर उठाई आपत्ति

मनीषा शर्मा।  राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के शिक्षकों के कपड़े पहनने के तरीके को लेकर दिए गए विवादास्पद बयान पर अब उनकी ही पार्टी के विधायकों ने विरोध जताना शुरू कर दिया है। बेगूं से विधायक डॉ. सुरेश धाकड़ ने दिलावर के बयान की सार्वजनिक रूप से आलोचना की और इसे अस्वीकार्य बताया।

यह विरोध तब सामने आया जब विधायक धाकड़ ने बेगूं में एक एथलेटिक्स प्रतियोगिता का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि लोग अब उनसे सवाल पूछते हैं कि शिक्षा मंत्री इस तरह के बयान कैसे दे सकते हैं। धाकड़ ने शिक्षा मंत्री के इस बयान को अनावश्यक बताया और कहा कि यह शिक्षकों का अपमान है। उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि शिक्षा मंत्री को बुलाकर इस मुद्दे पर उन्हें समझाया जाए और शिक्षकों के प्रति सम्मानजनक दृष्टिकोण अपनाया जाए।

विधायक धाकड़ की प्रतिक्रिया

बेगूं विधायक धाकड़ ने अपने संबोधन में कहा कि, “शिक्षक स्कूलों में कठिन परिश्रम करते हैं, लेकिन हमारे शिक्षा मंत्री इधर-उधर के बयान देकर उन्हें हतोत्साहित करते हैं। किसी भी बड़े पद पर होते हुए भी ऐसे बयान नहीं देने चाहिए, जो शिक्षकों का अपमान करें। सुधार के लिए नियम बनाए जा सकते हैं, लेकिन अनर्गल बयानबाजी सही नहीं है।”

विधायक ने सुझाव दिया कि अगर राज्य सरकार को शिक्षकों के पहनावे को लेकर कोई चिंता है, तो वे एक स्पष्ट ड्रेस कोड लागू करें और शिक्षकों को वर्ष में दो सरकारी ड्रेस गिफ्ट के रूप में दें। उन्होंने कहा कि अगर ड्रेस कोड के बावजूद कोई शिक्षक इसका पालन नहीं करता है, तो उसे कार्रवाई के दायरे में लाया जा सकता है, लेकिन शिक्षकों का अपमान नहीं होना चाहिए।

शिक्षा मंत्री के बयान का विवाद

तीन दिन पहले, राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने नीमकाथाना के नृसिंहपुरी गांव में एक कार्यक्रम के दौरान बयान दिया था कि कुछ शिक्षक और शिक्षिकाएं “पूरा शरीर दिखाकर स्कूल आते हैं”, जो बच्चों पर गलत प्रभाव डालता है। उनका कहना था कि शिक्षक-शिक्षिकाओं को अपनी पोशाक और आचरण पर ध्यान देना चाहिए ताकि वे बच्चों के सामने एक आदर्श प्रस्तुत कर सकें। दिलावर के इस बयान पर कई शिक्षकों और राजनीतिक नेताओं ने विरोध व्यक्त किया।

विधायक धाकड़ का विरोध और सुझाव

विधायक धाकड़ ने कहा कि, “अगर सुधार करना है तो ड्रेस कोड लागू करो, लेकिन अनर्गल बयानबाजी करके शिक्षकों का मनोबल मत गिराओ। मैं मुख्यमंत्री से आग्रह करूंगा कि वे शिक्षा मंत्री को बुलाकर समझाएं कि शिक्षकों का अपमान नहीं होना चाहिए। अगर कोई कानून या नियम लागू करना है, तो उसकी घोषणा करें।”

धाकड़ ने यह भी कहा कि ऐसे बयान पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को नुकसान पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा कि कई लोगों ने उनसे पूछा है कि शिक्षा मंत्री इस तरह के बयान क्यों दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री का बयान भाजपा की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाता है और इसे रोका जाना चाहिए।

शिक्षा मंत्री की सफाई और नए बयान

अपने बयान पर हो रहे विरोध के बाद, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने सफाई देते हुए कहा कि उनका उद्देश्य केवल यह था कि शिक्षक आदर्श कपड़े पहनकर स्कूल आएं। उन्होंने जोर देकर कहा कि शिक्षकों को अपने आचरण से बच्चों को संस्कार देने चाहिए। हालांकि, बाद में बारां में दिए गए एक और बयान में दिलावर ने अपने विरोधियों को “बेवकूफ” कहा, जो उनके बयान को लेकर आपत्ति जता रहे थे। उन्होंने कहा कि शिक्षक बच्चों पर असर डालते हैं, इसलिए उन्हें अपने व्यवहार और पहनावे पर ध्यान देना चाहिए।

विधायक ने की मुख्यमंत्री से अपील

विधायक धाकड़ ने मुख्यमंत्री से अपील की कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें और शिक्षा मंत्री को सलाह दें कि ऐसे विवादास्पद बयान देकर शिक्षकों का अपमान न करें। उन्होंने सुझाव दिया कि अगर राज्य सरकार को शिक्षकों के पहनावे को लेकर चिंता है, तो वे एक ड्रेस कोड लागू करें। उन्होंने कहा कि अगर किसी शिक्षक को इसका पालन करने में समस्या होती है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए, लेकिन केवल बयानबाजी से समस्या हल नहीं होगी।

एथलेटिक्स प्रतियोगिता का शुभारंभ और विधायक की घोषणाएँ

यह विवाद उस समय उभरा जब बेगूं में पीएम श्री राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में 68वीं जिला स्तरीय एथलेटिक्स प्रतियोगिता का उद्घाटन किया गया। विधायक धाकड़ ने ध्वजारोहण कर प्रतियोगिता का शुभारंभ किया और इस अवसर पर स्कूल के लिए कई घोषणाएँ की। उन्होंने कहा कि स्कूल में पेयजल की व्यवस्था के लिए ट्यूबवेल और सिंगल फेज मोटर लगाई जाएगी। साथ ही, उन्होंने स्कूल के जर्जर कमरों को गिराकर नए कमरे बनाने की भी घोषणा की।

प्रतियोगिता में छात्रों की भागीदारी

इस चार दिवसीय प्रतियोगिता में 17 से 19 आयु वर्ग की छात्राओं ने हिस्सा लिया। प्रतियोगिता में जिले की 44 टीमें शामिल हुईं, और स्कूल की छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में मुख्य निर्णायक रेखा चौधरी ने बताया कि इस प्रतियोगिता में जिले की कई प्रमुख छात्राएं शामिल हो रही हैं और खेलों के माध्यम से उनकी प्रतिभाओं को बढ़ावा दिया जा रहा है।

 

post bottom ad

Discover more from MTTV INDIA

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading