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सिंधु नदी का पानी लाने की मांग, विधायक भाटी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

सिंधु नदी का पानी लाने की मांग, विधायक भाटी ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

मनीषा शर्मा । राजस्थान के पश्चिमी इलाके लंबे समय से पेयजल और सिंचाई के लिए मानसून पर निर्भर रहे हैं। यहां का जनजीवन पानी की कमी से जूझता रहा है, वहीं किसान और पशुपालक हर साल जल संकट की मार झेलते हैं। इस गंभीर स्थिति को देखते हुए राजस्थान के शिव विधानसभा क्षेत्र से विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है। इस पत्र में उन्होंने पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौते को रद्द किए जाने के बाद सिंधु और इसकी सहायक नदियों का पानी पश्चिमी राजस्थान तक लाने की मांग की है। उनका कहना है कि यदि यह जल पश्चिमी जिलों तक पहुंचता है, तो न केवल स्थानीय लोगों को राहत मिलेगी, बल्कि इससे राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

सिंधु जल समझौते पर भारत का सख्त रुख

हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रवैया अपनाते हुए सिंधु जल समझौता 1960 को स्थगित कर दिया। इस निर्णय का व्यापक स्तर पर स्वागत हुआ और इसे देश की सुरक्षा और आत्मसम्मान के लिहाज से एक बड़ा कदम माना गया। इसी पृष्ठभूमि में विधायक भाटी ने अपने पत्र में सुझाव दिया कि इस निर्णय के बाद अब देश के हित में सिंधु नदी के जल का पूर्ण उपयोग किया जाना चाहिए।

पश्चिमी राजस्थान की जल संकट की स्थिति

भाटी ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि पश्चिमी राजस्थान के जैसलमेर, बाड़मेर और बालोतरा जैसे जिले वर्षा पर ही निर्भर हैं। यहां की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से कृषि और पशुपालन पर आधारित है। पेयजल के स्रोत बेहद सीमित हैं और गर्मियों में तो हालात और भी खराब हो जाते हैं। मानसून की अनिश्चितता के कारण किसानों को खेती छोड़नी पड़ती है और पशुपालकों को अपने जानवरों को पानी पिलाने के लिए मीलों दूर जाना पड़ता है।

सिंधु जल से मिलेगा नया जीवन

विधायक भाटी का मानना है कि सिंधु और उसकी सहायक नदियों का पानी अगर पश्चिमी राजस्थान की तरफ डायवर्ट किया जाए, तो यह क्षेत्र जल संकट से मुक्त हो सकता है। इसके जरिए सिंचाई के लिए पर्याप्त जल मिलेगा, जिससे कृषि उत्पादन में इजाफा होगा। साथ ही गांव-गांव तक पेयजल पहुंचने से जीवन स्तर में सुधार आएगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था सशक्त बनेगी।

औद्योगिक और ऊर्जा क्षेत्र को भी मिलेगा लाभ

पश्चिमी राजस्थान आज देश का सबसे बड़ा रिन्यूएबल एनर्जी हब बनता जा रहा है। यहां सोलर और विंड एनर्जी के बड़े प्रोजेक्ट्स लगे हैं, जिनके संचालन के लिए पानी की आवश्यकता होती है। वर्तमान में ये प्रोजेक्ट्स भूमिगत जल पर निर्भर हैं, जिससे स्थानीय लोगों के लिए जल संकट और गहरा गया है। अगर सिंधु जल इस क्षेत्र में लाया जाता है, तो ऊर्जा उद्योग को भी राहत मिलेगी और लोगों को उनके हिस्से का पानी भी मिल सकेगा।

सुरक्षा और रणनीतिक दृष्टिकोण से अहम

भाटी ने अपने पत्र में यह भी लिखा कि पाकिस्तान लंबे समय से आतंकवाद को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से समर्थन देता रहा है। ऐसे में भारत की ओर से उसे बहुमूल्य जल संसाधन देना न केवल रणनीतिक गलती है, बल्कि यह नैतिक रूप से भी उचित नहीं है। सिंधु जल समझौते का निलंबन एक सही कदम है, लेकिन अब उसका लाभ भारत के नागरिकों को मिलना चाहिए।

पूर्व में भी उठी है यह मांग

इससे पहले जोधपुर जिले के ओसियां विधायक भैराराम सियोल ने भी पीएम मोदी को पत्र लिखकर पश्चिमी राजस्थान में नदियां लाने की मांग की थी। अब शिव विधायक रविंद्र भाटी ने इस मांग को और बल देते हुए राष्ट्रीय स्तर पर इस दिशा में ठोस योजना बनाने की अपील की है।

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