शोभना शर्मा । राजस्थान की राजनीति में आज एक बार फिर हलचल मच गई जब संगरिया से कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया और छात्र नेता निर्मल चौधरी को जयपुर स्थित एक परीक्षा केंद्र से गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस की यह कार्रवाई उस समय हुई जब दोनों नेता परीक्षा दे रहे थे। इस गिरफ्तारी के बाद पूरे प्रदेश में विरोध की लहर दौड़ गई है, और कांग्रेस खेमे सहित छात्र संगठनों ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला बताया है।
बिना वर्दी में पहुंचे पुलिसकर्मी, परीक्षा केंद्र से उठाया गया
जानकारी के अनुसार, जयपुर में परीक्षा के दौरान कुछ पुलिसकर्मी बिना वर्दी के परीक्षा केंद्र में दाखिल हुए और वहीं से विधायक पूनिया और छात्र नेता चौधरी को गिरफ्तार कर लिया गया। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर सोशल मीडिया पर भी प्रतिक्रियाएं तेज हो गई हैं। समर्थकों का कहना है कि यह गिरफ्तारी योजनाबद्ध तरीके से की गई ताकि आवाज उठाने वालों को दबाया जा सके।
निर्मल चौधरी की तीखी प्रतिक्रिया
गिरफ्तारी के तुरंत बाद छात्र नेता निर्मल चौधरी के आधिकारिक ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) हैंडल से बयान जारी किया गया। उन्होंने सवाल उठाया,
“पुलिस बिना वर्दी आकर चलती परीक्षा में अवरोध उत्पन्न कर रही है। आख़िर यह पुलिस की नौकरी में गुंडों का रूप तो नहीं?”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्हें और विधायक अभिमन्यु पूनिया को परीक्षा के दौरान परीक्षा केंद्र के भीतर से गिरफ्तार किया गया, जिसे उन्होंने लोकतंत्र के लिए चिंताजनक स्थिति बताया।
अभिमन्यु पूनिया बोले- यह लड़ाई जारी रहेगी
विधायक अभिमन्यु पूनिया ने भी गिरफ्तारी को लेकर कड़ा विरोध दर्ज कराया। उन्होंने कहा,
“क्या अब भाजपा के इस क्रूर शासन में आम आदमी की आवाज उठाना अपराध हो गया है? हम इस कायरतापूर्ण हरकत से अन्याय के खिलाफ लड़ना बंद नहीं करेंगे।”
उनका यह बयान कांग्रेस समर्थकों और छात्र समूहों के बीच तेज़ी से वायरल हो रहा है। कई कांग्रेस नेताओं ने इसे लोकतांत्रिक अधिकारों के दमन की संज्ञा दी है।
गांधीनगर थाने की ओर कूच का ऐलान
गिरफ्तारी के बाद गांधीनगर थाना, जहां दोनों नेताओं को ले जाया गया है, वहां भारी संख्या में समर्थकों के जुटने की सूचना है। कांग्रेस नेता अनिल चोपड़ा ने सार्वजनिक आह्वान करते हुए सभी कार्यकर्ताओं से गांधीनगर थाने पहुंचने की अपील की है। सोशल मीडिया पर भी #FreePoonia और #JusticeForNirmal जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
विपक्ष का सरकार पर निशाना
इस घटनाक्रम के बाद कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया है कि वह विरोधी आवाजों को दबाने के लिए लोकतांत्रिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर रही है। कांग्रेस नेताओं ने इसे एक राजनीतिक प्रतिशोध बताया और कहा कि यह गिरफ्तारी राजकीय शक्ति का दुरुपयोग है।