मनीषा शर्मा।शिक्षा मंत्रालय ने शनिवार को NTA (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) की परीक्षाओं में गड़बड़ियां रोकने और पारदर्शिता लाने के लिए 7 सदस्यीय हाई लेवल कमेटी का ऐलान किया। इस कमेटी के चीफ ISRO के पूर्व चेयरमैन और IIT कानपुर के पूर्व डायरेक्टर के. राधाकृष्णन होंगे। यह कमेटी 2 महीने में अपनी रिपोर्ट शिक्षा मंत्रालय को सौंपेगी।
NEET एग्जाम विवाद पर शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने 20 जून को प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा की थी। शिक्षा मंत्री ने कहा था कि यह कमेटी NTA के स्ट्रक्चर, फंक्शनिंग, एग्जाम प्रोसेस, ट्रांसपेरेंसी, ट्रांसफर और डेटा सिक्योरिटी प्रोटोकॉल को सुधारने के लिए शिक्षा मंत्रालय को सुझाव देगी।
NTA का गठन 2017 में किया गया था। इसका काम है देश के उच्च शिक्षण संस्थानों में एडमिशन और स्कॉलरशिप के लिए क्वालिटी टेस्टिंग सर्विस प्रदान करना। हाल ही में, NTA ने 9 दिनों में 3 परीक्षाएं रद्द की हैं। 19 जून को UGC NET परीक्षा गड़बड़ियों की आशंका के कारण रद्द कर दी गई थी और इससे पहले 12 जून को NCET की परीक्षा रद्द की गई थी।
NEET UG रीएग्जाम 23 जून को होना है। 6 नए सेंटर बनाए गए हैं, जिनमें चंडीगढ़ का एक सेंटर भी शामिल है। यह परीक्षा 2 बजे से 5:20 बजे तक 6 शहरों में कंडक्ट की जाएगी। हरियाणा के झज्जर सेंटर को बदल दिया गया है, जहां से 720/720 स्कोर करने वाले 6 कैंडिडेट्स सामने आए थे।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि NEET एग्जाम को जीरो एरर बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा। उन्होंने NTA की प्रक्रियाओं में सुधार के लिए उच्च स्तरीय कमेटी की स्थापना की भी पुष्टि की।