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CM के विदेश दौरे पर मंत्रियों ने संभाली कमान, नए जिलों में बदलाव की तैयारी

CM के विदेश दौरे पर मंत्रियों ने संभाली कमान, नए जिलों में बदलाव की तैयारी

मनीषा शर्मा।  राजस्थान में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के विदेश दौरे के दौरान उनके मंत्रियों ने राज्य की सियासत को गरमा दिया है। भजनलाल ‘राइजिंग राजस्थान समिट 2024’ के आयोजन को लेकर कोरिया की यात्रा पर हैं, और इस बीच उनके मंत्रियों ने प्रदेश की राजनीति में अहम बयान देकर हलचल मचा दी है।

मुख्यमंत्री की अनुपस्थिति में मंत्रियों ने मोर्चा संभालते हुए नए जिलों और नगर निगमों से जुड़े मुद्दों पर अहम बयान दिए। खासकर गहलोत सरकार के दौरान बने 17 नए जिलों का मामला और जयपुर, जोधपुर, तथा कोटा में दो-दो नगर निगमों की पुनर्संरचना को लेकर सरकार बड़े बदलाव की तैयारी में है।

17 नए जिलों में 5-6 ही लायक: झाबर सिंह खर्रा

नए जिलों को लेकर यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि गहलोत सरकार द्वारा बनाए गए 17 जिलों में से केवल 5-6 जिले ही मापदंडों के अनुसार सही हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कई तहसीलों को जिला घोषित कर दिया, जो मानकों के अनुरूप नहीं हैं। इन जिलों की पुनर्विचार प्रक्रिया चल रही है और जल्द ही इनमें से कुछ जिलों को समाप्त किया जा सकता है। झाबर सिंह ने यह भी कहा कि नए जिलों को लेकर गहलोत सरकार ने जनता को गुमराह किया और अब वर्तमान सरकार इन जिलों की समीक्षा कर रही है।

जयपुर, जोधपुर और कोटा में एक ही नगर निगम की तैयारी

गहलोत सरकार के कार्यकाल में जयपुर, जोधपुर और कोटा में दो-दो नगर निगम बनाए गए थे। भजनलाल सरकार अब इन शहरों में दो निगमों को समाप्त कर एक ही नगर निगम की व्यवस्था लागू करने की तैयारी कर रही है। यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने इस पर बड़ा बयान दिया और कहा कि राज्य सरकार ‘वन स्टेट, वन इलेक्शन’ के सिद्धांत पर काम कर रही है। इसके अंतर्गत 2025 तक सभी शहरी निकायों के चुनाव एक साथ करवाने की योजना बनाई जा रही है, ताकि प्रशासनिक व्यवस्था अधिक सुदृढ़ हो सके।

गहलोत के दावों पर जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत का पलटवार

जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट (ईआरसीपी) को लेकर तीखा हमला किया। उन्होंने गहलोत पर आरोप लगाया कि उन्होंने केवल बड़े-बड़े विज्ञापन देकर जनता को दिखावे का काम किया, लेकिन वास्तविकता में कुछ भी नहीं किया। रावत ने कहा कि अगर गहलोत ने सही तरीके से काम किया होता, तो आज वह घर पर नहीं बैठते। उन्होंने दावा किया कि राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच एमओयू किया जा चुका है, और वर्तमान सरकार की डीपीआर भी लगभग तैयार है। उन्होंने यह भी कहा कि गहलोत सरकार ईआरसीपी को लेकर जनता को गुमराह कर रही थी, जबकि भजनलाल सरकार इसे जल्द ही धरातल पर उतारने की दिशा में काम कर रही है।

राजनीतिक विश्लेषण

भजनलाल सरकार के मंत्री अपनी बयानों से सियासत को लगातार गरमाए हुए हैं। चाहे वह नए जिलों की समीक्षा हो या नगर निगमों की पुनर्संरचना, मंत्रियों के बयान स्पष्ट करते हैं कि राज्य की राजनीतिक दिशा में बड़े बदलाव आने वाले हैं।

भजनलाल शर्मा की अनुपस्थिति में उनके मंत्रियों ने न केवल मोर्चा संभाला है, बल्कि महत्वपूर्ण राजनीतिक मुद्दों पर तीखे बयान भी दिए हैं। नए जिलों और नगर निगमों के संबंध में लिए जाने वाले निर्णयों का असर प्रदेश की राजनीति पर गहरा होगा।

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