मनीषा शर्मा। कोटा जिले में बुधवार को जिला परिषद की साधारण सभा की बैठक उस समय गर्मा गई जब ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने सड़क निर्माण की खराब गुणवत्ता पर पीडब्ल्यूडी इंजीनियरों से तीखे सवाल पूछे। बैठक में उपस्थित मंत्री मदन दिलावर ने भी इंजीनियरों और विभागीय अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। मामला तब बढ़ा जब मंत्री नागर ने नाराजगी जताते हुए कहा — “तुमने जितनी इंजीनियरिंग की होगी, उससे ज्यादा रोड मैंने बनवा दिए हैं।”
सड़क निर्माण की गुणवत्ता पर सवाल
बैठक के दौरान लाड़पुरा पंचायत समिति क्षेत्र की सड़कों की खराब हालत पर चर्चा हुई। मंत्री हीरालाल नागर ने कहा कि नई बनी डामर सड़कों की स्थिति बेहद खराब है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब निर्माण इंजीनियरों की निगरानी में हुआ, तो सड़कें इतनी जल्दी कैसे खराब हो गईं? नागर ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि सड़कें “गंजा” यानी उखड़ी हुई क्यों हैं और किसकी लापरवाही के कारण यह स्थिति बनी। मंत्री नागर ने स्पष्ट कहा कि यदि निर्माण कार्य में गुणवत्ता नहीं रखी गई है तो ठेकेदार से पूरी राशि रिकवर की जाएगी और सड़क को खुदवाकर दोबारा बनाया जाएगा।
मंत्री मदन दिलावर ने भी लगाई फटकार
ऊर्जा मंत्री के बाद शिक्षा एवं पंचायत राज मंत्री मदन दिलावर ने भी इंजीनियरों से सवाल किया कि जब निर्माण कार्य उनके पर्यवेक्षण में हुआ, तो सड़क की क्वालिटी हल्की क्यों है। दिलावर ने इंजीनियरों से पूछा, “आपने ठेकेदार का कितना भुगतान रोका?” इंजीनियर ने जवाब दिया कि 10 प्रतिशत भुगतान रोका गया है। इस पर मंत्री दिलावर भड़क गए और कहा — “क्या बेवकूफ बना रहे हो? जब 100 प्रतिशत खराब कर दिया तो 10 प्रतिशत रोकने से क्या फायदा? क्या 10 प्रतिशत में रोड बन जाएगी?” मंत्री ने आगे कहा कि निर्माण कार्यों में कोई भी विभाग ईमानदारी से काम नहीं कर रहा है। उन्होंने इसे गंभीर मामला बताते हुए जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के संकेत दिए।
ठेकेदारों से पूरी रिकवरी और पुनर्निर्माण के आदेश
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जहां भी सड़कों की गुणवत्ता खराब पाई गई है, वहां संबंधित ठेकेदारों से पूरी राशि रिकवर की जाएगी और सड़कों को खुदवाकर दोबारा बनाया जाएगा। लाड़पुरा पंचायत समिति के मंडाना क्षेत्र में क्षतिग्रस्त सीसी सड़क और सुल्तानपुर पंचायत समिति के सनीजा बावड़ी से बड़ोद पुलिया तक की डामर सड़क की जांच के आदेश दिए गए हैं। मंत्री नागर ने कहा कि “विकास कार्यों में गुणवत्ता की अनदेखी अस्वीकार्य है। अधिकारी अपनी जिम्मेदारी निभाएं और हर निर्माण कार्य की सख्त मॉनिटरिंग करें।”
अधिकारियों की अनुपस्थिति पर नाराजगी
बैठक में कई विभागीय अधिकारियों की अनुपस्थिति भी चर्चा का विषय रही। मंत्री नागर और दिलावर ने इसे गंभीरता से लेते हुए कहा कि ऐसे अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि “अगर अधिकारी ही बैठक में मौजूद नहीं रहेंगे, तो विकास कार्यों की समीक्षा कैसे होगी?”
फर्जी पट्टे और दोहरे आवंटन पर कार्रवाई के निर्देश
बैठक में मोई और बपावर क्षेत्र में एक ही जगह के दो पट्टे जारी करने और फर्जी पट्टों के मामलों पर भी चर्चा हुई। मंत्रियों ने ऐसे मामलों की जांच कर आवेदनकर्ता, पूर्व सरपंच और ग्राम विकास अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए।
किसानों को मुआवजा देने के निर्देश
ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने जिले में हुई हालिया बरसात से किसानों को हुए नुकसान पर भी चिंता जताई। उन्होंने कृषि अधिकारियों को तत्काल सर्वे करने और प्रभावित किसानों को मुआवजा देने के निर्देश दिए। नागर ने कहा कि “किसानों को नुकसान की भरपाई मिलनी चाहिए। मैं इस संबंध में कलेक्टर से बात करूंगा ताकि अधिक से अधिक मुआवजा राशि दिलाई जा सके।”
जिला परिषद सदस्यों ने काली पट्टी बांधकर किया विरोध
बैठक में कांग्रेस से जुड़े जिला परिषद सदस्यों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। उन्होंने जिला प्रमुख और मुख्य कार्यकारी अधिकारी पर बजट आवंटन में भेदभाव का आरोप लगाया। सदस्यों ने कहा कि कुछ क्षेत्रों को जानबूझकर विकास योजनाओं से वंचित रखा जा रहा है।
बैठक का सार – जवाबदेही और गुणवत्ता पर जोर
कोटा जिला परिषद की इस बैठक में मंत्रियों ने स्पष्ट संदेश दिया कि अब विकास कार्यों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सड़क निर्माण से लेकर किसानों को मुआवजा देने तक हर स्तर पर पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के आदेश दिए गए। मंत्री हीरालाल नागर की तीखी टिप्पणी — “तुमसे ज्यादा रोड मैंने बनवाए हैं” — ने बैठक को चर्चा का विषय बना दिया। यह बयान न केवल इंजीनियरों पर सीधा प्रहार था, बल्कि राजस्थान में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को लेकर सरकार की सख्ती का संकेत भी देता है।


