शोभना शर्मा। उदयपुर में मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय की कुलगुरु (VC) को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। राज्य सरकार के केबिनेट मंत्री और जनजाति मामलों के मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने कुलगुरु के हालिया बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि उनके विचारों से लगता है कि वे माओवाद से प्रभावित हैं। मंत्री ने यहां तक कहा कि ऐसे आचरण करने वाले कुलगुरु को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त किया जाना चाहिए।
मंत्री का सीधा हमला
बाबूलाल खराड़ी मंगलवार को उदयपुर टाउनहॉल में आयोजित नेशनल ट्राइबल फूड फेस्टिवल के उद्घाटन के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे। जब पत्रकारों ने विश्वविद्यालय में चल रहे विवाद और कुलगुरु के बयान पर उनसे सवाल पूछा तो उन्होंने कहा,
“कुलगुरु अपने आप को इतिहास की जानकार बताती हैं, लेकिन उनके बयान इस बात का संकेत देते हैं कि वे माओवादियों से प्रभावित हैं। यह आचरण किसी भी शैक्षणिक संस्था के लिए उचित नहीं है। सरकार को ऐसे कुलगुरु को बर्खास्त करना चाहिए।”
औरंगजेब पर दिए बयान को लेकर विवाद
मंत्री खराड़ी ने कहा कि कुलगुरु ने औरंगजेब को अच्छा प्रशासक बताया, लेकिन क्या वे इस बात से अनजान हैं कि औरंगजेब ने किस प्रकार शासन किया? उन्होंने कहा,
“हमारे यहां इतिहास में एक हाथ में तलवार और एक हाथ में कुरान की बात कही जाती है। या तो कुरान स्वीकार करो, नहीं तो गर्दन कटेगी। ऐसे में क्या औरंगजेब अच्छा प्रशासक था? यदि किसी को अच्छा प्रशासक देखना है तो मेवाड़ के राणा सांगा को देखना चाहिए, जिन्होंने सबसे उत्तम शासन दिया।”
उदयपुरवासियों में आक्रोश
मंत्री ने कहा कि इस मामले में उदयपुरवासियों के बीच आक्रोश है। कई छात्र भी गुस्से में हैं, लेकिन मैंने उन्हें समझाया है कि वे कानून हाथ में न लें। उन्होंने कहा कि वे इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री और राज्यपाल से भी बात करेंगे। खराड़ी ने दावा किया कि विश्वविद्यालय की कुलगुरु के खिलाफ पहले भी कई शिकायतें आ चुकी हैं।
छात्रों से दुर्व्यवहार का आरोप
मंत्री ने आगे आरोप लगाया कि कुलगुरु पर छात्रों के साथ दुर्व्यवहार करने के भी आरोप हैं। उन्होंने कहा,
“मुझे यह शिकायतें मिली हैं कि कुलगुरु आदिवासी छात्रों के साथ मारपीट और गाली-गलौज करती हैं। इतना ही नहीं, यह भी सुनने में आया है कि वे अपने कुत्तों की देखभाल के लिए भी छात्रों को मजबूर करती हैं। इस तरह का आचरण किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।”
कटारिया प्रकरण का जिक्र
बाबूलाल खराड़ी ने इस दौरान मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. अमरीका सिंह के बयान का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा,
“पहले भी एक वीसी थे जो गुलाबचंद कटारिया को जूते की माला पहनाने की बात करते थे। लेकिन बाद में उनके क्या हाल हुए, यह सबको पता है। लोकतंत्र में इस तरह की भाषा का कोई स्थान नहीं है। वर्तमान कुलगुरु ने जो बातें कहीं, वह भी किसी पढ़े-लिखे व्यक्ति की भाषा नहीं है।”
विधानसभा में कैमरों को लेकर विवाद
इसी दौरान पत्रकारों ने जब उनसे विधानसभा में हाई-क्वालिटी कैमरे लगाने के मामले पर सवाल किया तो मंत्री ने कहा कि कैमरे किसी के बेडरूम में नहीं लगाए गए हैं, बल्कि सदन के हॉल में लगाए गए हैं। उन्होंने कहा,
“पहले से ही कैमरे लगे हुए थे। अब जो कैमरे लगाए गए हैं, वे अधिक बेहतर तकनीक के हैं। लोकसभा में भी कई बार दर्शक दीर्घा से लोग कूद जाते हैं, ऐसी घटनाओं पर रोक लगाने और सदन की कार्यवाही पर नजर रखने के लिए ही ये कैमरे लगाए गए हैं।”
कांग्रेस पर भी साधा निशाना
मंत्री खराड़ी ने कांग्रेस पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास जनता से जुड़े मुद्दे नहीं हैं, इसलिए वे ऐसे विषयों को उठाकर राजनीतिक नाटक कर रही है। उन्होंने कहा,
“कांग्रेस कभी टोपी पहनकर आती है, कभी जैकेट पहनकर नाटक करती है, लेकिन जनता का कोई मुद्दा नहीं उठाती। इसीलिए ऐसे बयान और विवाद खड़े किए जाते हैं।”


