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गर्मी और लू से बचाव को लेकर चिकित्सा विभाग की चेतावनी

गर्मी और लू से बचाव को लेकर चिकित्सा विभाग की चेतावनी

शोभना शर्मा। राजस्थान में मई महीने की शुरुआत से ही तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है। कई जिलों में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच चुका है। झुलसाती गर्मी और लू के प्रकोप को देखते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने आम नागरिकों के लिए एक बार फिर चेतावनी जारी की है। विभाग ने विशेष रूप से वृद्धजन, कुपोषित बच्चे, गर्भवती महिलाएं और बीपी-डायबिटीज़ जैसे रोगों से पीड़ित लोगों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की सलाह दी है।

सीएमएचओ डॉ. नवनीत शर्मा ने सभी सरकारी और निजी अस्पतालों को अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि गर्मी और लू के कारण तापघात (हीट स्ट्रोक) जैसी जानलेवा स्थितियां उत्पन्न हो सकती हैं, जो शरीर में पानी और लवण की कमी के कारण होती हैं।

स्वास्थ्य केंद्रों को दी गई सख्त हिदायतें

चिकित्सा विभाग ने जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) को निर्देशित किया है कि वे लू और तापघात से पीड़ित रोगियों के इलाज हेतु आवश्यक दवाओं की आपातकालीन किट हर समय उपलब्ध रखें। इनमें ORS घोल, ड्रिपसेट, जीवन रक्षक दवाएं, थर्मामीटर और शुद्ध पेयजल की व्यवस्था प्रमुख रूप से शामिल हैं।

डॉ. शर्मा ने बताया कि शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट की कमी होने पर मरीज को चक्कर आना, सिरदर्द, थकावट, उल्टी, अधिक प्यास लगना, त्वचा का सूखना, पसीना आना बंद होना और यहां तक कि बेहोशी जैसी स्थिति भी हो सकती है। ऐसे में रोगी को तत्काल छायादार स्थान पर लिटाकर शरीर को ठंडा करना आवश्यक है।

घर से निकलने से पहले बरतें ये सावधानियां

चिकित्सा विभाग ने आमजन से अपील की है कि बिना आवश्यकता धूप में बाहर न निकलें। यदि बाहर निकलना जरूरी हो, तो सफेद या हल्के रंग के ढीले और सूती कपड़े पहनें, सिर, गर्दन और कान को गमछे या तौलिये से ढकें, आंखों के लिए रंगीन चश्मा और छतरी का प्रयोग करें।

डॉ. शर्मा ने बताया कि बाहर निकलने से पहले हल्का भोजन अवश्य करें, क्योंकि खाली पेट लू लगने की संभावना अधिक होती है। गर्मी में लगातार पानी पीते रहें और नींबू पानी, नारियल पानी, आम का पन्ना जैसे तरल पेय पदार्थों का सेवन करें।

श्रमिकों के लिए विशेष निर्देश

नरेगा, निर्माण कार्य या खेतों में काम कर रहे श्रमिकों को लेकर भी विभाग ने निर्देश जारी किए हैं। श्रमिकों के कार्यस्थल पर छाया और शुद्ध पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। साथ ही, थोड़े-थोड़े समय पर उन्हें विश्राम के लिए छायादार स्थानों में बैठने का अवसर मिलना चाहिए। इससे वे लू से सुरक्षित रह सकेंगे।

डॉ. शर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य केंद्रों को इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि हीट स्ट्रोक से पीड़ित मरीज को जल्द से जल्द प्राथमिक उपचार दिया जाए और गंभीर होने की स्थिति में उसे उच्च चिकित्सा संस्थान रेफर किया जाए।

लू लगने पर क्या करें

यदि किसी को लू लग जाए, तो उसे सबसे पहले छायादार और ठंडी जगह पर ले जाएं। उसके कपड़े ढीले कर दें और ठंडे पानी से शरीर को पोछें। यदि रोगी होश में हो, तो उसे जीवन रक्षक घोल, नींबू पानी या आम का पन्ना दें। अगर स्थिति नहीं सुधरे, तो 108 नंबर पर कॉल कर तत्काल एम्बुलेंस बुलाएं या निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाएं।

हाईरिस्क श्रेणियों को विशेष सतर्कता जरूरी

गर्मी और लू से सबसे अधिक खतरा हाईरिस्क लोगों को होता है, जिनमें वृद्धजन, गर्भवती महिलाएं, छोटे बच्चे और पुरानी बीमारियों जैसे मधुमेह (डायबिटीज़), उच्च रक्तचाप (बीपी) से ग्रसित लोग शामिल हैं। ऐसे लोगों को सुबह और शाम के समय ही बाहर निकलने की सलाह दी गई है।

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