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“MBA वाले होते हैं कन्फ्यूज, ज्यादा कन्फ्यूज लोग बनते हैं CEO”: कैलाश खेर

“MBA वाले होते हैं कन्फ्यूज, ज्यादा कन्फ्यूज लोग बनते हैं CEO”: कैलाश खेर

मनीषा शर्मा। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल (JLF) 2025 के दूसरे दिन मंच पर जाने-माने सिंगर कैलाश खेर अपने अलग ही अंदाज में नजर आए। उनके सेशन “तेरी दीवानी: शब्दों के पार” में उन्होंने अपने विचारों को खुलकर व्यक्त किया। इस दौरान उन्होंने MBA डिग्री धारकों और CEO बनने की प्रक्रिया को लेकर एक दिलचस्प टिप्पणी की, जो तेजी से चर्चा में आ गई।

कैलाश खेर ने कहा,
“MBA टाइप के लोग बहुत कन्फ्यूज होते हैं, और जो ज्यादा कन्फ्यूज होते हैं, वे CEO बन जाते हैं, क्योंकि उनकी पूरी टीम भी कन्फ्यूज होती है।”

इस बयान के बाद हंसी और तालियों की गूंज सुनाई दी, लेकिन सोशल मीडिया पर इस पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। कुछ लोगों ने इसे मजाक के तौर पर लिया, तो कुछ ने इसे MBA ग्रेजुएट्स और कॉर्पोरेट प्रोफेशनल्स का अपमान बताया।

कैलाश खेर ने आगे यह भी बताया कि उनकी अगली किताब का नाम “MBA टाइप के लोग कन्फ्यूज होते हैं” होगा। उन्होंने कहा कि “कोई अपनी किताब का टाइटल पहले नहीं बताता, लेकिन मैं कर रहा हूं।”

JLF मंच पर कश्मीर को लेकर विवाद, थिएटर एक्टर एमके रैना मंच छोड़कर गए

जहां एक ओर कैलाश खेर के बयान ने हल्का-फुल्का माहौल बनाया, वहीं दूसरी ओर “मेमोरीज फ्रॉम द स्क्रीन एंड स्टेज” सेशन में कश्मीर को लेकर तीखी बहस हो गई। सेशन के दौरान, थिएटर और बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता एमके रैना ने कश्मीर को लेकर बॉलीवुड फिल्मों की आलोचना की और मंच छोड़कर चले गए।

क्या था पूरा विवाद?

चार बाग में हो रहे इस सेशन में थिएटर एक्टर और डायरेक्टर एमके रैना, अभिनेत्री-सिंगर इला अरुण और अंजुला बेदी मौजूद थे। चर्चा के दौरान, एमके रैना ने बॉलीवुड द्वारा कश्मीर की गलत छवि दिखाए जाने पर नाराजगी जताई।

उन्होंने कहा,
“कई फिल्मों में कश्मीर की वास्तविकता को तोड़-मरोड़ कर दिखाया जाता है। यह राज्य को बदनाम करने की साजिश जैसा लगता है। जो लोग कश्मीर को नहीं जानते, वे उस पर फिल्में बना रहे हैं और मनगढ़ंत कहानियां दिखा रहे हैं।”

हालांकि उन्होंने किसी फिल्म का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा “द कश्मीर फाइल्स” जैसी फिल्मों की ओर माना जा रहा है।

इला अरुण ने जताई नाराजगी, बोलीं- “ऐसे गुस्सा करना सही नहीं”

जब एमके रैना अपनी बात रख रहे थे, उसी दौरान इला अरुण कश्मीर में किए गए अपने नाटक के अनुभव साझा कर रही थीं। लेकिन इसी बीच रैना अचानक उठकर मंच छोड़कर चले गए।

जब इला अरुण ने सेशन खत्म होने के बाद उनके बारे में पूछा, तो मॉडरेटर असद लालजी ने कहा कि “शायद उन्हें समय ज्यादा लगने की वजह से जाना पड़ा।”

इस पर इला अरुण ने आपत्ति जताते हुए कहा,
“इस पर उन्हें गुस्सा नहीं आना चाहिए था। चर्चा का उद्देश्य सही पहलुओं को सामने लाना था, लेकिन मंच छोड़कर चले जाना सही नहीं है।”

यह विवाद सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बन गया है। कुछ लोगों ने एमके रैना के स्टैंड का समर्थन किया, तो कुछ ने इला अरुण के पक्ष में प्रतिक्रिया दी।

कौन हैं एमके रैना और इला अरुण?

एमके रैना

  • जम्मू-कश्मीर में जन्मे थिएटर एक्टर और डायरेक्टर
  • नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) से 1970 में ग्रेजुएट हुए
  • 100 से ज्यादा नाटकों में अभिनय और निर्देशन किया
  • फिल्मों में “एक रुका हुआ फैसला”, “लक्ष्य”, “तारे ज़मीन पर” जैसी चर्चित भूमिकाएं निभाईं

इला अरुण

  • राजस्थान की जानी-मानी फोक सिंगर और एक्ट्रेस

  • “मोरनी बागा मा बोले”, “चोली के पीछे”, “गुप चुप गुप चुप” जैसे हिट गाने गाए

  • बॉलीवुड में “जोधा अकबर”, “वेलकम टू सज्जनपुर”, “बेगम जान” जैसी फिल्मों में अभिनय किया

  • कई नाटकों में भी काम किया और निर्देशन किया

ब्रिटिश कॉमेडियन डेविड वॉलियम्स के शो में पहुंचे जावेद अख्तर

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल में दिन की शुरुआत एक हल्के-फुल्के और मजेदार सेशन से हुई। मशहूर गीतकार जावेद अख्तर ब्रिटिश कॉमेडियन, एक्टर और राइटर डेविड वॉलियम्स के सेशन “डेविड वॉलियम्स: टेल्स ऑफ कॉमेडी, राइटिंग एंड इमेजिनेशन” में शामिल हुए।

इस सेशन में डेविड वॉलियम्स ने अपनी कॉमेडी और लेखन के बारे में खुलकर बात की। भारत में स्टैंड-अप कॉमेडी के बढ़ते ट्रेंड पर भी चर्चा हुई। भारतीय स्टैंड-अप कॉमेडियन पापा सीजे भी इस चर्चा का हिस्सा थे।

सेशन के दौरान जावेद अख्तर लगातार हंसते और कॉमेडी का आनंद लेते नजर आए।

 

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