शोभना शर्मा। राजस्थान के दौसा जिले में स्थित श्रद्धा का केंद्र मेहंदीपुर बालाजी मंदिर एक बार फिर प्रशासनिक उपेक्षा का गवाह बना है। स्थानीय व्यापारियों और ग्रामीणों ने बिजली संकट से परेशान होकर अनिश्चितकालीन बाजार बंद की घोषणा कर दी है। इसके साथ ही मंदिर जाने वाले मुख्य सड़क मार्ग को बैंच लगाकर जाम कर दिया गया है।
इस आंदोलन से न केवल स्थानीय व्यापार प्रभावित हुआ है, बल्कि बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
बिजली संकट बना आंदोलन की जड़
व्यापारियों और ग्रामीणों का आरोप है कि वे पिछले छह महीनों से बिजली संकट से जूझ रहे हैं, लेकिन प्रशासन के उच्चाधिकारी उनकी बात सुनने तक को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है कि विद्युत आपूर्ति में लगातार बाधाएं, ट्रांसफार्मरों की खराबी और बार-बार कटौती के कारण न तो व्यापार ठीक से चल पा रहा है और न ही श्रद्धालुओं को आवश्यक सुविधाएं मिल रही हैं।
बिजली न होने के कारण बाजार में लाइटिंग व्यवस्था ठप है, जिससे रात के समय श्रद्धालुओं की आवाजाही मुश्किल हो गई है। साथ ही गर्मी और उमस में पंखे व कूलर तक नहीं चल पा रहे, जिससे दुकानदार और आगंतुक दोनों ही परेशान हैं।
धरने पर बैठे व्यापारी और ग्रामीण
मेहंदीपुर बालाजी व्यापार मंडल और स्थानीय ग्रामीण संगठनों ने एकजुट होकर मंदिर मार्ग पर धरना शुरू कर दिया है। मंदिर परिसर की ओर जाने वाले मुख्य रास्ते को बैंच और टेंट लगाकर बंद कर दिया गया है। इस दौरान नारेबाजी करते हुए प्रदर्शनकारी प्रशासन और सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त कर रहे हैं।
धरने पर बैठे व्यापारी यह भी कह रहे हैं कि उन्होंने दो दिन पहले सिकराय SDM और बिजली विभाग के अधिकारियों को ज्ञापन सौंपकर बिजली व्यवस्था दुरुस्त करने की मांग की थी। परंतु, अब तक न तो कोई जमीनी कार्रवाई हुई है और न ही कोई अधिकारी मौके पर पहुंचा है।
श्रद्धालुओं को भी हो रही परेशानी
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में हर दिन हजारों श्रद्धालु आते हैं, जो अब इस आंदोलन से प्रभावित हो रहे हैं। धरने और बाजार बंद के कारण पानी, चाय व अन्य खाद्य पदार्थों की दुकानों पर ताले लटके हैं। श्रद्धालु गर्मी में परेशान हो रहे हैं और मंदिर दर्शन के लिए पहुंचने में असहज महसूस कर रहे हैं।
कई श्रद्धालुओं ने स्थानीय व्यापारियों का समर्थन करते हुए कहा कि, “जब इस धार्मिक स्थल की मूलभूत आवश्यकताओं की अनदेखी हो रही है, तो विरोध जायज है। यहां की व्यवस्था प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए।”
आंदोलनकारियों की चेतावनी
मेहंदीपुर बालाजी व्यापार मंडल के सचिव विजेंद्र मीणा ने मीडिया से बात करते हुए कहा:
“हमारी मांग है कि धरना स्थल पर स्वयं सरकार का कोई मंत्री, विधायक, जिला कलेक्टर या विद्युत विभाग का उच्चाधिकारी आकर हमें लिखित आश्वासन दे कि बिजली समस्या का स्थायी समाधान किया जाएगा। जब तक ऐसा नहीं होता, बाजार अनिश्चितकालीन बंद रहेगा।”
उन्होंने यह भी कहा कि यदि जल्द समाधान नहीं हुआ, तो अगला कदम नेशनल हाईवे-21 को जाम करने का होगा, जिससे राज्य और देशभर से आने वाले यात्रियों को भी कठिनाई हो सकती है। यह आंदोलन अब केवल बिजली की लड़ाई नहीं, बल्कि प्रशासनिक जवाबदेही की मांग बन गया है।
प्रशासन की चुप्पी और जनता की नाराजगी
अब तक प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। न तो कोई अधिकारी धरना स्थल पर पहुंचा और न ही कोई वैकल्पिक व्यवस्था की गई है। इससे व्यापारियों और ग्रामीणों में भारी नाराजगी है।