मनीषा शर्मा। जयपुर शहर में सोमवार सुबह चौंकाने वाला नज़ारा देखने को मिला, जब जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव स्तर के जज, मोबाइल मजिस्ट्रेट, आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस की संयुक्त टीम के साथ स्कूलों के वाहनों की व्यापक जांच के लिए सड़कों पर उतरे। सुबह 7 बजे शुरू हुए इस अभियान में शहर के कई स्कूलों में बच्चों को लेकर आने वाली बसों, वैनों और ऑटोरिक्शाओं की गहन जांच की गई।
जांच के दौरान यह बात सामने आई कि अधिकांश स्कूल वाहनों में सुरक्षा मानकों की गंभीर अनदेखी हो रही है। नियमों का पालन न करने वाले वाहन चालकों के मौके पर ही चालान काटे गए और कई वाहनों को जब्त भी किया गया। यह अभियान करीब दो घंटे चला, जिसमें अधिकारियों ने सुरक्षा नियमों के 21 पॉइंट पर हर वाहन का निरीक्षण किया।
विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर अभियान
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (RALSA) के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई। जयपुर में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण प्रथम के सचिव दीपेंद्र माथुर और द्वितीय की सचिव पल्लवी शर्मा स्वयं मौके पर मौजूद रहे। दोनों अधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान सुरक्षा मानकों को लेकर गंभीर टिप्पणी की और कहा कि बच्चों की सुरक्षा के मामले में किसी भी तरह की लापरवाही स्वीकार्य नहीं है।
21 पॉइंट चेक में एक भी वाहन पास नहीं
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा 21 पॉइंट चेकलिस्ट के आधार पर स्कूल वाहनों की जांच की गई, लेकिन एक भी वाहन ऐसा नहीं मिला जो सभी नियमों का पालन कर रहा हो।
सबसे गंभीर बातें जो सामने आईं:
अधिकांश वाहनों में फर्स्ट एड किट नहीं मिली।
किसी भी वाहन में GPS सिस्टम नहीं लगा था, जबकि यह सुरक्षा के लिए अनिवार्य है।
वैन और ऑटो जैसे छोटे वाहनों में इमरजेंसी एग्जिट का कोई प्रावधान ही नहीं था।
इन कमियों के चलते अधिकारियों ने कई ड्राइवरों को चेतावनी दी, चालान काटे और गंभीर उल्लंघन वाले वाहनों को जब्त करने का आदेश दिया।
15 वर्ष पुराना वाहन जब्त, क्षमता से अधिक बच्चों वाले वाहन भी पकड़े गए
बनीपार्क क्षेत्र में निरीक्षण के दौरान चिल्ड्रन एकेडमी स्कूल में एक ऐसा वाहन मिला जिसकी आयु 15 वर्ष से अधिक थी, फिर भी वह बच्चों को लाने-ले जाने के लिए उपयोग किया जा रहा था। यह वाहन तुरंत ही जब्त कर लिया गया।
इसी तरह माहेश्वरी पब्लिक स्कूल की एक वैन की जांच में पाया गया कि उसमें तय क्षमता से कहीं अधिक बच्चों को बैठाया गया है। यह गंभीर सुरक्षा उल्लंघन पाया गया, जिस पर जज पल्लवी शर्मा ने संबंधित वाहन को तुरंत सीज करने का निर्देश दिया।
आरटीओ और ट्रैफिक पुलिस की टीम ने मौके पर ही इन गाड़ियों को जब्त करते हुए चालान जारी किए।
वर्ष में तीन बार निरीक्षण अनिवार्य
RALSA ने प्रदेशभर के जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों को निर्देशित किया है कि स्कूल वाहनों की साल में कम से कम तीन बार अनिवार्य जांच की जाए।
जांच रिपोर्ट की अंतिम तिथियाँ:
10 अप्रैल
10 अगस्त
10 दिसंबर
इसके अलावा, महीने में होने वाले अन्य निरीक्षणों की रिपोर्ट हर महीने की 15 तारीख तक भेजने के निर्देश दिए गए हैं।


